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PFI से संपर्क के संदेह में NIA ने सामुदायिक भवन पर मारा छापा

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Published : Sep 30, 2022, 3:42 PM IST

एनआईए (NIA) ने दक्षिण कन्नड़ (Dakshina Kannada) जिले के बंतवाल तालुका के मित्तूर में सामुदायिक भवन पर शुक्रवार को छापा मारा. इस भवन के परिसर को पीएफआई के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षित किए जाने का संदेह है.

NIA
एनआईए

मेंगलुरु : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने शुक्रवार को दक्षिण कन्नड़ (Dakshina Kannada) जिले के बंतवाल तालुका के मित्तूर में 'फ्रीडम' सामुदायिक भवन पर छापा मारा. एजेंसी को संदेह था कि पीएफआई के कर्मचारियों को भवन के परिसर में प्रशिक्षित किया गया था. पुलिस सूत्रों ने कहा कि सामुदायिक भवन का संचालन करने वाले न्यास के न्यासियों में से एक अयूब अग्नाडी को एनआईए के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था जबकि एक अन्य न्यासी मसूद अग्नाडी फरार है.

एनआईए को संदेह है कि बंतवाल, पुत्तूर और सुल्लिया के सूनसान इलाकों में प्रतिबंधित पीएफआई के कार्यकर्ताओं को आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था. सूत्रों ने कहा कि मित्तूर के फ्रीडम सामुदायिक भवन में राज्य के कई युवाओं को प्रशिक्षित किए जाने का संदेह है. न्यास ने इस सामुदायिक भवन को 2007 में खोला था. उन्होंने कहा कि भगोड़े न्यासी मसूद की तलाश की जा रही है.

एनआईए ने इससे पहले भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेत्तार की हत्या की जांच के सिलसिले में छह सितंबर को सामुदायिक भवन पर छापा मारा था. बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं कई राज्यों से इस संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग हो रही थी. हाल कि कुछ दिनों में NIA और कई राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई (Popular Front of India) के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पीएफआई (PFI) को 5 साल प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है. पीएफआई के अलावा 9 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है.

ये भी पढ़ें - केंद्र सरकार ने PFI पर 5 साल का बैन लगाया

(पीटीआई-भाषा)

मेंगलुरु : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने शुक्रवार को दक्षिण कन्नड़ (Dakshina Kannada) जिले के बंतवाल तालुका के मित्तूर में 'फ्रीडम' सामुदायिक भवन पर छापा मारा. एजेंसी को संदेह था कि पीएफआई के कर्मचारियों को भवन के परिसर में प्रशिक्षित किया गया था. पुलिस सूत्रों ने कहा कि सामुदायिक भवन का संचालन करने वाले न्यास के न्यासियों में से एक अयूब अग्नाडी को एनआईए के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था जबकि एक अन्य न्यासी मसूद अग्नाडी फरार है.

एनआईए को संदेह है कि बंतवाल, पुत्तूर और सुल्लिया के सूनसान इलाकों में प्रतिबंधित पीएफआई के कार्यकर्ताओं को आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था. सूत्रों ने कहा कि मित्तूर के फ्रीडम सामुदायिक भवन में राज्य के कई युवाओं को प्रशिक्षित किए जाने का संदेह है. न्यास ने इस सामुदायिक भवन को 2007 में खोला था. उन्होंने कहा कि भगोड़े न्यासी मसूद की तलाश की जा रही है.

एनआईए ने इससे पहले भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेत्तार की हत्या की जांच के सिलसिले में छह सितंबर को सामुदायिक भवन पर छापा मारा था. बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं कई राज्यों से इस संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग हो रही थी. हाल कि कुछ दिनों में NIA और कई राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई (Popular Front of India) के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पीएफआई (PFI) को 5 साल प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है. पीएफआई के अलावा 9 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है.

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(पीटीआई-भाषा)

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