ETV Bharat / bharat

पूर्व पत्नी द्वारा बलात्कार के आरोप का सामना कर रहे व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से दी राहत

Supreme Court, Supreme Court News, Rajasthan High Court, सुप्रीम कोर्ट ने उस व्यक्ति को जांच के दौरान गिरफ्तारी से राहत दी है, जिस पर उसकी पत्नी ने बलात्कार के आरोप लगाए थे. जानकारी के अनुसार याचिकाकर्ता ने राजस्थान उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी के आदेश के बाद उच्चतम न्यायालय की ओर रुख किया था.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 20, 2023, 3:52 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा उसके खिलाफ लगाए गए बलात्कार के आरोपों की जांच के दौरान गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है. चार साल पहले, 29 वर्षीय पारस उर्फ परवेज़ को एक मुस्लिम महिला से प्यार हो गया. उसने कथित तौर पर एक सक्रिय यौनकर्मी होने के उसके काम को नजरअंदाज कर दिया और अपना धर्म हिंदू से इस्लाम में परिवर्तित कर लिया.

उसने अप्रैल 2019 में मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार उससे शादी कर ली. हालांकि, प्रेम कहानी में खटास आ गई, महिला ने जुलाई 2019 में पति को तलाक दे दिया और अप्रैल 2023 में एक प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने उसे वेश्यावृत्ति में धकेलने का प्रयास किया. उसके साथ बलात्कार किया और आपत्तिजनक तस्वीरों के साथ उसे ब्लैकमेल भी किया.

पारस ने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसने उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था. शीर्ष अदालत ने 15 सितंबर को उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी थी और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने 13 दिसंबर, 2023 को पारित एक आदेश में उन्हें जांच के दौरान गिरफ्तारी से पूर्ण सुरक्षा दी.

न्यायमूर्ति एसके कौला और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि 'पक्षकारों के विद्वान वकील को सुना. राज्य के विद्वान वकील का कहना है कि अब अपीलकर्ता सहयोग कर रहा है. उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, हम उचित मानते हैं कि दिनांक 15.09.2023 के अंतरिम आदेश को अपील में अंतिम आदेश बनाया जाए. अपील का निपटारा किया जाता है.' अधिवक्ता नमित सक्सेना ने शीर्ष अदालत के समक्ष पारस का प्रतिनिधित्व किया.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा उसके खिलाफ लगाए गए बलात्कार के आरोपों की जांच के दौरान गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है. चार साल पहले, 29 वर्षीय पारस उर्फ परवेज़ को एक मुस्लिम महिला से प्यार हो गया. उसने कथित तौर पर एक सक्रिय यौनकर्मी होने के उसके काम को नजरअंदाज कर दिया और अपना धर्म हिंदू से इस्लाम में परिवर्तित कर लिया.

उसने अप्रैल 2019 में मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार उससे शादी कर ली. हालांकि, प्रेम कहानी में खटास आ गई, महिला ने जुलाई 2019 में पति को तलाक दे दिया और अप्रैल 2023 में एक प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने उसे वेश्यावृत्ति में धकेलने का प्रयास किया. उसके साथ बलात्कार किया और आपत्तिजनक तस्वीरों के साथ उसे ब्लैकमेल भी किया.

पारस ने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसने उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था. शीर्ष अदालत ने 15 सितंबर को उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी थी और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने 13 दिसंबर, 2023 को पारित एक आदेश में उन्हें जांच के दौरान गिरफ्तारी से पूर्ण सुरक्षा दी.

न्यायमूर्ति एसके कौला और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि 'पक्षकारों के विद्वान वकील को सुना. राज्य के विद्वान वकील का कहना है कि अब अपीलकर्ता सहयोग कर रहा है. उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, हम उचित मानते हैं कि दिनांक 15.09.2023 के अंतरिम आदेश को अपील में अंतिम आदेश बनाया जाए. अपील का निपटारा किया जाता है.' अधिवक्ता नमित सक्सेना ने शीर्ष अदालत के समक्ष पारस का प्रतिनिधित्व किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.