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SC ने वसीम रिजवी को 3 महीने की अंतरिम जमानत दी, हरिद्वार धर्म संसद में दिया था विवादित बयान - जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी न्यूज़

सुप्रीम कोर्ट ने हरिद्वार धर्म संसद में दिए गए हेट स्पीम मामले में वसीम रिजवी को 3 महीने की अंतरिम जमानत दी है. रिजवी पर आरोप है कि हरिद्वार धर्म संसद में उन्होंने धर्म विशेष के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया था.

Supreme Court grants interim bail to Wasim Rizvi
वसीम रिजवी को 3 महीने की अंतरिम जमानत
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Published : May 17, 2022, 2:54 PM IST

Updated : May 17, 2022, 4:32 PM IST

दिल्ली/देहरादून: हरिद्वार हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को तीन महीने की अंतरिम जमानत दे दी है. जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल दिसंबर में आयोजित हरिद्वार धर्म संसद में अभद्र भाषा का प्रयोग किया था.

जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को इसी साल 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि रिजवी के वकील ने हृदय रोग के इलाज के लिए जमानत की मांग की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए आदेश दिया कि जमानत के दौरान वह कोई भड़काऊ भाषण नहीं देंगे.

12 मई को भी सुप्रीम कोर्ट में हुई थी सुनवाई: इससे पहले 12 मई को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए क​हा था, चूंकि वे खुद संवेदनशील नहीं है, इससे पूरा माहौल खराब हो रहा है. पीठ ने त्यागी की जमानत याचिका पर राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया था.

ये भी पढ़ें: हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में तीसरी गिरफ्तारी, कोर्ट ने दिनेशानंद भारती को भेजा जेल

त्यागी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि त्यागी लगभग छह महीने से हिरासत में हैं और वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामले में अधिकतम सजा तीन साल ही है और इन आधारों पर उन्हें बेल दी जाना चाहिए. गौरतलब है कि इस साल मार्च में उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

ये है पूरा मामलाः हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें एक विशेष समुदाय के खिलाफ कथित रूप से कुछ आपत्तिजनक बयान दिए गए थे. ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे, जिसके बाद इन वायरल वीडियो के आधार पर कई लोगों ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ 23 दिसंबर को हरिद्वार शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया था.

वहीं, इसी वीडियो के आधार पर हरिद्वार के ज्वालापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले नदीम ने वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में तहरीर दी थी, जिसके आधार पुलिस ने वसीम रिजवी के खिलाफ IPC की धारा 153ए, 298 में मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद विवेचक ने इन मुकदमे में संत धर्मदास, साध्वी अन्नपूर्णा भारती, स्वामी यति नरसिंहानंद व सागर सिंधु महाराज के नाम बढ़ाए थे. मामले की जांच एसआईटी कर रही है. अभी तक नरसिंहानंद पर 5 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. वसीम रिजवी, यति नरसिंहानंद गिरि और दिनेशानंद भारती उर्फ सागर सिंधु महाराज गिरफ्तार भी हो चुके हैं.

दिल्ली/देहरादून: हरिद्वार हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को तीन महीने की अंतरिम जमानत दे दी है. जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल दिसंबर में आयोजित हरिद्वार धर्म संसद में अभद्र भाषा का प्रयोग किया था.

जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को इसी साल 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि रिजवी के वकील ने हृदय रोग के इलाज के लिए जमानत की मांग की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए आदेश दिया कि जमानत के दौरान वह कोई भड़काऊ भाषण नहीं देंगे.

12 मई को भी सुप्रीम कोर्ट में हुई थी सुनवाई: इससे पहले 12 मई को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए क​हा था, चूंकि वे खुद संवेदनशील नहीं है, इससे पूरा माहौल खराब हो रहा है. पीठ ने त्यागी की जमानत याचिका पर राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया था.

ये भी पढ़ें: हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में तीसरी गिरफ्तारी, कोर्ट ने दिनेशानंद भारती को भेजा जेल

त्यागी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि त्यागी लगभग छह महीने से हिरासत में हैं और वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामले में अधिकतम सजा तीन साल ही है और इन आधारों पर उन्हें बेल दी जाना चाहिए. गौरतलब है कि इस साल मार्च में उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

ये है पूरा मामलाः हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें एक विशेष समुदाय के खिलाफ कथित रूप से कुछ आपत्तिजनक बयान दिए गए थे. ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे, जिसके बाद इन वायरल वीडियो के आधार पर कई लोगों ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ 23 दिसंबर को हरिद्वार शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया था.

वहीं, इसी वीडियो के आधार पर हरिद्वार के ज्वालापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले नदीम ने वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में तहरीर दी थी, जिसके आधार पुलिस ने वसीम रिजवी के खिलाफ IPC की धारा 153ए, 298 में मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद विवेचक ने इन मुकदमे में संत धर्मदास, साध्वी अन्नपूर्णा भारती, स्वामी यति नरसिंहानंद व सागर सिंधु महाराज के नाम बढ़ाए थे. मामले की जांच एसआईटी कर रही है. अभी तक नरसिंहानंद पर 5 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. वसीम रिजवी, यति नरसिंहानंद गिरि और दिनेशानंद भारती उर्फ सागर सिंधु महाराज गिरफ्तार भी हो चुके हैं.

Last Updated : May 17, 2022, 4:32 PM IST
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