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होनहार दिव्यांग ने पैरों से लिखी सफलता की इबारत, इंटर में हासिल किए 70 फीसदी अंक

यूपी बोर्ड की ओर से शनिवार को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम जारी कर दिए गए हैं. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में लड़किया अव्वल रहीं. वहीं राजधानी लखनऊ के क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज के दिव्यांग छात्र तुषार विश्वकर्मा ने 70% अंक हासिल किए. बता दें कि तुषार अपने पैरों से लिखते हैं.

होनहार दिव्यांग
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Published : Jul 31, 2021, 10:35 PM IST

लखनऊ: सफलता उन्हीं को मिलती है, जो मंजिल तक पहुंचने के लिए हर मुश्किल को पार करने का हौसला रखते हैं. इस तरह के सुविचार हम रोज अपने जीवन में पढ़ते और सुनते हैं, लेकिन लखनऊ के क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज के छात्र तुषार विश्वकर्मा इन पंक्तियों को चरितार्थ करने में लगे हैं. दोनों हाथों से दिव्यांग यह छात्र अपनी किस्मत को लिख रहा है.

70% अंक हासिल किए

बता दें कि तुषार दोनों हाथों से दिव्यांग होने के कारण लिख नहीं सकते हैं, लेकिन तुषार ने अपनी इस कमजोरी को हार का कारण नहीं बनने दिया. निरंतर अभ्यास, परिश्रम और कठिन मेहनत का नतीजा है कि तुषार अपने पैरों से लिखते हैं. हाथ की जगह पैर उसका साथ दे रहे हैं. शनिवार को जारी इंटरमीडिएट के नतीजों में उसने 70% अंक हासिल किए हैं. इससे पहले हाईस्कूल में तुषार को 67 प्रतिशत अंक मिले थे. तुषार की यह मेहनत लगन उन लोगों के लिए एक नसीहत है, जो जरा सी मुश्किल के आगे झुक जाते हैं.

होनहार दिव्यांग ने पैरों से लिखी सफलता की इबारत

पिता को बेटे पर गर्व

क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज के प्रबंधक योगेंद्र सचान कहते हैं कि तुषार की मेहनत और लगन देखकर ही उसे स्कूल में प्रवेश दिया गया था. उसने साबित कर दिया कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत. तुषार के पिता राजेश विश्वकर्मा कहते हैं कि उनके तीन बच्चों में तुषार सबसे छोटा है. बाकी दोनों बच्चे सामान्य हैं. बड़े भाई-बहन को स्कूल जाता देख तुषार भी स्कूल जाने की जिद करता था. आज उसने साबित कर दिया कि उनका बेटा जीवन में आगे कुछ करने की हिम्मत रखता है. उन्हें अपने बेटे पर गर्व है.

इंजीनियर बनने की है चाह, स्कूल ने बढ़ाए हाथ

तुषार एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं, लेकिन उसके हौसले बुलंद हैं. यूपी बोर्ड से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद अब वह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं. तुषार कहते हैं कि वह देश और समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं. तुषार की इसी लगन को देखते हुए उसके स्कूल क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज के प्रशासन की तरफ से भी तुषार के लिए मदद के हाथ आगे बढ़ाए गए हैं. स्कूल के प्रबंधक योगेंद्र सचान ने बताया कि स्कूल प्रशासन आगे की पढ़ाई में तुषार को हर संभव मदद देने के लिए तैयार खड़ा हुआ है.

लखनऊ: सफलता उन्हीं को मिलती है, जो मंजिल तक पहुंचने के लिए हर मुश्किल को पार करने का हौसला रखते हैं. इस तरह के सुविचार हम रोज अपने जीवन में पढ़ते और सुनते हैं, लेकिन लखनऊ के क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज के छात्र तुषार विश्वकर्मा इन पंक्तियों को चरितार्थ करने में लगे हैं. दोनों हाथों से दिव्यांग यह छात्र अपनी किस्मत को लिख रहा है.

70% अंक हासिल किए

बता दें कि तुषार दोनों हाथों से दिव्यांग होने के कारण लिख नहीं सकते हैं, लेकिन तुषार ने अपनी इस कमजोरी को हार का कारण नहीं बनने दिया. निरंतर अभ्यास, परिश्रम और कठिन मेहनत का नतीजा है कि तुषार अपने पैरों से लिखते हैं. हाथ की जगह पैर उसका साथ दे रहे हैं. शनिवार को जारी इंटरमीडिएट के नतीजों में उसने 70% अंक हासिल किए हैं. इससे पहले हाईस्कूल में तुषार को 67 प्रतिशत अंक मिले थे. तुषार की यह मेहनत लगन उन लोगों के लिए एक नसीहत है, जो जरा सी मुश्किल के आगे झुक जाते हैं.

होनहार दिव्यांग ने पैरों से लिखी सफलता की इबारत

पिता को बेटे पर गर्व

क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज के प्रबंधक योगेंद्र सचान कहते हैं कि तुषार की मेहनत और लगन देखकर ही उसे स्कूल में प्रवेश दिया गया था. उसने साबित कर दिया कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत. तुषार के पिता राजेश विश्वकर्मा कहते हैं कि उनके तीन बच्चों में तुषार सबसे छोटा है. बाकी दोनों बच्चे सामान्य हैं. बड़े भाई-बहन को स्कूल जाता देख तुषार भी स्कूल जाने की जिद करता था. आज उसने साबित कर दिया कि उनका बेटा जीवन में आगे कुछ करने की हिम्मत रखता है. उन्हें अपने बेटे पर गर्व है.

इंजीनियर बनने की है चाह, स्कूल ने बढ़ाए हाथ

तुषार एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं, लेकिन उसके हौसले बुलंद हैं. यूपी बोर्ड से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद अब वह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं. तुषार कहते हैं कि वह देश और समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं. तुषार की इसी लगन को देखते हुए उसके स्कूल क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज के प्रशासन की तरफ से भी तुषार के लिए मदद के हाथ आगे बढ़ाए गए हैं. स्कूल के प्रबंधक योगेंद्र सचान ने बताया कि स्कूल प्रशासन आगे की पढ़ाई में तुषार को हर संभव मदद देने के लिए तैयार खड़ा हुआ है.

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