संयुक्त राष्ट्र : शांति अभियानों के लिए अवर महासचिव लैक्रोइ (Under Secretary-General Lacroi) ने सियोल में अगले महीने होने वाली संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा की मंत्रिस्तीय बैठक से पहले कहा कि उनके पास संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा मिशन (United nations peacekeeping mission) में सर्वाधिक बल मुहैया कराने वाले देशों में शामिल भारत के लिए दो संदेश हैं.
लैक्रोइ ने दिए हालिया साक्षात्कार में कहा कि पहला आभार व्यक्त करने का संदेश है, क्योंकि भारत राजनीतिक सहयोग, क्षेत्र में संलिप्तता और क्षमताओं के संदर्भ में सहयोग समेत सभी क्षेत्रों में हमारे सबसे बड़े समर्थकों में से एक है.
उन्होंने कहा कि उन्हें शांति रक्षा अभियानों में पिछले कई वर्षों में अपनी जान गंवाने वाले भारतीय शांति रक्षकों का बलिदान याद है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा दूसरा संदेश बड़ी अपेक्षाएं हैं. हमें जिस चीज की आवश्यकता है, भारत में वह मुहैया कराने की क्षमताएं हैं.
संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रमुख (UN peacekeeping chief) ने कहा कि भारत में योग्य शांति रक्षकों के जरिए हमारी मदद करने की क्षमता है और देश में सेना एवं पुलिस दोनों तरह के शांति रक्षकों में महिलाओं की संख्या और बढ़ाने में मदद करने की स्पष्ट रूप से क्षमता है.
लैक्रोइ ने कहा कि भारत में कई प्रौद्योगिकियां हैं, जो संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों की वास्तव में मदद कर सकती हैं. शांति रक्षकों को ब्लू बेरेट्स या ब्लू हेलमेट्स के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने कहा कि इसलिए मेरा मानना है कि भारत इन सभी क्षेत्रों में बहुत कुछ कर रहा है, लेकिन उसके अलावा भी उसमें हमारा और सहयोग करने की बहुत क्षमता है.
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संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा (united nations peacekeeping) के कर्मियों में योगदान देने के मामले में भारत शीर्ष तीन देशों में शामिल है. दुनिया भर के 12 संयुक्त राष्ट्र मिशन में उसके 5,481 सैनिक सेवाएं दे रहे हैं.
(पीटीआई-भाषा)