ETV Bharat / bharat

Bihar Caste Census: जातीय जनगणना पर जल्द सुनवाई के लिए बिहार सरकार पहुंची पटना हाईकोर्ट, दायर की याचिका

author img

By

Published : May 5, 2023, 3:40 PM IST

Updated : May 5, 2023, 5:09 PM IST

पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को बिहार में जातिगत गणना कार्य पर रोक लगा दी थी. पटना हाईकोर्ट के फैसले से बिहार सरकार को बड़ा झटका लगा था. अगली सुनवाई 3 जुलाई को होने वाली है. कोर्ट के फैसले के बाद सरकार की तरफ से क्या कुछ कदम उठाया जाता है उस पर सब की नजर कल से थी. आज कोर्ट ने इस मामले में मुख्य न्यायाधीश की बेंच में याचिका दायर की है. पढ़ें, विस्तार से.

Bihar Caste Census
Bihar Caste Census

पटनाः बिहार सरकार ने जातिगत गणना पर जल्द सुनवाई करने को लेकर आज शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. सरकार ने मुख्य न्यायधीश की बेंच से जातीय जनगणना पर सुनवाई करने के लिए यह याचिका दायर की है. गौरतलब हो कि गुरुवार को पटना उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में जातिगत गणना पर तत्काल रोक लगाते हुए अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख निर्धारित की थी.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Caste Census: हाईकोर्ट के स्टे से बिहार सरकार को झटका, 500 करोड़ के प्रोजेक्ट पर जानिए कब-कब क्या हुआ?

याचिका में सरकार की दलील: राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि इन जनहित याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों पर कोर्ट ने अपना निर्णय अंतिम रूप से दे दिया है. इस कारण इन याचिकाओं की सुनवाई 3 जुलाई 2023 के पूर्व ही करके इनका निष्पादन कर दिया जाए. राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका में ये कहा गया है कि क्योंकि पटना हाइकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार के पास जातीय जनगणना कराने का वैधानिक अधिकार नहीं है, इसीलिए इन याचिकाओं पर 3 जुलाई 2023 को सुनवाई करने का कोई कारण नहीं है.

हाईकोर्ट ने लगायी रोकः आज बिहार सरकार की तरफ से इसपर जल्दी सुनवाई किए जाने के लिए मुख्य नयाधीश के पास ये याचिका दायर की है. सामान्य प्रशासन के उप सचिव रजनीश कुमार ने एफिडेविड दायर किया है. बता दें कि बिहार में दो चरणों में जातिगत गणना करायी जा रही थी. पहले चरण में मकानों की गणना की गई और यूनिक नंबर दिया गया था. दूसरे चरण का कार्य 15 अप्रैल से शुरू हुआ. 15 मई तक इसे पूरा कर लेना था. अब हाईकोर्ट ने गणना कार्य पर रोक लगा दी है. तीन जुलाई को सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की है.

क्या हुआ अबतकः नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में जातीय गणना पिछले साल ही शुरू कराने का फैसला लिया था. 9 जून 2022 को बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित गणना कराने की अधिसूचना जारी की थी. सरकार की ओर से कैबिनेट में 500 करोड़ की स्वीकृति दी गई थी. 7 जनवरी 2023 से जाति आधारित गणना की प्रक्रिया शुरू हुई थी. दूसरे चरण का कार्य 15 अप्रैल से शुरू हुआ. 15 मई तक पूरा कर लेना था.

कोर्ट पहुंचा मामलाः जातीय गणना रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मामला ले जाया गया था. सुप्रीम कोर्ट की ओर से 20 जनवरी 2023 को याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया गया. हाल में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटना हाई कोर्ट को सुनवाई कर दो दिनों में फैसला देने का निर्देश दिया था. पटना हाईकोर्ट ने 2 दिनों में सुनवाई पूरी की और आज गुरुवार को फैसला दिया है. लेकिन इस बीच जातीय गणना का दूसरे चरण का लगभग आधा कार्य हो चुका है. 215 जातियों को कोड देकर गिनती की जा रही है.

पटनाः बिहार सरकार ने जातिगत गणना पर जल्द सुनवाई करने को लेकर आज शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. सरकार ने मुख्य न्यायधीश की बेंच से जातीय जनगणना पर सुनवाई करने के लिए यह याचिका दायर की है. गौरतलब हो कि गुरुवार को पटना उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में जातिगत गणना पर तत्काल रोक लगाते हुए अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख निर्धारित की थी.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Caste Census: हाईकोर्ट के स्टे से बिहार सरकार को झटका, 500 करोड़ के प्रोजेक्ट पर जानिए कब-कब क्या हुआ?

याचिका में सरकार की दलील: राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि इन जनहित याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों पर कोर्ट ने अपना निर्णय अंतिम रूप से दे दिया है. इस कारण इन याचिकाओं की सुनवाई 3 जुलाई 2023 के पूर्व ही करके इनका निष्पादन कर दिया जाए. राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका में ये कहा गया है कि क्योंकि पटना हाइकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार के पास जातीय जनगणना कराने का वैधानिक अधिकार नहीं है, इसीलिए इन याचिकाओं पर 3 जुलाई 2023 को सुनवाई करने का कोई कारण नहीं है.

हाईकोर्ट ने लगायी रोकः आज बिहार सरकार की तरफ से इसपर जल्दी सुनवाई किए जाने के लिए मुख्य नयाधीश के पास ये याचिका दायर की है. सामान्य प्रशासन के उप सचिव रजनीश कुमार ने एफिडेविड दायर किया है. बता दें कि बिहार में दो चरणों में जातिगत गणना करायी जा रही थी. पहले चरण में मकानों की गणना की गई और यूनिक नंबर दिया गया था. दूसरे चरण का कार्य 15 अप्रैल से शुरू हुआ. 15 मई तक इसे पूरा कर लेना था. अब हाईकोर्ट ने गणना कार्य पर रोक लगा दी है. तीन जुलाई को सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की है.

क्या हुआ अबतकः नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में जातीय गणना पिछले साल ही शुरू कराने का फैसला लिया था. 9 जून 2022 को बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित गणना कराने की अधिसूचना जारी की थी. सरकार की ओर से कैबिनेट में 500 करोड़ की स्वीकृति दी गई थी. 7 जनवरी 2023 से जाति आधारित गणना की प्रक्रिया शुरू हुई थी. दूसरे चरण का कार्य 15 अप्रैल से शुरू हुआ. 15 मई तक पूरा कर लेना था.

कोर्ट पहुंचा मामलाः जातीय गणना रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मामला ले जाया गया था. सुप्रीम कोर्ट की ओर से 20 जनवरी 2023 को याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया गया. हाल में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटना हाई कोर्ट को सुनवाई कर दो दिनों में फैसला देने का निर्देश दिया था. पटना हाईकोर्ट ने 2 दिनों में सुनवाई पूरी की और आज गुरुवार को फैसला दिया है. लेकिन इस बीच जातीय गणना का दूसरे चरण का लगभग आधा कार्य हो चुका है. 215 जातियों को कोड देकर गिनती की जा रही है.

Last Updated : May 5, 2023, 5:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.