देहरादून : साल 2001 में राजनीति को लेकर एक अनोख प्रयोग के रूप में फिल्म नायक रिलीज हुई थी, जिसमें एक्टर अनिल कपूर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की गद्दी पर एक दिन के लिए बैठने का मौका मिला था. फिल्म के इस कॉन्सेप्ट ने दर्शकों को दिलों में एक अलग ही छाप छोड़ी थी. ऐसे ही तस्वीर साल 2021 में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में देखने को मिली. 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर हरिद्वार की सृष्टि गोस्वामी एक दिन के लिए उत्तराखंड की मुख्यमंत्री बनीं. हालांकि यह प्रतीकात्मक रहा और वो बाल विधानसभा सत्र में बतौर मुख्यमंत्री, सरकार के अलग-अलग विभागों के कार्यों का जायजा लिया.
एक दिन की सीएम सृष्टि गोस्वामी दोपहर 12 बजे विधानसभा पहुंचीं. जहां सरकार में प्रोटोकॉल मंत्री धन सिंह रावत और उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने सृष्टि का स्वागत किया. इसके बाद सृष्टि विधानसभा में कार्यभार ग्रहण किया और कमरा नंबर-120 में विभागों की समीक्षा बैठक ली.
मुख्यमंत्री बनने के बाद सभी विधायकों और अधिकारियों ने सृष्टि को शुभकामनाएं दीं. मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद बाल विधानसभा शुरू हुई. जहां पर विभागीय अधिकारियों ने अपनी विभाग की समीक्षा रिपोर्ट पेश की.
इसके बाद मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी ने नेता प्रतिपक्ष से निवेदन किया कि अगर आपके कोई सवाल है तो वे सरकार के समक्ष रखें. जिसके बाद प्रतिपक्ष ने शिक्षा पर्यटन और कानून व्यवस्था को लेकर अपने सवाल किए और मंत्रिमंडल की तरफ से उसका जवाब भी दिया गया. कार्यक्रम में बाल सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत भी मौजूद रहे.
एक दिन का सीएम बनने के बाद सृष्टि गोस्वामी ने 12 विभागों के अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की समीक्षा की. सभी विभागीय अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं पर 5-5 मिनट के लिए प्रेजेंटेशन दिया. योजनाओं के अलावा सृष्टि ने मुख्यमंत्री कार्यालय के कामों का जायजा भी लिया.
4 घंटे में 12 विभागों की समीक्षा
- सबसे पहले पीडब्ल्यूडी से जुड़े अधिकारियों ने टिहरी के डोबरा चांठी पुल को लेकर जानकारी दी और इस पुल को सालों साल बनने में क्यों लगे और इसके बाद कैसे इस पुल का काम तेजी से किया गया इन सभी जानकारियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया.
- बाल मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी जर्जर पुलों और खराब पुलों की मरम्मत की जाए और जरूरत वाली जगह पर नए पुलों के प्रस्ताव भी दिए जाएं.
- इसके बाद पर्यटन विभाग ने अपनी प्रस्तुति देकर राज्य में पर्यटन की व्यवस्थाओं और संभावनाओं की जानकारी दी. साथ ही शिक्षा विभाग ने अपनी योजनाओं के बारे में बताया.
- समीक्षा बैठक में उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों ने राज्य में कानून व्यवस्था को सुधारने और साइबर क्राइम की कमर तोड़ने को लेकर हो रहे प्रयासों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.
- इस दौरान सृष्टि गोस्वामी ने बालिकाओं की सुरक्षा और महिलाओं को बेहतर सुविधाएं देने समेत पलायन को रोकने के लिए प्रयासों को बढ़ाने के भी निर्देश दिए.
- बता दें कि सृष्टि गोस्वामी और उनके मंत्रिमंडल ने समीक्षा बैठक के बाद नारी निकेतन का निरीक्षण किया और वहां मौजूद बच्चों से बातचीत भी की.
- सृष्टि गोस्वामी और उनका मंत्रिमंडल विभिन्न विभागों द्वारा दी गई समीक्षा के बाद अपने सुझावों का एक प्रस्ताव तैयार कर बाल संरक्षण आयोग को देगा. जिसके बाद बाल संरक्षण आयोग इसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपेगा.
सीएम बनाने का क्या है उद्देश्य
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी के मुताबिक उत्तराखंड सरकार की ओर से सृष्टि को एक दिन का मुख्यमंत्री बनाने का मकसद 'लड़कियों के सशक्तिकरण को लेकर जागरूकता फैलाना है'. बता दें कि, उत्तराखंड में हर तीन साल में बाल विधानसभा का गठन किया जाता है. बाल विधानसभा में एक बाल मुख्यमंत्री का चयन किया जाता है.
सोशल मीडिया में जारी एक बयान में सृष्टि ने कहा था कि मैं बहुत खुश हूं कि मुझे एक दिन का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिल रहा है. उत्तराखंड सरकार के अलग-अलग विभागों की प्रस्तुति के बाद मैं उन्हें अपने सुझाव भी दूंगी. मैं खासकर बालिकाओं की सुरक्षा से जुड़े हुए सुझाव भी दूंगी.
प्रोटोकॉल मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में यह बाल संरक्षण आयोग का अपने आप में एक अभिनव प्रयोग है. इससे युवाओं में सरकार के कामकाज करने के तरीके और विभिन्न संवैधानिक व्यवस्थाओं को जानने में मदद मिलेगी. प्रोटोकॉल मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से बेहतर संबोधन दिया गया है और इस दौरान बेहतर सत्र चलाया गया और अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है.
वहीं, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने कहा कि नायक फिल्म में अनिल कपूर ने जिस तरह से एक दिन का मुख्यमंत्री बन कर लोगों को संदेश दिया था. उसी तर्ज पर असल जिंदगी में सृष्टि गोस्वामी ने एक दिन का मुख्यमंत्री बन कर तमाम कार्यों का संचालन किया है, जो देश-दुनिया के युवाओं को बेहतर संदेश दे रहा है.
सृष्टि के पिता चलाते हैं परचून की दुकान
सृष्टि के पिता प्रवीण पुरी हरिद्वार दौलतपुर में ही परचून की दुकान चलाते हैं, जबकि सृष्टि की मां सुधा गोस्वामी गृहिणी हैं. इससे पहले सृष्टि गोस्वामी को 2018 में बाल विधानसभा संगठन में बाल विधायक भी चुना गया था. सृष्टि के पिता प्रवीण पुरी ने कहा कि उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया है कि उनकी बेटी आज उस मुकाम पर पहुंच गई है, जहां पहुंचने के लिए लोग सपने देखते हैं. पूरे देश में पहली बार होने ऐसा होने जा रहा है, जब मेरी बेटी एक दिन के लिए ही सही प्रदेश की CM बनी.
वहीं, सृष्टि की मां सुधा गोस्वामी ने कहा मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है. बेटियां सब कुछ कर सकती हैं, बस उनका खुलकर साथ दीजिए, उन्हें सपोर्ट कीजिए. वे किसी से कम नहीं हैं. वे कोई भी मुकाम हासिल कर सकती हैं. सुधा गोस्वामी के मुताबिक सृष्टि के एक दिन का सीएम बनने से एक संदेश देश के हर माता-पिता को मिलेगा कि बेटियों को कभी आगे बढ़ने से रोकना नहीं चाहिए.
इससे पहले सृष्टि को मई 2018 में उत्तराखंड बाल विधानसभा का मुख्यमंत्री चुना गया था. उत्तराखंड में बाल विधानसभा गठन का कार्यक्रम बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से आयोजित किया जाता है. जिसमें प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से कई छात्र भागीदारी करते हैं और अपनी विधानसभा का संचालन करते हैं.
बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रेरणा बनीं
सृष्टि गोस्वामी को इससे पहले 2018 में हुई बाल विधानसभा में कानून निर्माता चुना गया था. साल 2019 में वह गर्ल्स इंटरनेशनल लीडरशिप कार्यक्रम में थाइलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकीं हैं. वह दो साल से 'आरंभ' नामक योजना चला रही हैं. इसमें इलाके के गरीब बच्चों खासकर लड़कियों को पढ़ाई के लिए प्रेरित कर रही हैं.
परिवार में खुशी का माहौल
अपनी बेटी की इस उपल्ब्धि पर सृष्टि के माता-पिता फूले नहीं समा रहे हैं. सृष्टि की मां ने त्रिवेंद्र सरकार को शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने कहा कि मैं सरकार का भी बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहती हूं, कि उन्होंने मेरी बेटी को इस लायक समझा. सृष्टि गोस्वामी के पिता का कहना है कि यह उदाहरण है, सभी लोग इस बात से प्रेरणा लें कि जब एक बेटी इस मुकाम को हासिल कर सकती है तो और कोई क्यों नहीं. हम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने मेरी बेटी को इस लायक समझा.