ETV Bharat / bharat

Hindi in Sri Lanka : अब श्रीलंका के बच्चे सीखेंगे हिंदी, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा- बिना हिंदी जाने प्रगति नहीं हो सकती

श्रीलंका के बच्चे भी अब हिंदी सीखेंगे. श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अपने देश के बच्चों से यह अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर हमारे बच्चों को आगे बढ़ना है, तो उन्हें हिंदी सीखनी होगी. राष्ट्रपति ने कहा कि जाहिर है, उन्हें अंग्रेजी और चीनी भाषा भी सीखनी होगी.

Ranil Vikram Singhe, Sri Lanka
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, (फोटो- ट्विटर)
author img

By

Published : Aug 17, 2023, 2:19 PM IST

कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि बदलती दुनिया में फिट होने के लिए द्वीप राष्ट्र में बच्चों को भविष्य में अंग्रेजी के अलावा हिंदी और चीनी भाषा भी सीखनी होगी. बुधवार को कोलंबो के एक स्कूल में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि भविष्य में फिट होने के लिए श्रीलंका में शिक्षा में भारी बदलाव करना होगा.

राष्ट्रपति ने कहा, “हमें नए विषय पेश करने होंगे. हमारे बच्चों को बदलती दुनिया में फिट होने के लिए अंग्रेजी के अलावा चीनी और हिंदी भाषा भी सीखनी होगी." श्रीलंकाई बच्चे स्कूलों में दूसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी सीखते हैं. हालांकि उच्च शिक्षा की धाराएं बदलने के साथ, ऐसे कई बच्चे हैं जो विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षाओं के लिए हिंदी और चीनी सीखते हैं.

उन्होंने कहा कि आने वाला समय तकनीक का है. इसलिए हमें तकनीक के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी होगी. राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी को जेनरेशन अल्फा में फिट होना होगा. जेन अल्फा मतलब तकनीक पर आधारित दुनिया. उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों को मोबाइल और पॉडकास्ट के जरिए शिक्षा दी जा सकती है. उनके अनुसार बच्चों को जीनोम तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स जैसे तकनीकी की जानकारी हासिल करनी होगी. यदि वे ऐसा करेंगे, तभी हम रेवेन्यू भी जेनरेट कर पाएंगे. श्रीलंका इससे पीछे नहीं हट सकता है और उसे ऐसा करना ही होगा, आखिरकार यह बच्चों के भविष्य का सवाल है. राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी प्रगति तभी होगी, जब हमारे बच्चे हिंदी पढ़ेंगे.

कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि बदलती दुनिया में फिट होने के लिए द्वीप राष्ट्र में बच्चों को भविष्य में अंग्रेजी के अलावा हिंदी और चीनी भाषा भी सीखनी होगी. बुधवार को कोलंबो के एक स्कूल में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि भविष्य में फिट होने के लिए श्रीलंका में शिक्षा में भारी बदलाव करना होगा.

राष्ट्रपति ने कहा, “हमें नए विषय पेश करने होंगे. हमारे बच्चों को बदलती दुनिया में फिट होने के लिए अंग्रेजी के अलावा चीनी और हिंदी भाषा भी सीखनी होगी." श्रीलंकाई बच्चे स्कूलों में दूसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी सीखते हैं. हालांकि उच्च शिक्षा की धाराएं बदलने के साथ, ऐसे कई बच्चे हैं जो विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षाओं के लिए हिंदी और चीनी सीखते हैं.

उन्होंने कहा कि आने वाला समय तकनीक का है. इसलिए हमें तकनीक के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी होगी. राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी को जेनरेशन अल्फा में फिट होना होगा. जेन अल्फा मतलब तकनीक पर आधारित दुनिया. उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों को मोबाइल और पॉडकास्ट के जरिए शिक्षा दी जा सकती है. उनके अनुसार बच्चों को जीनोम तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स जैसे तकनीकी की जानकारी हासिल करनी होगी. यदि वे ऐसा करेंगे, तभी हम रेवेन्यू भी जेनरेट कर पाएंगे. श्रीलंका इससे पीछे नहीं हट सकता है और उसे ऐसा करना ही होगा, आखिरकार यह बच्चों के भविष्य का सवाल है. राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी प्रगति तभी होगी, जब हमारे बच्चे हिंदी पढ़ेंगे.

ये भी पढ़ें : श्रीलंका में भारतीय कर पाएंगे UPI से पेमेंट, दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर

(आईएएनएस)

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.