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आंध्र प्रदेश में विशेषता: जहां देवी श्रीअडांकी नंचरम्मा भक्तों के घर पहुंचकर देती हैं दर्शन

देवी श्रीअडांकी नंचरम्मा मंदिर आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के मोपीदेवी (मंडल) के पेडाप्रोलू गांव में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि देवी 200 साल पहले विश्वनाथपल्ली से यहां आई थीं. तभी से यह महोत्सव (जतरा) हर साल मार्च के महीने में आयोजित किया जाता है. जिसमें बड़ी संख्या में भक्त उत्सव में शामिल होंगे और देवी की पूजा अर्चना करेंगे.

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Published : Mar 18, 2022, 3:04 PM IST

Updated : Mar 18, 2022, 3:35 PM IST

अमरावती: देवी श्रीअडांकी नंचरम्मा मंदिर आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के मोपीदेवी (मंडल) के पेडाप्रोलू गांव में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि देवी 200 साल पहले विश्वनाथपल्ली से यहां आई थीं.

मूल रूप से भक्त मंदिर में पूजा करने जाते हैं लेकिन Addanki Nancharamma Ammavaru हर साल मार्च में देवी नंचरम्मा 15 दिनों के लिए जुलूस में घर-घर जाएंगी. घर के सभी लोग देवी की पूजा-अर्चना करेंगे. वे देवी को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं. वे देवी को रेशमी साड़ियां चढ़ाते हैं. ग्रामीणों का मानना ​​है कि अगर देवी उनके घर में प्रवेश करती हैं, तो उनकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है.

जैसे आज जतरा महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. मंदिर में कई भक्त पहुंच रहे हैं. हर साल लगभग एक लाख भक्त नंचरम्मा मंदिर में आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. पुलिस सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है. मंदिर में विवाह योग्य जोड़ों के लिए विवाह के लिए आवश्यक सभी चीजें निःशुल्क प्रदान की जाती हैं. मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा अब तक 250 जोड़ों की सहायता की जा चुकी है. कुरापति कोटेश्वर राव नाम के एक व्यक्ति ने लाखों रुपये खर्च किए और मंदिर की मीनार, मंडपम और अन्य संरचनाओं का निर्माण किया.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में होली सीआरपीएफ जवानों के संग, बिखरे म्यूजिक, मस्ती और डांस के रंग

ग्रामीणों का कहना है कि अगर देवी हमारे घरों में प्रवेश करती हैं तो उनकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. हम देवी नंचरम्मा को अपने परिवार के सदस्य के रूप में मानते हैं. हर साल मार्च में यह महोत्सव आयोजित किया जाता है.

अमरावती: देवी श्रीअडांकी नंचरम्मा मंदिर आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के मोपीदेवी (मंडल) के पेडाप्रोलू गांव में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि देवी 200 साल पहले विश्वनाथपल्ली से यहां आई थीं.

मूल रूप से भक्त मंदिर में पूजा करने जाते हैं लेकिन Addanki Nancharamma Ammavaru हर साल मार्च में देवी नंचरम्मा 15 दिनों के लिए जुलूस में घर-घर जाएंगी. घर के सभी लोग देवी की पूजा-अर्चना करेंगे. वे देवी को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं. वे देवी को रेशमी साड़ियां चढ़ाते हैं. ग्रामीणों का मानना ​​है कि अगर देवी उनके घर में प्रवेश करती हैं, तो उनकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है.

जैसे आज जतरा महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. मंदिर में कई भक्त पहुंच रहे हैं. हर साल लगभग एक लाख भक्त नंचरम्मा मंदिर में आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. पुलिस सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है. मंदिर में विवाह योग्य जोड़ों के लिए विवाह के लिए आवश्यक सभी चीजें निःशुल्क प्रदान की जाती हैं. मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा अब तक 250 जोड़ों की सहायता की जा चुकी है. कुरापति कोटेश्वर राव नाम के एक व्यक्ति ने लाखों रुपये खर्च किए और मंदिर की मीनार, मंडपम और अन्य संरचनाओं का निर्माण किया.

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ग्रामीणों का कहना है कि अगर देवी हमारे घरों में प्रवेश करती हैं तो उनकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. हम देवी नंचरम्मा को अपने परिवार के सदस्य के रूप में मानते हैं. हर साल मार्च में यह महोत्सव आयोजित किया जाता है.

Last Updated : Mar 18, 2022, 3:35 PM IST
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