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भाजपा के जीतते ही शेर अली को गंवानी पड़ी चार बीघा जमीन, जानें क्या है पूरा मामला

यूपी के बदायूं में चुनाव नतीजों को लेकर शर्त में (condition on election results) सपा समर्थक चार बीघे जमीन भाजपा समर्थक से हार गया है. शर्त का गवाह पूरा गांव बना था. दोनों के बीच बाकायदा करारनामा (agreement between the two) लिखा गया था.

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Published : Mar 12, 2022, 3:47 PM IST

बदायूं: उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (uttar pradesh assembly election 2022) के नतीजे आ चुके हैं. भाजपा ने 255 सीटों पर विजयी पताका फहराकर सत्‍ता में वापसी की है. इसी बीच यूपी के बदायूं से एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसमें चार बीघे जमीन जमीन दांव पर लग गई थी. यूपी चुनाव के नतीजों पर बीजेपी और सपा के समर्थकों के बीच 4 बीघा जमीन की शर्त लगी थी, जिसका गवाह पूरा गांव बना था.

फिलहाल यूपी में योगी सरकार बनने के बाद अखिलेश समर्थक के हाथ-पांव फूल गए हैं, क्योंकि शर्त के मुताबिक सपा समर्थक शेर अली को 4 बीघा जमीन विजय सिंह को देनी पड़ेगी. जानकारी के मुताबिक यूपी के चुनाव नतीजों पर बीजेपी समर्थक विजय सिंह और सपा समर्थक शेर अली के बीच एक ऐसी शर्त लगी है, जिसका गवाह पूरा गांव बना है. बकायदा अंगूठे का निशान लगाकर करारनामा तैयार किया गया है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

करारनामा
करारनामा

ये उत्तर प्रदेश और उसके चुनाव नतीजों के प्रति फिक्र ही है कि एक बेहद दिलचस्प शर्त दोनों के बीच लगी है, जिसने सियासी गर्माहट के बीच लोगों का ध्यान खींच लिया है. मामला बदायूं के शेखूपुर विधानसभा क्षेत्र का है. यहां के ककराला नगर पालिका के तहत आने वाले बिरियाडांडी गांव में दो किसानों के बीच राजनीतिक भविष्यवाणी को लेकर बहस हो गई. लेकिन, यहां दोनों के बीच बात इतनी बढ़ गई कि मामला पंचायत तक जा पहुंचा. गांव के प्रमुख लोगों को बुलाकर पंचायत लगाई गई.

यह भी पढ़ें- 41 दिन से अन्न त्याग कर मौन व्रत रखा आगरा के 'फकीर बाबा', जानिए क्यों?

दोनों ने शर्त लगाई कि यदि बीजेपी की सरकार बनी तो शेर अली शाह अपनी चार बीघा जमीन विजय सिंह को एक साल तक खेती के लिए देंगे. वहीं, यदि सपा की सरकार बनी तो विजय सिंह को 4 बीघा जमीन एक साल के लिए शेर अली के हवाले करनी होगी. दोनों में से कोई पक्ष मुकर ना जाए, इसके लिए गांव के प्रमुख लोगों को इसमें गवाह बनाया गया. पंचायत में इस शर्त का बाकायदा करारनामा लिखा गया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उधर, शेर अली ने शर्त की बात स्वीकार की है. शेर अली ने कहा कि अब बीजेपी सरकार आ गयी है, मुझ पर दबाब पड़ेगा तो एक साल के लिए जमीन मुझे देनी पड़ेगी.

बदायूं: उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (uttar pradesh assembly election 2022) के नतीजे आ चुके हैं. भाजपा ने 255 सीटों पर विजयी पताका फहराकर सत्‍ता में वापसी की है. इसी बीच यूपी के बदायूं से एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसमें चार बीघे जमीन जमीन दांव पर लग गई थी. यूपी चुनाव के नतीजों पर बीजेपी और सपा के समर्थकों के बीच 4 बीघा जमीन की शर्त लगी थी, जिसका गवाह पूरा गांव बना था.

फिलहाल यूपी में योगी सरकार बनने के बाद अखिलेश समर्थक के हाथ-पांव फूल गए हैं, क्योंकि शर्त के मुताबिक सपा समर्थक शेर अली को 4 बीघा जमीन विजय सिंह को देनी पड़ेगी. जानकारी के मुताबिक यूपी के चुनाव नतीजों पर बीजेपी समर्थक विजय सिंह और सपा समर्थक शेर अली के बीच एक ऐसी शर्त लगी है, जिसका गवाह पूरा गांव बना है. बकायदा अंगूठे का निशान लगाकर करारनामा तैयार किया गया है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

करारनामा
करारनामा

ये उत्तर प्रदेश और उसके चुनाव नतीजों के प्रति फिक्र ही है कि एक बेहद दिलचस्प शर्त दोनों के बीच लगी है, जिसने सियासी गर्माहट के बीच लोगों का ध्यान खींच लिया है. मामला बदायूं के शेखूपुर विधानसभा क्षेत्र का है. यहां के ककराला नगर पालिका के तहत आने वाले बिरियाडांडी गांव में दो किसानों के बीच राजनीतिक भविष्यवाणी को लेकर बहस हो गई. लेकिन, यहां दोनों के बीच बात इतनी बढ़ गई कि मामला पंचायत तक जा पहुंचा. गांव के प्रमुख लोगों को बुलाकर पंचायत लगाई गई.

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दोनों ने शर्त लगाई कि यदि बीजेपी की सरकार बनी तो शेर अली शाह अपनी चार बीघा जमीन विजय सिंह को एक साल तक खेती के लिए देंगे. वहीं, यदि सपा की सरकार बनी तो विजय सिंह को 4 बीघा जमीन एक साल के लिए शेर अली के हवाले करनी होगी. दोनों में से कोई पक्ष मुकर ना जाए, इसके लिए गांव के प्रमुख लोगों को इसमें गवाह बनाया गया. पंचायत में इस शर्त का बाकायदा करारनामा लिखा गया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उधर, शेर अली ने शर्त की बात स्वीकार की है. शेर अली ने कहा कि अब बीजेपी सरकार आ गयी है, मुझ पर दबाब पड़ेगा तो एक साल के लिए जमीन मुझे देनी पड़ेगी.

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