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सोनिया के किले में ईरानी ने लगाई सेंध, DISHA की अध्यक्ष नियुक्त - कांग्रेस महासचिव

केंद्रीय विकास मंत्रालय (Union rural development ministry) ने सोनिया गांधी की जगह स्मृति ईरानी को DISHA का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही भाजपा ने बरेली में सोनिया गांधी के किले में सेंध लगा दी है.

सोनिया
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Published : Jul 16, 2021, 7:52 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय विकास मंत्रालय (Union rural development ministry) द्वारा स्मृति ईरानी को DISHA का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो अंतर-विभागीय समन्वय ( inter departmental coordination) के माध्यम से विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन पर निगरानी रखता है. ईरानी वर्तमान में भी अमेठी में दिशा का प्रभार संभाल रही हैं.

हालांकि, यह कदम कांग्रेस महासचिव (Congress general secretary ) प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi ) की निर्धारित लखनऊ यात्रा से ठीक पहले आया है और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly election) से पहले भाजपा का यह कदम कांग्रेस गढ़ में भगवा पार्टी की पैठ बनाने के प्रयास को दर्शाता है.

गौरतलब है कि केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री (Union minister for women and child development) स्मृति ईरानी को मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति में शामिल किया गया है.

दिलचस्प बात यह है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट (rural development ministry website) पर अभी भी रायबरेली में दिशा समिति के अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी का नाम लिखा दिखाई दे रहा है, जबकि 2019 तक अमेठी के सासंद रहे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने को सह-अध्यक्ष के रूप में दिखाया गया है.

वैसे सोनिया गांधी से दिशा का प्रभार स्मृति ईरानी के पास चला जाना यह उजागर करता है कि राज्य में कांग्रेस का ग्रिप लगातार कमजोर हो रही है.

ग्रामीण विकास मंत्रालय ( rural development ministry ) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिले से चुने गए लोकसभा सांसद को दिशा समिति का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. यदि जिले से एक से अधिक सांसद चुने जाते हैं तो वरिष्ठ सांसद को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए.

बता दें कि सोनिया 2004 से रायबरेली का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जबकि ईरानी ने पिछले साल राहुल गांधी को शिकस्त दी थी.

पढ़े- सोनिया से मिले सिद्धू, पंजाब की राजनीति पर सस्पेंस बरकरार

इतना ही नहीं कांग्रेस के कई बड़े नेता अब भाजपा में शामिल हो रहे हैं. 2019 के संसदीय चुनावों से ठीक पहले, कांग्रेस एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह (Dinesh Pratap Singh) भगवा खेमे में शामिल हो गए थे और सोनिया के खिलाफ चुनाव लड़ा, हालांकि चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था.

उनके भाई राकेश सिंह हरचंदपुर विधानसभा सीट (Harchandpur assembly seat) से कांग्रेस विधायक हैं. वह भी अब खुलेआम भाजपा से सांठ-गांठ करने में जुटे हैं.

नई दिल्ली : केंद्रीय विकास मंत्रालय (Union rural development ministry) द्वारा स्मृति ईरानी को DISHA का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो अंतर-विभागीय समन्वय ( inter departmental coordination) के माध्यम से विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन पर निगरानी रखता है. ईरानी वर्तमान में भी अमेठी में दिशा का प्रभार संभाल रही हैं.

हालांकि, यह कदम कांग्रेस महासचिव (Congress general secretary ) प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi ) की निर्धारित लखनऊ यात्रा से ठीक पहले आया है और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly election) से पहले भाजपा का यह कदम कांग्रेस गढ़ में भगवा पार्टी की पैठ बनाने के प्रयास को दर्शाता है.

गौरतलब है कि केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री (Union minister for women and child development) स्मृति ईरानी को मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति में शामिल किया गया है.

दिलचस्प बात यह है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट (rural development ministry website) पर अभी भी रायबरेली में दिशा समिति के अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी का नाम लिखा दिखाई दे रहा है, जबकि 2019 तक अमेठी के सासंद रहे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने को सह-अध्यक्ष के रूप में दिखाया गया है.

वैसे सोनिया गांधी से दिशा का प्रभार स्मृति ईरानी के पास चला जाना यह उजागर करता है कि राज्य में कांग्रेस का ग्रिप लगातार कमजोर हो रही है.

ग्रामीण विकास मंत्रालय ( rural development ministry ) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिले से चुने गए लोकसभा सांसद को दिशा समिति का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. यदि जिले से एक से अधिक सांसद चुने जाते हैं तो वरिष्ठ सांसद को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए.

बता दें कि सोनिया 2004 से रायबरेली का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जबकि ईरानी ने पिछले साल राहुल गांधी को शिकस्त दी थी.

पढ़े- सोनिया से मिले सिद्धू, पंजाब की राजनीति पर सस्पेंस बरकरार

इतना ही नहीं कांग्रेस के कई बड़े नेता अब भाजपा में शामिल हो रहे हैं. 2019 के संसदीय चुनावों से ठीक पहले, कांग्रेस एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह (Dinesh Pratap Singh) भगवा खेमे में शामिल हो गए थे और सोनिया के खिलाफ चुनाव लड़ा, हालांकि चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था.

उनके भाई राकेश सिंह हरचंदपुर विधानसभा सीट (Harchandpur assembly seat) से कांग्रेस विधायक हैं. वह भी अब खुलेआम भाजपा से सांठ-गांठ करने में जुटे हैं.

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