चंडीगढ़: आज के समय में जहां हर कोई डिजिटल हो रहा है. वहींं, लोगों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी के भी मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में हैकर्स जो अक्सर ऑनलाइन के एस्पर्ट माने जाते हैं. उन्हें सरकारी और बड़े संस्थान उनके सिस्टम को सुरक्षित करने के लिए अपने संस्थान के साथ जोड़ते हैं. ऐसे में कई भारतीय हैकर्स आज के समय में विदेशों में कानूनी तरीके हैकिंग का काम कर रहे हैं और करोड़ों की कमाई कर रहे हैं.
बता दें कि कुछ एथिकल भारतीय हैकर आज के समय में उन संस्थानों के साथ कानूनी तौर पर काम कर रहे हैं जिनका अरबों को टर्न ओवर है. हैकर्स विदेशों में करोड़ों की कमाई कर रहे हैं और यह इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है. इस तरह के बग हंटिंग का काम करने वाले ज्यादा लोग युवा होते हैं. ऐसे में चंडीगढ़ में मौजूद हैकिंग में विशेषज्ञ हरिंदर सिंह ने बताया कि हाल ही में उन्होंने सिंगापुर सरकार की वेबसाइट से क्रिटिकल बग यानी खामी बताई. इसके बदले में सिंगापुर सरकार ने उन्हें देश के उच्च सम्मान सी-01 एन बैज से सम्मानित किया.
हरिंदर सिंह ने बताया कि इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक हैकरों में दो तिहाई की उम्र 18 से 29 साल के बीच है. इन लोगों को बड़ी कंपनियां कोई भी कमी बताने पर बड़ी इनामी राशि देती है. वे किसी साइबर अपराधी से पहले वेब कोड की कमी का पता लगाते हैं. उन्होंने कहा कि जिन बग का पहले पता नहीं चल पाया हो उन्हें तलाशना बेहद मुश्किल काम होता है. लिहाजा इस काम के लिए उन्हें हजारों डॉलर की रकम मिलती है. यह एक तरह से एथिकल हैकरों के लिए बड़ी इंसेंटिव होती है.
बता दें कि स्कूल के समय से हरिंदर को हैकिंग में बहुत रुझान था और दिन-रात वेबसाइट में कमियां ढूंढने में लगे रहते थे. हालांकि उन्होंने इसकी विधिवत ट्रेनिंग भी ली हुई है. उन्होंने कहा कि यदि हैकर के प्रोफेशन में किसी को आना है तो पैशन बहुत आवश्यक है. साथ ही इसका इस्तेमाल सही दिशा में हो तो व्यक्ति कानूनी तरीके से अच्छी कमाई कर सकता है.
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