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उत्तराखंडः पाकिस्तान के सिख जत्थे ने किए सिखों के पवित्र स्थान हेमकुंड साहिब के दर्शन, देखें वीडियो - Sikh Jatha of Pakistan visited Shri Hemkund Sahib

पाकिस्तान से 48 सिखों के एक जत्थे ने पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के दर्शन किए. जत्थे के सभी यात्री दर्शन के बाद बेहद खुश नजर आए. इससे पहले ऋषिकेश में सिख श्रद्धालुओं को जोरदार स्वागत किया गया था.

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Published : Sep 21, 2022, 8:53 AM IST

चमोलीः पाकिस्तान के पेशावर से 48 सिख यात्रियों के जत्थे ने सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब पहुंच कर (Sikh Jatha of Pakistan visited Hemkund Sahib) मत्था टेका. यह सभी तीर्थयात्री बीते 14 सितंबर को भारत पाकिस्तान बॉर्डर से अटारी में पहुंचे थे. रविवार को जत्था गोविंदघाट से घंगरिया पहुंचा था और सोमवार को जत्थे ने घांघरिया से हेमकुंड साहिब पहुंचने के बाद मत्था टेका. जत्थे की अगुआई सतेंद्र पाल सिंह कर रहे हैं. शनिवार को हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन ट्रस्ट ऋषिकेश (Shri Hemkund Sahib Gurdwara Management Trust) की तरफ से उनका स्वागत किया गया.

ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एनएस बिंद्रा ने बताया कि पाकिस्तान से आए सिख जत्थे का ऋषिकेश में जोरदार स्वागत किया गया और इसके बाद हेमकुंड साहिब के रास्ते में भी उनके लिए इंतजाम किया गया था. जत्थे में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल थीं. जत्थे के एक सदस्य ने बताया कि इस यात्रा में किसी को कोई तकलीफ नहीं हुई. हेमकुंड साहिब पहुंचकर उनको बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की ओर से किए गए उनके लिए इंतजाम से वे बेहद खुश हैं. पाकिस्तान से कई सिख हेमुकंड साहिब दर्शन के लिए आना चाहते हैं. तीर्थयात्रियों का कहना हैं कि इस रमणीक स्थान को देखते ही रास्ते की सभी थकान मिट गई और हेमकुंड साहिब को देख कर मन गदगद हो गए.
ये भी पढ़ेंः PM Modi Birthday: उत्तराखंड के चारधाम में हुई विशेष पूजा अर्चना, श्री हेमकुंड साहिब में की गई अरदास

बता दें कि बीते दो साल से कोरोना काल के बाद इस साल रिकॉर्ड तोड़ सिख यात्री हेमकुंड साहिब पहुंच चुके हैं. हेमकुंड साहिब 15,525 फीट की ऊंचाई पर सिखों का सबसे ऊंचा और पवित्र तीर्थ स्थल है. यहां सिखों के 10वें ऑर अंतिम गुरू गोविंद सिंह ने तपस्या की थी. पाकिस्तान से आए जत्थे ने पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर दरबार साहिब में मत्था टेका और वाहेगुरु को याद किया. गौरतलब है कि 10 अक्टूबर को श्री हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने जा रहे हैं.

चमोलीः पाकिस्तान के पेशावर से 48 सिख यात्रियों के जत्थे ने सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब पहुंच कर (Sikh Jatha of Pakistan visited Hemkund Sahib) मत्था टेका. यह सभी तीर्थयात्री बीते 14 सितंबर को भारत पाकिस्तान बॉर्डर से अटारी में पहुंचे थे. रविवार को जत्था गोविंदघाट से घंगरिया पहुंचा था और सोमवार को जत्थे ने घांघरिया से हेमकुंड साहिब पहुंचने के बाद मत्था टेका. जत्थे की अगुआई सतेंद्र पाल सिंह कर रहे हैं. शनिवार को हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन ट्रस्ट ऋषिकेश (Shri Hemkund Sahib Gurdwara Management Trust) की तरफ से उनका स्वागत किया गया.

ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एनएस बिंद्रा ने बताया कि पाकिस्तान से आए सिख जत्थे का ऋषिकेश में जोरदार स्वागत किया गया और इसके बाद हेमकुंड साहिब के रास्ते में भी उनके लिए इंतजाम किया गया था. जत्थे में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल थीं. जत्थे के एक सदस्य ने बताया कि इस यात्रा में किसी को कोई तकलीफ नहीं हुई. हेमकुंड साहिब पहुंचकर उनको बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की ओर से किए गए उनके लिए इंतजाम से वे बेहद खुश हैं. पाकिस्तान से कई सिख हेमुकंड साहिब दर्शन के लिए आना चाहते हैं. तीर्थयात्रियों का कहना हैं कि इस रमणीक स्थान को देखते ही रास्ते की सभी थकान मिट गई और हेमकुंड साहिब को देख कर मन गदगद हो गए.
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बता दें कि बीते दो साल से कोरोना काल के बाद इस साल रिकॉर्ड तोड़ सिख यात्री हेमकुंड साहिब पहुंच चुके हैं. हेमकुंड साहिब 15,525 फीट की ऊंचाई पर सिखों का सबसे ऊंचा और पवित्र तीर्थ स्थल है. यहां सिखों के 10वें ऑर अंतिम गुरू गोविंद सिंह ने तपस्या की थी. पाकिस्तान से आए जत्थे ने पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर दरबार साहिब में मत्था टेका और वाहेगुरु को याद किया. गौरतलब है कि 10 अक्टूबर को श्री हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने जा रहे हैं.

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