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जम्मू कश्मीर : एसआईए ने टेरर फंडिंग मामले में सर्जन बरकती की पत्नी को किया गिरफ्तार

टेरर फंडिंग मामले में जम्मू कश्मीर की जांच एजेंसी एसआईए ने सर्जन अहमद वागे उर्फ बरकती की पत्नी शबरोजा बानो को गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि बरकती को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. State Investigation Agency,Shabroza Bano wife of Sarjan Ahmad,Jammu and Kashmir

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एसआईए ने टेरर फंडिंग मामले में सर्जन बरकती की पत्नी को किया गिरफ्तार
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 24, 2023, 10:07 PM IST

श्रीनगर : राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने दक्षिण कश्मीर के सर्जन अहमद वागे उर्फ बरकती की पत्नी शबरोजा बानो को गिरफ्तार किया है. वह अपने पति के साथ क्राउड फंडिंग के माध्यम से धन जुटाकर आतंकी वित्तपोषण में शामिल पाई गई है. मामले में एसआईए ने आईपीपी 120 बी के अलावा विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था. बताया जाता है कि क्राउड फंडिंग के जरिए करोड़ों रुपये की राशि एकत्र की गई. बाद में इसका दुरुपयोग किया गया, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और कश्मीर घाटी के भीतर कट्टरवाद के प्रसार के लिए अघोषित संपत्ति का अधिग्रहण शामिल था. बता दें कि सर्जन बरकती को इस साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था, जबकि उनकी पत्नी शबरोज़ा बानो मामले में अपनी भूमिका सामने आने के बाद से गिरफ्तारी से बच रहीं थीं.

एसआईए की जांच के दौरान शबरोजा बानो एक साजिशकर्ता के रूप में सामने आई और उसे आतंकी फंडिंग मामले में अपने पति और पाक स्थित आतंकी संचालकों के साथ मिला हुआ पाया गया. जांच से पता चला है कि शबरोजा बानो एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ लगातार संपर्क में रही है. परिणामस्वरूप उसे शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया.

बताया जाता है कि बरकती और उनका परिवार क्राउड फंडिंग अभियानों के माध्यम से लगभग 1.74 करोड़ रुपये जुटाने में कामयाब रहा था. ये धनराशि व्यक्तिगत लाभ के लिए जुटाई गई थी और एकत्रित धनराशि के एक महत्वपूर्ण हिस्से का कथित तौर पर अज्ञात उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किया गया था. इसमें अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों का वित्तपोषण भी शामिल था. इतना ही नहीं अर्जित धन का एक बड़ा हिस्सा बरकती के परिवार के सदस्यों के नाम के तहत विभिन्न सावधि जमा रसीदों (एफडीआर) में जमा किया गया था, जिससे धन के स्रोतों और उपयोग की वैधता पर सवाल खड़े हो गए.

बता दें कि मामले में मुख्य आरोपी सर्जन बरकती 2016 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, रैलियां और सुरक्षा बलों के साथ झड़पों के आयोजन में एक प्रमुख व्यक्ति थे. उस अवधि के दौरान वह युवाओं को सुरक्षा बलों के प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए उकसाने में सहायक थे, जिसके लिए और उसके खिलाफ घाटी के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 30 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं थी.

ये भी पढ़ें - जम्मू कश्मीर: टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में SIA की छापेमारी जारी

श्रीनगर : राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने दक्षिण कश्मीर के सर्जन अहमद वागे उर्फ बरकती की पत्नी शबरोजा बानो को गिरफ्तार किया है. वह अपने पति के साथ क्राउड फंडिंग के माध्यम से धन जुटाकर आतंकी वित्तपोषण में शामिल पाई गई है. मामले में एसआईए ने आईपीपी 120 बी के अलावा विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था. बताया जाता है कि क्राउड फंडिंग के जरिए करोड़ों रुपये की राशि एकत्र की गई. बाद में इसका दुरुपयोग किया गया, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और कश्मीर घाटी के भीतर कट्टरवाद के प्रसार के लिए अघोषित संपत्ति का अधिग्रहण शामिल था. बता दें कि सर्जन बरकती को इस साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था, जबकि उनकी पत्नी शबरोज़ा बानो मामले में अपनी भूमिका सामने आने के बाद से गिरफ्तारी से बच रहीं थीं.

एसआईए की जांच के दौरान शबरोजा बानो एक साजिशकर्ता के रूप में सामने आई और उसे आतंकी फंडिंग मामले में अपने पति और पाक स्थित आतंकी संचालकों के साथ मिला हुआ पाया गया. जांच से पता चला है कि शबरोजा बानो एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ लगातार संपर्क में रही है. परिणामस्वरूप उसे शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया.

बताया जाता है कि बरकती और उनका परिवार क्राउड फंडिंग अभियानों के माध्यम से लगभग 1.74 करोड़ रुपये जुटाने में कामयाब रहा था. ये धनराशि व्यक्तिगत लाभ के लिए जुटाई गई थी और एकत्रित धनराशि के एक महत्वपूर्ण हिस्से का कथित तौर पर अज्ञात उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किया गया था. इसमें अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों का वित्तपोषण भी शामिल था. इतना ही नहीं अर्जित धन का एक बड़ा हिस्सा बरकती के परिवार के सदस्यों के नाम के तहत विभिन्न सावधि जमा रसीदों (एफडीआर) में जमा किया गया था, जिससे धन के स्रोतों और उपयोग की वैधता पर सवाल खड़े हो गए.

बता दें कि मामले में मुख्य आरोपी सर्जन बरकती 2016 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, रैलियां और सुरक्षा बलों के साथ झड़पों के आयोजन में एक प्रमुख व्यक्ति थे. उस अवधि के दौरान वह युवाओं को सुरक्षा बलों के प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए उकसाने में सहायक थे, जिसके लिए और उसके खिलाफ घाटी के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 30 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं थी.

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