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राजस्थान से 1200 किलोमीटर का सफर तय कर अयोध्या पहुंचा श्रीराम स्तंभ, एक हजार साल तक नहीं होगा खराब

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 2, 2023, 5:05 PM IST

रामनगरी में राजस्थान से आया श्रीराम स्तंभ (Rajasthan Shri Ram Pillar Ayodhya) पहुंच चुका है. ट्रक से लाए गए स्तंभ का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्वागत किया गया. पितृपक्ष के बाद अच्छे मुहूर्त में इन्हें मणि पर्वत पर स्थापित किया जाएगा.

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राजस्थान से अयोध्या पहुंचा श्रीराम स्तंभ.

अयोध्या : राजस्थान के माउंट आबू से चलकर लगभग 1200 किमी का सफर तय कर श्रीराम स्तंभ सोमवार की दोपहर रामनगरी पहुंच गया. कारसेवकपुरम परिसर में ट्रक से श्रीराम स्तंभ के पहुंचने पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इसका पूजन किया गया. इसे परिसर में ही रखवा दिया गया है. पितृपक्ष समाप्त होने के बाद अच्छे मुहूर्त में इन्हें अयोध्या के मणि पर्वत क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा.

अयोध्या में ट्रक से पहुंचा पिलर.
अयोध्या में ट्रक से पहुंचा पिलर.

290 जगहों पर लगाए जाएंगे स्तंभ : बता दें कि अशोक सिंघल फाउंडेशन और M2k फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से पूरे देश में 290 ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां पर श्रीराम स्तंभ स्थापित किए जाएंगे. ये सभी वे स्थान हैं, जहां भगवान श्रीराम ने वन गमन के दौरान यात्रा की और उन स्थानों पर रुके. इनका प्रारंभ अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक रहेगा. इस दौरान 290 स्थान पर यह स्तंभ लगाए जाएंगे.

कारसेवकपुरम में रखवाया गया पिलर.
कारसेवकपुरम में रखवाया गया पिलर.

धूल और काई का नहीं होगा असर : अशोक सिंघल फाउंडेशन के सदस्य मनोज तिवारी ने बताया कि राजस्थान के माउंट आबू से लाया गया ये श्रीराम स्तंभ बलुआ पत्थर से बना है. इसके ऊपर खास परत लगाई गई है. इन पर बरसात, धूल और काई आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इन पर सूर्यवंशी निशान भी मौजूद हैं. तीर-धनुष आदि इंगित किए गए हैं. चौपाइयां भी लिखी गईं हैं. स्तंभ के ऊपरी हिस्से में एक ध्वज भी लगेगा. स्तंभ की लंबाई 15 फीट है. यह ढाई फीट चौड़ा है. अभी केवल एक श्रीराम स्तंभ आया है. आगे और भी आएंगे. इसकी औसत आयु लगभग एक हजार साल है.

पितृपक्ष के बाद पिलर स्थापित किया जाएगा.
पितृपक्ष के बाद पिलर स्थापित किया जाएगा.

मणि पर्वत पर स्थापित होगा स्तंभ : मनोज तिवारी ने बताया कि यह स्तंभ जिस स्थान पर लगाए जाएंगे उसे स्थान पर निर्माण और अन्य सभी खर्च अशोक सिंघल फाउंडेशन और M2k फाउंडेशन संयुक्त रूप से उठाएंगे. पहला स्तंभ मणि पर्वत पर स्थापित होगा. इसके बाद अयोध्या के तीन अन्य स्थानों सहित भगवान श्रीराम वन गमन मार्ग पर स्तंभ लगाए जाएंगे. कुल 290 स्थानों पर ये स्तंभ लगाए जाने हैं. श्रीराम वनगमन मार्ग पर शोध करने वाले पंडित राम अवतार शर्मा द्वारा स्तंभ लगाने के स्थान निर्धारित किए गए हैं. सबसे पहले भगवान राम ने मणि पर्वत पर प्रवास किया था. लिहाजा यहां पर पहला स्तंभ लगाया जाएगा. अयोध्या के गुप्तार घाट, तमसा नदी का तट और सूर्य कुंड को भी चयनित किया गया है. यहां भी स्तंभ लगेंगे.

यह भी पढ़ें : संतों ने देखी राम मंदिर निर्माण की प्रगति, लगाए जयकारे, बोले- विश्व में फैल रही राम नाम की कीर्ति

रामनगरी अयोध्या में तीन अक्टूबर को होगा बड़ा कॉन्क्लेव, 100 दिन में 100 होटल बनाने की मिलेगी अनुमति

राजस्थान से अयोध्या पहुंचा श्रीराम स्तंभ.

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अयोध्या में ट्रक से पहुंचा पिलर.
अयोध्या में ट्रक से पहुंचा पिलर.

290 जगहों पर लगाए जाएंगे स्तंभ : बता दें कि अशोक सिंघल फाउंडेशन और M2k फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से पूरे देश में 290 ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां पर श्रीराम स्तंभ स्थापित किए जाएंगे. ये सभी वे स्थान हैं, जहां भगवान श्रीराम ने वन गमन के दौरान यात्रा की और उन स्थानों पर रुके. इनका प्रारंभ अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक रहेगा. इस दौरान 290 स्थान पर यह स्तंभ लगाए जाएंगे.

कारसेवकपुरम में रखवाया गया पिलर.
कारसेवकपुरम में रखवाया गया पिलर.

धूल और काई का नहीं होगा असर : अशोक सिंघल फाउंडेशन के सदस्य मनोज तिवारी ने बताया कि राजस्थान के माउंट आबू से लाया गया ये श्रीराम स्तंभ बलुआ पत्थर से बना है. इसके ऊपर खास परत लगाई गई है. इन पर बरसात, धूल और काई आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इन पर सूर्यवंशी निशान भी मौजूद हैं. तीर-धनुष आदि इंगित किए गए हैं. चौपाइयां भी लिखी गईं हैं. स्तंभ के ऊपरी हिस्से में एक ध्वज भी लगेगा. स्तंभ की लंबाई 15 फीट है. यह ढाई फीट चौड़ा है. अभी केवल एक श्रीराम स्तंभ आया है. आगे और भी आएंगे. इसकी औसत आयु लगभग एक हजार साल है.

पितृपक्ष के बाद पिलर स्थापित किया जाएगा.
पितृपक्ष के बाद पिलर स्थापित किया जाएगा.

मणि पर्वत पर स्थापित होगा स्तंभ : मनोज तिवारी ने बताया कि यह स्तंभ जिस स्थान पर लगाए जाएंगे उसे स्थान पर निर्माण और अन्य सभी खर्च अशोक सिंघल फाउंडेशन और M2k फाउंडेशन संयुक्त रूप से उठाएंगे. पहला स्तंभ मणि पर्वत पर स्थापित होगा. इसके बाद अयोध्या के तीन अन्य स्थानों सहित भगवान श्रीराम वन गमन मार्ग पर स्तंभ लगाए जाएंगे. कुल 290 स्थानों पर ये स्तंभ लगाए जाने हैं. श्रीराम वनगमन मार्ग पर शोध करने वाले पंडित राम अवतार शर्मा द्वारा स्तंभ लगाने के स्थान निर्धारित किए गए हैं. सबसे पहले भगवान राम ने मणि पर्वत पर प्रवास किया था. लिहाजा यहां पर पहला स्तंभ लगाया जाएगा. अयोध्या के गुप्तार घाट, तमसा नदी का तट और सूर्य कुंड को भी चयनित किया गया है. यहां भी स्तंभ लगेंगे.

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