ETV Bharat / bharat

टमाटर की गिरती कीमत ने किसानों को किया लाल, कोई फ्री में बांट रहा तो कोई खेत में कर रहा नष्ट

मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में इन दिनों टमाटर उगाने वाले किसानों का हाल-बेहाल है. ऐसा लग रहा है कि इस साल टमाटर किसानों का चेहरा लाल करने से कोई कसर नहीं छोड़ने वाला है. दरअसल, खुले बाजार में टमाटर काफी सस्ता बिक रहा है. थोक रेट में जब किसान अपने टमाटर की फसल लेकर मंडी पहुंचता है तो कोई फ्री के भाव में भी इसे नहीं पूछता है. कई किसान तो ऐसे हैं, जो फ्री में टमाटर बांट रहे हैं तो कोई जानवरों को खिला रहा है. कोई फसल ही उखाड़ फेंक दे रहा है. कई किसान टमाटर सड़क पर फेंकते नजर आ रहे हैं. देखें ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट.

shahdol tomato price
शहडोल के टमाटर
author img

By

Published : Mar 17, 2023, 9:04 PM IST

Updated : Mar 17, 2023, 11:10 PM IST

टमाटर की गिरती कीमत ने किसानों को किया लाल

शहडोल। किसी भी सब्जी में अगर टमाटर डाल दिया जाए तो उसका स्वाद बढ़ जाता है. यही वजह है कि कई बार टमाटर काफी महंगे दामों पर बिकते हैं. लेकिन इस समय टमाटर के हाल ऐसे हैं कि उसका कोई मोल ही नहीं है. इस वर्ष एमपी के शहडोल में टमाटर के दाम किसानों की कमर टूट रहा है. तुड़ाई की भी लागत निकलना मुश्किल हो रहा है. यूं कहें कि टमाटर किसानों के लिए गले का फांस बन गया है. खेतों पर टमाटर इतनी ज्यादा तादाद में लगे हैं कि इन्हें देखकर किसानों की हालत खराब हो गई है. गांव हो या शहर, बाजार हो या मंडी, हर जगह टमाटर बेमोल हो गया है.

Shahdol Tomato growers
शहडोल की बाजार में टमाटर की भरमार

कोई फेंक रहा, कोई फ्री में बांट रहा: टमाटर के रेट में जिस तरह की गिरावट आई है, उसको लेकर ईटीवी भारत ने गांव-गांव जाकर कई किसानों से बात की. खेत में जाकर हालात देखे. खेतों पर पौधों में पके हुए टमाटर लगे हैं, लेकिन उसे कोई तोड़ना ही नहीं चाह रहा है. किसानों का कहना है कि फायदा छोड़िए तुड़ाई की लागत भी नहीं निकल पा रही है. ऐसे में किसलिए तुड़ाई करें. आलम ये है कि टमाटर खेत में ही पककर सूख रहे हैं या फिर खराब हो रहे हैं.

Shahdol Tomato growers
नहीं बिक रहा टमाटर

घर-घर पहुंचा रहे टमाटर: शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 10 से 15 किलोमीटर दूर दूधी गांव में जब हम पहुंचे तो यहां के किसान शंभू पटेल गांव- गांव जाकर टमाटर देते नजर आए. वह इन दिनों फ्री में लोगों को टमाटर घर में देकर आते हैं. उनका कहना है कि मार्केट लेकर जाओ तो टमाटर केवल 2 रुपए किलो बिकेगा. इससे अच्छा है फ्री में ही दे दो. कम से कम लोग खाएंगे तो नाम तो लेंगे.

Shahdol Tomato growers
टमाटर की गिरती कीमत से किसान परेशान

26 एकड़ में लगी थी फसल: यहां कुछ किसान ऐसे भी मिले कि जितना बिक जाए बेच दो. कोई ले जाए तो दे दो और बचा हुआ फेंक दो. क्योंकि इतना टमाटर कहां रखें. झगरहा गांव के किसान शीतेश जीवन पटेल करीब 25 से 26 एकड़ में सब्जी की खेती करते हैं. इन्होंने कुछ रकबे में टमाटर की फसल लगा रखी थी, लेकिन जब टमाटर के दाम नहीं मिले तो उन्होंने पूरी की पूरी फसल ही उजाड़ दी. अब इनका कहना है कि नई फसल लगाएंगे. इसके पीछे पड़े रहेंगे तो और ज्यादा नुकसान में चले जाएंगे.

Shahdol Tomato growers
टमाटर की पैदावार में बढ़त

किसानों को भारी नुकसान: किसान शंभू पटेल ने 1 एकड़ में टमाटर की फसल लगाई थी. इनका कहना है कि मिट्टी का रेट ज्यादा मिल रहा है. टमाटर का रेट कुछ भी नहीं है. किसान शंभू पटेल बताते हैं कि वह टमाटर की तुड़ाई नहीं करवा रहे हैं. क्योंकि बेकार में मेहनत कौन करें. उन्होंने बताया कि एक एकड़ में टमाटर की फसल तैयार करने में लगभग 60 से 70 हजार रुपये खर्च किए थे. लेकिन अब 1 या 2 रुपए किलो टमाटर बिक रहा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लागत निकलेगी और किसान क्या कमाई करेगा.

Shahdol Tomato growers
टमाटर के दाम में गिरावट

नुकसान झेलना आसान नहीं: अमरहा गांव के रहने वाले किसान सत्यम सिंह ने इस साल 15 एकड़ में टमाटर की खेती की है. इसमें 12 लाख की लागत आई थी. अब 1 रुपए किलो टमाटर बिक रहा है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि, उनको कितना नुकसान हुआ है. सत्यम सिंह कहते हैं कि, इस नुकसान को झेल पाना आसान नहीं है.

बाजार में टमाटर के हाल: बाजार में टमाटर का हाल जानने के लिए सब्जी के व्यापारियों से बात की गई. सब्जी व्यापारी इमरान और अमित गुप्ता बताते हैं कि लोकल टमाटर इतना ज्यादा निकल रहा है कि बाहर से टमाटर आने की कोई बात ही नहीं है. बाहर से कोई नहीं मंगा रहा. यहां पर 1 रुपए, 2 रुपए किलो टमाटर बिक रहा है. 10 रुपए में 5 किलो तक टमाटर बेचा जा रहा है.

जिले में इतने रकबे में लगा टमाटर: शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है. यहां धीरे-धीरे अब किसान सब्जी की खेती की ओर भी अपना रुख कर रहे हैं. उद्यानिकी विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी विक्रम कलमे ने बताया कि 1 साल में शहडोल जिले में करीब 15 सौ हेक्टेयर में टमाटर की खेती होती है. वह बताते हैं कि किसान लगातार अत्याधुनिक तरीके से टमाटर की खेती कर रहे हैं. इससे टमाटर की पैदावार ज्यादा हुई है. इसकी वजह से ही रेट गिरे हैं.

खेती किसानी से मिलती-जुलती इन खबरों को जरूर पढ़ें...

दाम में गिरावट की असली वजह: पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी अखिलेश नामदेव का कहना है कि इस साल टमाटर की उपज बीते कई वर्षों की तुलना में ज्यादा हुई है. लोकल लेवल पर ज्यादातर किसान टमाटर की खेती करने लगे हैं. उत्पादन ज्यादा होने के कारण मांग कम हो गई है. कृषि एक्सपर्ट की मानें तो मौसम में बदलाव की वजह से टमाटर की फसल एक साथ पककर तैयार हो गई. इसलिए मार्केट में टमाटर की आवक ज्यादा हो गई. इसकी वजह से दाम में गिरावट देखने को मिल रही है. बहरहाल, किसानों का कहना है कि इस बार टमाटर की खेती करके बहुत बुरा फंस गए हैं. लागत भी निकलना मुश्किल है. इस नुकसान से कैसे उबर पाएंगे. कोशिश यही है कि जैसे-तैसे इस मुश्किल समय से निकला जाए.

टमाटर की गिरती कीमत ने किसानों को किया लाल

शहडोल। किसी भी सब्जी में अगर टमाटर डाल दिया जाए तो उसका स्वाद बढ़ जाता है. यही वजह है कि कई बार टमाटर काफी महंगे दामों पर बिकते हैं. लेकिन इस समय टमाटर के हाल ऐसे हैं कि उसका कोई मोल ही नहीं है. इस वर्ष एमपी के शहडोल में टमाटर के दाम किसानों की कमर टूट रहा है. तुड़ाई की भी लागत निकलना मुश्किल हो रहा है. यूं कहें कि टमाटर किसानों के लिए गले का फांस बन गया है. खेतों पर टमाटर इतनी ज्यादा तादाद में लगे हैं कि इन्हें देखकर किसानों की हालत खराब हो गई है. गांव हो या शहर, बाजार हो या मंडी, हर जगह टमाटर बेमोल हो गया है.

Shahdol Tomato growers
शहडोल की बाजार में टमाटर की भरमार

कोई फेंक रहा, कोई फ्री में बांट रहा: टमाटर के रेट में जिस तरह की गिरावट आई है, उसको लेकर ईटीवी भारत ने गांव-गांव जाकर कई किसानों से बात की. खेत में जाकर हालात देखे. खेतों पर पौधों में पके हुए टमाटर लगे हैं, लेकिन उसे कोई तोड़ना ही नहीं चाह रहा है. किसानों का कहना है कि फायदा छोड़िए तुड़ाई की लागत भी नहीं निकल पा रही है. ऐसे में किसलिए तुड़ाई करें. आलम ये है कि टमाटर खेत में ही पककर सूख रहे हैं या फिर खराब हो रहे हैं.

Shahdol Tomato growers
नहीं बिक रहा टमाटर

घर-घर पहुंचा रहे टमाटर: शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 10 से 15 किलोमीटर दूर दूधी गांव में जब हम पहुंचे तो यहां के किसान शंभू पटेल गांव- गांव जाकर टमाटर देते नजर आए. वह इन दिनों फ्री में लोगों को टमाटर घर में देकर आते हैं. उनका कहना है कि मार्केट लेकर जाओ तो टमाटर केवल 2 रुपए किलो बिकेगा. इससे अच्छा है फ्री में ही दे दो. कम से कम लोग खाएंगे तो नाम तो लेंगे.

Shahdol Tomato growers
टमाटर की गिरती कीमत से किसान परेशान

26 एकड़ में लगी थी फसल: यहां कुछ किसान ऐसे भी मिले कि जितना बिक जाए बेच दो. कोई ले जाए तो दे दो और बचा हुआ फेंक दो. क्योंकि इतना टमाटर कहां रखें. झगरहा गांव के किसान शीतेश जीवन पटेल करीब 25 से 26 एकड़ में सब्जी की खेती करते हैं. इन्होंने कुछ रकबे में टमाटर की फसल लगा रखी थी, लेकिन जब टमाटर के दाम नहीं मिले तो उन्होंने पूरी की पूरी फसल ही उजाड़ दी. अब इनका कहना है कि नई फसल लगाएंगे. इसके पीछे पड़े रहेंगे तो और ज्यादा नुकसान में चले जाएंगे.

Shahdol Tomato growers
टमाटर की पैदावार में बढ़त

किसानों को भारी नुकसान: किसान शंभू पटेल ने 1 एकड़ में टमाटर की फसल लगाई थी. इनका कहना है कि मिट्टी का रेट ज्यादा मिल रहा है. टमाटर का रेट कुछ भी नहीं है. किसान शंभू पटेल बताते हैं कि वह टमाटर की तुड़ाई नहीं करवा रहे हैं. क्योंकि बेकार में मेहनत कौन करें. उन्होंने बताया कि एक एकड़ में टमाटर की फसल तैयार करने में लगभग 60 से 70 हजार रुपये खर्च किए थे. लेकिन अब 1 या 2 रुपए किलो टमाटर बिक रहा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लागत निकलेगी और किसान क्या कमाई करेगा.

Shahdol Tomato growers
टमाटर के दाम में गिरावट

नुकसान झेलना आसान नहीं: अमरहा गांव के रहने वाले किसान सत्यम सिंह ने इस साल 15 एकड़ में टमाटर की खेती की है. इसमें 12 लाख की लागत आई थी. अब 1 रुपए किलो टमाटर बिक रहा है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि, उनको कितना नुकसान हुआ है. सत्यम सिंह कहते हैं कि, इस नुकसान को झेल पाना आसान नहीं है.

बाजार में टमाटर के हाल: बाजार में टमाटर का हाल जानने के लिए सब्जी के व्यापारियों से बात की गई. सब्जी व्यापारी इमरान और अमित गुप्ता बताते हैं कि लोकल टमाटर इतना ज्यादा निकल रहा है कि बाहर से टमाटर आने की कोई बात ही नहीं है. बाहर से कोई नहीं मंगा रहा. यहां पर 1 रुपए, 2 रुपए किलो टमाटर बिक रहा है. 10 रुपए में 5 किलो तक टमाटर बेचा जा रहा है.

जिले में इतने रकबे में लगा टमाटर: शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है. यहां धीरे-धीरे अब किसान सब्जी की खेती की ओर भी अपना रुख कर रहे हैं. उद्यानिकी विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी विक्रम कलमे ने बताया कि 1 साल में शहडोल जिले में करीब 15 सौ हेक्टेयर में टमाटर की खेती होती है. वह बताते हैं कि किसान लगातार अत्याधुनिक तरीके से टमाटर की खेती कर रहे हैं. इससे टमाटर की पैदावार ज्यादा हुई है. इसकी वजह से ही रेट गिरे हैं.

खेती किसानी से मिलती-जुलती इन खबरों को जरूर पढ़ें...

दाम में गिरावट की असली वजह: पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी अखिलेश नामदेव का कहना है कि इस साल टमाटर की उपज बीते कई वर्षों की तुलना में ज्यादा हुई है. लोकल लेवल पर ज्यादातर किसान टमाटर की खेती करने लगे हैं. उत्पादन ज्यादा होने के कारण मांग कम हो गई है. कृषि एक्सपर्ट की मानें तो मौसम में बदलाव की वजह से टमाटर की फसल एक साथ पककर तैयार हो गई. इसलिए मार्केट में टमाटर की आवक ज्यादा हो गई. इसकी वजह से दाम में गिरावट देखने को मिल रही है. बहरहाल, किसानों का कहना है कि इस बार टमाटर की खेती करके बहुत बुरा फंस गए हैं. लागत भी निकलना मुश्किल है. इस नुकसान से कैसे उबर पाएंगे. कोशिश यही है कि जैसे-तैसे इस मुश्किल समय से निकला जाए.

Last Updated : Mar 17, 2023, 11:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.