कोलकाता: रामनवमी के दौरान पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में हुई हिंसक झड़पों के मद्देनजर गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य में केंद्रीय बलों की तीन कंपनियों को तैनात किया गया (Central Forces Deployed ) ताकि हनुमान जन्मोत्सव समारोह शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाए. तीन कंपनियों में से एक को कोलकाता और बाकी को उत्तर 24 परगना के बैरकपुर और हुगली में तैनात किया गया है.
पुलिस ने कहा कि केंद्रीय बलों के अलावा पश्चिम बंगाल के सभी संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में राज्य पुलिस को तैनात किया गया है. कोलकाता के लिए आवंटित केंद्रीय बलों की एकमात्र कंपनी को कई खंडों में बांटकर हेस्टिंग्स, चारू मार्केट, गार्डन रीच, गिरीश पार्क, खिदेरपुर, जोड़ाबागान और एंटली समेत कई इलाकों में तैनात किया गया है. अर्धसैनिक बलों को उत्तर 24 परगना के बैरकपुर में तैनात किया गया है, जिसे एक संवेदनशील क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. साथ ही हुगली के रिषड़ा और मोगरा के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है.
गौरतलब है कि रामनवमी समारोह की पूर्व संध्या के बाद से हुगली, हावड़ा और उत्तर दिनाजपुर जिलों में आगजनी और हिंसा की सूचना मिली थी. 30 मार्च को हावड़ा के शिबपुर और 4 अप्रैल को हुगली के रिषड़ा में हिंसक झड़पें हुईं और कई वाहनों में आग लगा दी गई.
उन क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए धारा 144 लागू की गई थी. हिंसा के दौरान उत्तरी दिनाजपुर में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि अन्य जिलों में कई अन्य घायल हो गए थे. बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी गई. अपने दार्जिलिंग दौरे को छोटा करते हुए, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने रिषड़ा का दौरा कर शांति की अपील की थी.
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह केंद्र से अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग करे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हनुमान जन्मोत्सव पर कोई अप्रिय घटना न हो. कोर्ट ने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति त्योहार से संबंधित कोई बयान नहीं देगा. इससे पहले, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से समारोहों के दौरान शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए आवश्यक उपाय करने को कहा था.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हनुमान जन्मोत्सव के दौरान सांप्रदायिक अशांति की आशंका जताते हुए पहले लोगों से शांतिपूर्वक त्योहार मनाने का आग्रह किया था. जहां बनर्जी ने भाजपा पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था, वहीं विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने स्थिति को संभालने में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की.
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