लोकसभा में सोमवार को कुछ महिला सदस्यों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देश में महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने की वकालत की. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर निर्दलीय कांग्रेस सदस्य नवनीत राणा और वाईएसआर की बीवी सत्यवती की ओर से दिये गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अल्पकालिक चर्चा प्रारंभ हुई.
शाम सात बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो, महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच पीठासीन सभापति रमा देवी ने सदस्यों से चर्चा होने देने का आग्रह किया.
हंगामे के बीच ही चर्चा की शुरुआत करते हुए वाईएसआर कांग्रेस की सत्यवती ने कहा कि महिलाओं के साथ रोजमर्रा के जीवन में अक्सर भेदभाव होता है. महिला प्रतिनिधियों के तौर पर हमारी जिम्मेदारी है कि महिलाओं के साथ मिलकर उनके सशक्तीकरण के लिए काम करें.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जनधन योजना से बड़ी संख्या में महिलाओं को फायदा हुआ है. आंध्र प्रदेश की कई सरकारी योजनाओं से भी महिलाओं को मदद मिली है.
भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने कहा कि महिला घर, परिवार की जिम्मेदारी निभाते हुए कामकाज के लिए बाहर निकलती है लेकिन समाज महिलाओं को वह सम्मान नहीं देना चाहता, जिसकी वह हकदार है.
उन्होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन उन्हें शारीरिक और बौद्धिक रूप से कमजोर माना जाता है. यदि महिलाएं कमजोर होती हैं तो वह जननी कैसे होती.
तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी राय ने कहा कि इस अवसर पर देश को संकल्प लेना होगा कि दहेजमुक्त भारत बनना चाहिए.
निर्दलीय सदस्य नवनीत राणा ने कहा कि महाराष्ट्र में हर महिला जीजाबाई से प्रेरणा लेती हैं जिनके पुत्र छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे थे. इस सरकार ने कन्याभ्रूण हत्या रोकने के लिए बहुत काम किया है और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया.
उन्होंने कहा कि आज भी देश में ऐसे लोग हैं, जिनके मन में लड़की के जन्म पर दु:ख होता है. इस सोच को बदलना होगा.
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सभापति रमा देवी ने शाम 7.30 बजे सदन की बैठक को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.