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राजीव गांधी हत्याकांड : दोषी की क्षमा याचिका लंबित होने पर सुप्रीम कोर्ट नाखुश - rajiv assassination case

राजीव गांधी हत्या मामले में दोषी की क्षमा याचिका के लंबित होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाखुशी जाहिर की है. कोर्ट ने दोषी याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या अदालत संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर राज्यपाल से अनुच्छेद 161 के तहत दायर माफी याचिका का फैसला करने का अनुरोध कर सकती है?

supreme court
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Published : Nov 3, 2020, 3:50 PM IST

Updated : Nov 3, 2020, 4:40 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में दोषी की क्षमा याचिका लंबित होने पर नाखुशी जाहिर की है. यह याचिका पिछले दो साल से तमिलनाडु के राज्यपाल के पास लंबित है.

शीर्ष अदालत ने दोषी याचिकाकर्ता एजी पेरारिवलन (जो उम्रकैद की सजा काट रहा है) के वकील से पूछा कि क्या अदालत संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर राज्यपाल से अनुच्छेद 161 के तहत दायर क्षमा याचिका का फैसला करने का अनुरोध कर सकती है?

अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल किसी भी आपराधिक मामले में एक अपराधी को क्षमा कर सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस स्तर पर अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हम इस बात से खुश नहीं हैं कि सरकार द्वारा की गई सिफारिश दो साल से लंबित है.

सुप्रीम कोर्ट 46 वर्षीय एजी पेरारिवलन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसने मामले में सीबीआई की अगुवाई वाली मल्टी-डिसिप्लिनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएमए) की जांच पूरी होने तक अपनी उम्रकैद की सजा को निलंबित करने की मांग की है.

सुनवाई के दौरान, अदालत ने पेरारिवलन के अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन से कहा कि राज्यपाल को मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करना होगा, लेकिन अगर राज्यपाल आदेश पारित नहीं करते हैं तो अदालत क्या कर सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने शंकरनारायणन से राज्यपाल को निर्णय लेने का अनुरोध कैसे करें और इस मुद्दे से जुड़े कौन से कानून हैं, इससे अवगत कराने के लिए कहा.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में दोषी की क्षमा याचिका लंबित होने पर नाखुशी जाहिर की है. यह याचिका पिछले दो साल से तमिलनाडु के राज्यपाल के पास लंबित है.

शीर्ष अदालत ने दोषी याचिकाकर्ता एजी पेरारिवलन (जो उम्रकैद की सजा काट रहा है) के वकील से पूछा कि क्या अदालत संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर राज्यपाल से अनुच्छेद 161 के तहत दायर क्षमा याचिका का फैसला करने का अनुरोध कर सकती है?

अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल किसी भी आपराधिक मामले में एक अपराधी को क्षमा कर सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस स्तर पर अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हम इस बात से खुश नहीं हैं कि सरकार द्वारा की गई सिफारिश दो साल से लंबित है.

सुप्रीम कोर्ट 46 वर्षीय एजी पेरारिवलन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसने मामले में सीबीआई की अगुवाई वाली मल्टी-डिसिप्लिनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएमए) की जांच पूरी होने तक अपनी उम्रकैद की सजा को निलंबित करने की मांग की है.

सुनवाई के दौरान, अदालत ने पेरारिवलन के अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन से कहा कि राज्यपाल को मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करना होगा, लेकिन अगर राज्यपाल आदेश पारित नहीं करते हैं तो अदालत क्या कर सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने शंकरनारायणन से राज्यपाल को निर्णय लेने का अनुरोध कैसे करें और इस मुद्दे से जुड़े कौन से कानून हैं, इससे अवगत कराने के लिए कहा.

Last Updated : Nov 3, 2020, 4:40 PM IST
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