नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने असम के बाघजन तेल के कुएं में आग लगने की घटना में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की 10 सदस्यीय समिति का गठन किया. ये समिति पहले से बनी पांच सदस्यीय टीम के साथ काम करेगी, जिससे मामले को सुलझाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके.
इसके साथ ही अदालत ने ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) के प्रबंध निदेशक को इस समिति से यह कहकर निकाल दिया कि कंपनी के अधिकारी समिति के सदस्य नहीं हो सकते हैं. वहीं, अदालत ने असम के मुख्य सचिव को भी यह कहकर समिति से हटाया कि ऐसे व्यक्ति को जांच की जिम्मेदारी नहीं सौंपी जानी चाहिए, जिन्हें इसकी कोई जानकारी भी न हो.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूंड, जस्टिस हीमा कोहली और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने असम के बाघजन तेल के कुएं में आग के कारण पर्यावरणीय क्षति से संबंधित एक मामले में कार्यकर्ता बोनानी कक्कड़ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में एनजीटी के आदेश को चुनौती दी गई थी.
अदालत ने आज समिति को आदेश दिया कि वह जल्द से जल्द जांच करे और तीन महीने के भीतर सीलबंद लिफाफे में इसकी रिपोर्ट पेश करे.