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राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के बाद सीएम स्टालिन ने राज्यपाल की भूमिका पर उठाये सवाल - SC order on Rajiv case

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्या मामले में सजा काट रहे नलिनी समेत छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया. तमिलनाडु सरकार ने श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई का समर्थन करते हुए कहा था कि उनकी उम्रकैद की सजा माफ करने को लेकर राज्य सरकार की 2018 की सलाह राज्यपाल पर बाध्यकारी है.

स्टालिन
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Published : Nov 12, 2022, 7:56 AM IST

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि राजीव गांधी हत्याकांड में उच्चतम न्यायालय के फैसले ने दिखाया है कि राज्यपालों को चुनी हुई सरकारों के फैसलों को ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहिए. राजीव गांधी हत्याकांड में छह दोषियों की रिहाई के न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए स्टालिन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का यह फैसला इस बात को रेखांकित करता है कि राज्यपालों को चुनी हुई सरकारों के फैसलों और प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहिए.

पढ़ें: राजीव गांधी हत्याकांड: SC ने उम्रकैद की सजा काट रहे 6 दोषियों को रिहा करने का दिया आदेश

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ द्रमुक के अध्यक्ष ने न्यायालय के इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए भी दोषियों की रिहाई की पैरोकारी की थी. उन्होंने कहा कि पिछले साल राज्य में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने केंद्र से उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया, तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा तथा उन्हें रिहा कराने के लिए लड़ी गई कानूनी लड़ाई का समर्थन किया.

पढ़ें: राजीव गांधी हत्याकांड : याचिकाकर्ताओं के वकील ने ये बताई रिहाई की वजह

स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल (बनवारीलाल पुरोहित और बाद में आर एन रवि) ने दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले (2018 में अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान लिये गये) को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की मंजूरी देने के लिए राज भवन पर लगातार दबाव बनाया.

(एक्सट्रा इनपुट पीटीआई-भाषा)

पढ़ें: राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का फैसला पूरी तरह अस्वीकार्य : कांग्रेस

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि राजीव गांधी हत्याकांड में उच्चतम न्यायालय के फैसले ने दिखाया है कि राज्यपालों को चुनी हुई सरकारों के फैसलों को ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहिए. राजीव गांधी हत्याकांड में छह दोषियों की रिहाई के न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए स्टालिन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का यह फैसला इस बात को रेखांकित करता है कि राज्यपालों को चुनी हुई सरकारों के फैसलों और प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहिए.

पढ़ें: राजीव गांधी हत्याकांड: SC ने उम्रकैद की सजा काट रहे 6 दोषियों को रिहा करने का दिया आदेश

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ द्रमुक के अध्यक्ष ने न्यायालय के इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए भी दोषियों की रिहाई की पैरोकारी की थी. उन्होंने कहा कि पिछले साल राज्य में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने केंद्र से उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया, तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा तथा उन्हें रिहा कराने के लिए लड़ी गई कानूनी लड़ाई का समर्थन किया.

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स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल (बनवारीलाल पुरोहित और बाद में आर एन रवि) ने दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले (2018 में अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान लिये गये) को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की मंजूरी देने के लिए राज भवन पर लगातार दबाव बनाया.

(एक्सट्रा इनपुट पीटीआई-भाषा)

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