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भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या मामले में बंगाल सरकार काे सुप्रीम काेर्ट का नाेटिस

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी करते हुए और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की हत्या की जांच की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 25 मई को हाेगी.

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Published : May 18, 2021, 6:35 PM IST

सुप्रीम काेर्ट
सुप्रीम काेर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी करते हुए और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की हत्या की जांच की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा है.

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ भाजपा के दो कार्यकर्ताओं के परिवारों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनकी कथित तौर पर मतगणना के दिन टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा हत्या कर दी गई थी. एक याचिकाकर्ता मृतक अभिजीत सरकार का भाई है और दूसरी मृतक हरन अधिकारी की विधवा है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने अदालत के समक्ष कहा कि यह एक अत्यंत गंभीर मामला है और इसकी विशेष पड़ताल दल द्वारा जांच की जानी चाहिए.

उन्होंने तर्क दिया कि दो कार्यकर्ताओं की बेरहमी से हत्या कर दी गई और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया. मामले में राज्य पुलिस पूरी तरह निष्क्रिय बनी रही.

कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को अपनी प्रतिक्रिया के साथ हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा.

आपकाे बता दें कि अधिवक्ता जेठमलानी ने अदालत के समक्ष दलील दी कि अभिजीत सरकार के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाना चाहिए उसके शव का पोस्टमार्टम किया जाए और पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जाए.

इसे भी पढ़ें : बंगाल के मंत्रियों पर सीबीआई कार्रवाई को लेकर संजय राउत ने केंद्र पर साधा निशाना

कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 25 मई को हाेगी.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी करते हुए और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की हत्या की जांच की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा है.

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ भाजपा के दो कार्यकर्ताओं के परिवारों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनकी कथित तौर पर मतगणना के दिन टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा हत्या कर दी गई थी. एक याचिकाकर्ता मृतक अभिजीत सरकार का भाई है और दूसरी मृतक हरन अधिकारी की विधवा है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने अदालत के समक्ष कहा कि यह एक अत्यंत गंभीर मामला है और इसकी विशेष पड़ताल दल द्वारा जांच की जानी चाहिए.

उन्होंने तर्क दिया कि दो कार्यकर्ताओं की बेरहमी से हत्या कर दी गई और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया. मामले में राज्य पुलिस पूरी तरह निष्क्रिय बनी रही.

कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को अपनी प्रतिक्रिया के साथ हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा.

आपकाे बता दें कि अधिवक्ता जेठमलानी ने अदालत के समक्ष दलील दी कि अभिजीत सरकार के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाना चाहिए उसके शव का पोस्टमार्टम किया जाए और पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जाए.

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कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 25 मई को हाेगी.

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