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कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट से राहत

भूमि से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की याचिका पर नोटिस जारी किया है. येदियुरप्पा ने हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया गया था.

येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट से राहत
येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट से राहत
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Published : Jan 27, 2021, 4:52 PM IST

नई दिल्ली : मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को फिलहाल राहत दे दी है. येदियुरप्पा की याचिका पर दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया. येदियुरप्पा ने उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें कोर्ट ने एक भूमि का आवंटन रद्द करने के लिए उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रोकने से इनकार कर दिया था.

कर्नाटक के सीएम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने आज अदालत के समक्ष दलील दी कि अदालत उनके खिलाफ संज्ञान नहीं ले सकती क्योंकि वह आरोपों के समय सीएम थे और अब भी सीएम हैं. इस पर जस्टिस एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम ने कहा कि पहले वे पक्षों को सुनना चाहते हैं इसलिए नोटिस जारी करेंगे.

मुकुल रोहतगी ने येदियुरप्पा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की, जिस पर सीजेआई ने जवाब दिया, 'वह मौजूदा मुख्यमंत्री हैं, उनके खिलाफ वारंट कौन जारी कर सकता है?' उन्होंने कहा कि सीएम के लिए वे अनुरोध पत्र जारी करते हैं वारंट नहीं.

ये है मामला

बेंगलुरु के एक आरटीआई कार्रकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर लोकायुक्त पुलिस ने येदियुरप्पा और जनता दल सेक्युलर के एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. आरोप था कि येदियुरप्पा ने अवैध रूप से एक पॉश इलाके की जमीन का अधिसूचना रद्द की थी.

पढ़ें- स्किन टू स्किन टच मामले में सुप्रीम कोर्ट की बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक

मामले में हाल ही में हाईकोर्ट ने भी एफआईआर रद्द करने की अर्जी को खारिज कर दिया था.

नई दिल्ली : मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को फिलहाल राहत दे दी है. येदियुरप्पा की याचिका पर दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया. येदियुरप्पा ने उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें कोर्ट ने एक भूमि का आवंटन रद्द करने के लिए उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रोकने से इनकार कर दिया था.

कर्नाटक के सीएम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने आज अदालत के समक्ष दलील दी कि अदालत उनके खिलाफ संज्ञान नहीं ले सकती क्योंकि वह आरोपों के समय सीएम थे और अब भी सीएम हैं. इस पर जस्टिस एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम ने कहा कि पहले वे पक्षों को सुनना चाहते हैं इसलिए नोटिस जारी करेंगे.

मुकुल रोहतगी ने येदियुरप्पा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की, जिस पर सीजेआई ने जवाब दिया, 'वह मौजूदा मुख्यमंत्री हैं, उनके खिलाफ वारंट कौन जारी कर सकता है?' उन्होंने कहा कि सीएम के लिए वे अनुरोध पत्र जारी करते हैं वारंट नहीं.

ये है मामला

बेंगलुरु के एक आरटीआई कार्रकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर लोकायुक्त पुलिस ने येदियुरप्पा और जनता दल सेक्युलर के एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. आरोप था कि येदियुरप्पा ने अवैध रूप से एक पॉश इलाके की जमीन का अधिसूचना रद्द की थी.

पढ़ें- स्किन टू स्किन टच मामले में सुप्रीम कोर्ट की बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक

मामले में हाल ही में हाईकोर्ट ने भी एफआईआर रद्द करने की अर्जी को खारिज कर दिया था.

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