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सुप्रीम कोर्ट में पीठों के समक्ष मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए बनी नई प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने मामलों की तत्काल लिस्टिंग और सुनवाई के लिए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर एक नई अधिसूचना जारी की है. नई व्यवस्था तीन जुलाई से लागू होगी.

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Published : Jun 29, 2023, 1:49 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने 3 जुलाई से मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और सुनवाई के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर एक नई अधिसूचना जारी की है. यह अधिसूचना भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ के कार्यालय से जारी हुई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के बाद 3 जुलाई को फिर से खुलने वाला है. शीर्ष अदालत ने न्यायिक प्रशासन के रजिस्ट्रार के माध्यम 28 जून को जारी अपनी अधिसूचना में कहा है कि शनिवार, सोमवार और मंगलवार को सत्यापित किए गए विविध नए मामले स्वचालित रूप से अगले सोमवार को सूचीबद्ध किए जाएंगे.

सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि ऐसी आवंटित तारीखों से पहले सत्यापित नए मामलों को सूचीबद्ध करने की मांग करने वाले वकीलों को अब अपने मामलों की सुनवाई अगले दिन कराने के लिए दोपहर 3 बजे तक अपनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इसमें कहा गया है कि उसी दिन लिस्टिंग चाहने वालों के लिए वकिलों को, प्रो फॉर्म को तत्काल पत्र के साथ उल्लेख अधिकारी को सुबह 10:30 बजे तक जमा करना होगा.

परिपत्र में कहा गया है कि सीजेआई दोपहर के भोजन के दौरान या 'आवश्यकतानुसार' इस पर फैसला लेंगे. नोटिस के बाद और नियमित सुनवाई वाले मामलों के लिए जिन्हें तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की जाती है, वकीलों को पहले प्रो फॉर्म और अत्यावश्यक पत्र के साथ उल्लेख अधिकारी के पास जाना होता है. इसमें कहा गया है कि ऐसे मामलों के लिए एक दिन पहले अपलोड की गई उल्लेख सूचियों के अलावा किसी अन्य उल्लेख की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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प्रक्रियाओं के अनुसार, वकीलों और वादियों को सीजेआई की अदालत के समक्ष तात्कालिकता का आधार रखकर अपने मामलों को आउट-ऑफ-टर्न लिस्टिंग और सुनवाई के लिए उल्लेख करने की अनुमति है. हाल ही में, शीर्ष अदालत ने 3 जुलाई से 15 पीठों को नए मामलों के आवंटन के लिए एक नया रोस्टर भी अधिसूचित किया है. सीजेआई और दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों की अध्यक्षता वाली पहली तीन अदालतें क्रमशः जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेंगी.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने 3 जुलाई से मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और सुनवाई के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर एक नई अधिसूचना जारी की है. यह अधिसूचना भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ के कार्यालय से जारी हुई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के बाद 3 जुलाई को फिर से खुलने वाला है. शीर्ष अदालत ने न्यायिक प्रशासन के रजिस्ट्रार के माध्यम 28 जून को जारी अपनी अधिसूचना में कहा है कि शनिवार, सोमवार और मंगलवार को सत्यापित किए गए विविध नए मामले स्वचालित रूप से अगले सोमवार को सूचीबद्ध किए जाएंगे.

सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि ऐसी आवंटित तारीखों से पहले सत्यापित नए मामलों को सूचीबद्ध करने की मांग करने वाले वकीलों को अब अपने मामलों की सुनवाई अगले दिन कराने के लिए दोपहर 3 बजे तक अपनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इसमें कहा गया है कि उसी दिन लिस्टिंग चाहने वालों के लिए वकिलों को, प्रो फॉर्म को तत्काल पत्र के साथ उल्लेख अधिकारी को सुबह 10:30 बजे तक जमा करना होगा.

परिपत्र में कहा गया है कि सीजेआई दोपहर के भोजन के दौरान या 'आवश्यकतानुसार' इस पर फैसला लेंगे. नोटिस के बाद और नियमित सुनवाई वाले मामलों के लिए जिन्हें तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की जाती है, वकीलों को पहले प्रो फॉर्म और अत्यावश्यक पत्र के साथ उल्लेख अधिकारी के पास जाना होता है. इसमें कहा गया है कि ऐसे मामलों के लिए एक दिन पहले अपलोड की गई उल्लेख सूचियों के अलावा किसी अन्य उल्लेख की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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प्रक्रियाओं के अनुसार, वकीलों और वादियों को सीजेआई की अदालत के समक्ष तात्कालिकता का आधार रखकर अपने मामलों को आउट-ऑफ-टर्न लिस्टिंग और सुनवाई के लिए उल्लेख करने की अनुमति है. हाल ही में, शीर्ष अदालत ने 3 जुलाई से 15 पीठों को नए मामलों के आवंटन के लिए एक नया रोस्टर भी अधिसूचित किया है. सीजेआई और दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों की अध्यक्षता वाली पहली तीन अदालतें क्रमशः जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेंगी.

(पीटीआई)

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