ETV Bharat / bharat

अयोग्य ठहराए गए तीन पूर्व विधायकों की अर्जी पर सुनवाई के लिए SC सहमत

मणिपुर विधानसभा स्पीकर ने 18 जून, 2020 को कांग्रेस के तीन विधायकों के. बीरेन सिंह, येंगखोम सुरचंद्र सिंह और एस बीरा सिंह को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया था. इसके बाद मणिपुर हाई कोर्ट ने भी स्पीकर के निर्णय को बरकरार रखा था.

मणिपुर हाई कोर्ट
मणिपुर हाई कोर्ट
author img

By

Published : Aug 25, 2021, 4:43 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट मणिपुर कांग्रेस के तीन पूर्व विधायकों की उन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बुधवार को सहमत हो गया, जिसमें उन्हें सदस्यता के अयोग्य घोषित करने का विधानसभा स्पीकर का निर्णय बरकरार रखने के मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है.

विधानसभा स्पीकर ने पिछले साल 18 जून को अपने आदेश में तीनों विधायकों को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया था.

शीर्ष अदालत ने अयोग्य ठहराए गए विधायकों की तीन अलग-अलग याचिकाओं पर नोटिस जारी कर विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय और अन्य से जवाब मांगा है.

पूर्व विधायकों ने हाई कोर्ट के दो जून, 2021 के फैसलों को चुनौती दी है, जिनमें कहा गया था कि विधानसभा अध्यक्ष के पास यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सामग्री थी कि उन्होंने स्वेच्छा से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) की सदस्यता छोड़ दी थी.

अयोग्यता याचिकाएं दायर किए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले साल 18 जून को तीन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था.

अयोग्यता याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने स्वेच्छा से कांग्रेस की सदस्यता छोड़ दी है और भाजपा को अपना समर्थन दिया है. अयोग्यता याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने भाजपा द्वारा आयोजित राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लिया था.

न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने प्रतिवादियों को दो सप्ताह के भीतर अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले में अब 29 सितंबर को आगे सुनवाई होगी.

सुप्रीम कोर्ट पूर्व विधायक के. बीरेन सिंह, येंगखोम सुरचंद्र सिंह और एस बीरा सिंह की तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था. ये विधायक मार्च 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए थे.

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से अनुरोध किया कि हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए. पीठ ने कहा कि वह याचिकाओं पर नोटिस जारी कर रही है और मामले में अब 29 सितंबर को सुनवाई होगी.

रोहतगी ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ताओं ने सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है क्योंकि हाई कोर्ट ने उनकी अयोग्यता को कायम रखा है और अयोग्यता का कथित आधार यह है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता स्वेच्छा से छोड़ दी है.

यह भी पढ़ें- मणिपुर कांग्रेस की चुनाव आयोग से 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग

उन्होंने दलील दी कि अयोग्यता कार्यवाही में कई खामियां थीं और मामला कथित तौर पर उन मीडिया रिपोर्टों और तस्वीरों के आधार पर बनाया गया था कि इन विधायकों को भाजपा नेताओं के साथ देखा गया है. उन्होंने कहा कि पूर्व विधायकों ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वे अभी भी कांग्रेस के साथ हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट मणिपुर कांग्रेस के तीन पूर्व विधायकों की उन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बुधवार को सहमत हो गया, जिसमें उन्हें सदस्यता के अयोग्य घोषित करने का विधानसभा स्पीकर का निर्णय बरकरार रखने के मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है.

विधानसभा स्पीकर ने पिछले साल 18 जून को अपने आदेश में तीनों विधायकों को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया था.

शीर्ष अदालत ने अयोग्य ठहराए गए विधायकों की तीन अलग-अलग याचिकाओं पर नोटिस जारी कर विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय और अन्य से जवाब मांगा है.

पूर्व विधायकों ने हाई कोर्ट के दो जून, 2021 के फैसलों को चुनौती दी है, जिनमें कहा गया था कि विधानसभा अध्यक्ष के पास यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सामग्री थी कि उन्होंने स्वेच्छा से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) की सदस्यता छोड़ दी थी.

अयोग्यता याचिकाएं दायर किए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले साल 18 जून को तीन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था.

अयोग्यता याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने स्वेच्छा से कांग्रेस की सदस्यता छोड़ दी है और भाजपा को अपना समर्थन दिया है. अयोग्यता याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने भाजपा द्वारा आयोजित राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लिया था.

न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने प्रतिवादियों को दो सप्ताह के भीतर अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले में अब 29 सितंबर को आगे सुनवाई होगी.

सुप्रीम कोर्ट पूर्व विधायक के. बीरेन सिंह, येंगखोम सुरचंद्र सिंह और एस बीरा सिंह की तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था. ये विधायक मार्च 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए थे.

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से अनुरोध किया कि हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए. पीठ ने कहा कि वह याचिकाओं पर नोटिस जारी कर रही है और मामले में अब 29 सितंबर को सुनवाई होगी.

रोहतगी ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ताओं ने सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है क्योंकि हाई कोर्ट ने उनकी अयोग्यता को कायम रखा है और अयोग्यता का कथित आधार यह है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता स्वेच्छा से छोड़ दी है.

यह भी पढ़ें- मणिपुर कांग्रेस की चुनाव आयोग से 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग

उन्होंने दलील दी कि अयोग्यता कार्यवाही में कई खामियां थीं और मामला कथित तौर पर उन मीडिया रिपोर्टों और तस्वीरों के आधार पर बनाया गया था कि इन विधायकों को भाजपा नेताओं के साथ देखा गया है. उन्होंने कहा कि पूर्व विधायकों ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वे अभी भी कांग्रेस के साथ हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.