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ताजमहल में सतरंगी चादरपोशी, दुनिया से कोरोना के खात्मे की दुआ - ताजमहल में सतरंगी चादरपोशी

ताजमहल में शुक्रवार को रॉयल गेट पर शहनाई और नगाड़ा बजाया गया. इसके साथ ही मकबरे पर कव्वालियां गूंज रही थीं. मौका मुगल शहंशाह के 366वें उर्स के तीसरे दिन का था.

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Published : Mar 13, 2021, 5:25 PM IST

Updated : Mar 13, 2021, 5:49 PM IST

आगरा : ताजमहल में शुक्रवार का नजारा बदला-बदला सा नजर आया. रॉयल गेट पर जहां शहनाई और नगाड़ा बज रहा था. वहीं मकबरे पर कव्वालियां गूंजती रहीं. अवसर था मुगल शहंशाह शाहजहां के 366वें उर्स के तीसरे दिन का. अकीदतमंद मन्नत और आस्था के साथ शाहजहां और मुमताज की कब्र पर चादरपोशी और पंखे चढ़ाने के लिए वहां पहुंचे थे.

उर्स के तीसरे दिन शुक्रवार का मुख्य आकर्षण सांप्रदायिक और सौहार्द की मिसाल 1331 मीटर (4,366 फीट) की सतरंगी चादर रही. जिसे लेकर अकीदतमंद दोपहर साढ़े तीन बजे पश्चिमी गेट से फोरकोर्ट पहुंचे. सतरंगी चादर दक्षिण गेट से रॉयल गेट गुजरती चमेली फर्श होकर ताजमहल पहुंची. पूरा ताजमहल परिसर सतरंगी हो गया.

चढ़ाई गई सतरंगी चादर

मुगल शहंशाह शाहजहां के उर्स में तीसरे दिन सुलहकुल की नगरी में खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी की ओर से दुनिया की सबसे लंबी सतरंगी चादर चढ़ाई गई. खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के प्रेसिडेंट ताहिरउद्दीन ताहिर और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चीफ इमाम ऑफ इंडिया डॉक्टर इमाम उमेर अहमद इलियाशी के साथ-साथ सतरंगी चादर ताजमहल परिसर में पहुंची. सतरंगी चादर की चादरपोशी करके ताजमहल से दुनिया को प्रेम और सद्भावना का संदेश दिया गया.

फातिहा पढ़ा और तवर्रुक बांटा गया

शाहजहां के उर्स के चलते तीसरे दिन शुक्रवार को ताजमहल में सुबह से सभी को निशुल्क एंट्री की व्यवस्था की गई. सुबह ही ताजमहल के तहखाने में स्थिति शाहजहां और मुमताज की कब्र खोल दी गई. सुबह सबसे पहले फातिहा पढ़ा गया. जिसके बाद कुलशरीफ हुआ. तवर्रुक बांटा गया. सुबह 10 बजे कुरानख्वानी के बाद चादर पोशी का सिलसिला शुरू हुआ. ढोल ताशों के साथ अकीदतमंदों ने फूलों और कपड़ों की चादर चढ़ाई, पंखे चढ़ाए.

सद्भावना की चादर

खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के प्रेसिडेंट ताहिरउद्दीन ताहिर का कहना कि 1331 मीटर की सतरंगी चादरपोशी के साथ ही कोरोना संक्रमण नेस्तोनाबूद हो जाए. इस चादर के जरिए दुनिया को ये बताने का भी प्रयास किया गया है कि ये सद्भावना की चादर है. हिंदू मुस्लिम एकता की चादर है. सभी धर्म की आस्था की चादर है. ये चादर किसी एक जाति, किसी एक नेता या ये किसी समाज की नहीं है, ये सर्व समाज की चादर है.

पढ़ें :- ताजमहल में आज से तीन दिन शाहजहां-मुमताज की कब्र का कर सकेंगे दीदार, नहीं देने पडे़ंगे पैसे

हर भारतीय के लिए दुआ की

चीफ इमाम आफ इंडिया डॉ. इमाम उमेर अहमद इलियाशी का कहना है कि दुनिया की सबसे लंबी सतरंगी चादर यहां पेश की जाती है. इस चादर में सभी धर्मों के रंग शामिल हैं. यही हमारे भारत की पहचान है. अनेकता में एकता की और आज हम यहां ताजमहल से उर्स में दुआ करते हैं कि भारत ही नहीं पूरे विश्व से कोरोना की बीमारी खत्म हो. जो लोग परेशान हैं, उनकी परेशानी खत्म हो. हमारा देश, जो विश्व गुरु था हमेशा रहेगा. ये भी दुआ की गई है.

पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की सफलता को लेकर भी दुआ की गई है. आत्मनिर्भर भारत विश्व गुरु बनेगा. इसकी भी दुआ की गई है. हमारे वजीरे आजम मोदी के लिए भी दुआ की है. इसके साथ ही में भारत और हर भारतीय के लिए भी दुआ की गई.

आगरा : ताजमहल में शुक्रवार का नजारा बदला-बदला सा नजर आया. रॉयल गेट पर जहां शहनाई और नगाड़ा बज रहा था. वहीं मकबरे पर कव्वालियां गूंजती रहीं. अवसर था मुगल शहंशाह शाहजहां के 366वें उर्स के तीसरे दिन का. अकीदतमंद मन्नत और आस्था के साथ शाहजहां और मुमताज की कब्र पर चादरपोशी और पंखे चढ़ाने के लिए वहां पहुंचे थे.

उर्स के तीसरे दिन शुक्रवार का मुख्य आकर्षण सांप्रदायिक और सौहार्द की मिसाल 1331 मीटर (4,366 फीट) की सतरंगी चादर रही. जिसे लेकर अकीदतमंद दोपहर साढ़े तीन बजे पश्चिमी गेट से फोरकोर्ट पहुंचे. सतरंगी चादर दक्षिण गेट से रॉयल गेट गुजरती चमेली फर्श होकर ताजमहल पहुंची. पूरा ताजमहल परिसर सतरंगी हो गया.

चढ़ाई गई सतरंगी चादर

मुगल शहंशाह शाहजहां के उर्स में तीसरे दिन सुलहकुल की नगरी में खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी की ओर से दुनिया की सबसे लंबी सतरंगी चादर चढ़ाई गई. खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के प्रेसिडेंट ताहिरउद्दीन ताहिर और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चीफ इमाम ऑफ इंडिया डॉक्टर इमाम उमेर अहमद इलियाशी के साथ-साथ सतरंगी चादर ताजमहल परिसर में पहुंची. सतरंगी चादर की चादरपोशी करके ताजमहल से दुनिया को प्रेम और सद्भावना का संदेश दिया गया.

फातिहा पढ़ा और तवर्रुक बांटा गया

शाहजहां के उर्स के चलते तीसरे दिन शुक्रवार को ताजमहल में सुबह से सभी को निशुल्क एंट्री की व्यवस्था की गई. सुबह ही ताजमहल के तहखाने में स्थिति शाहजहां और मुमताज की कब्र खोल दी गई. सुबह सबसे पहले फातिहा पढ़ा गया. जिसके बाद कुलशरीफ हुआ. तवर्रुक बांटा गया. सुबह 10 बजे कुरानख्वानी के बाद चादर पोशी का सिलसिला शुरू हुआ. ढोल ताशों के साथ अकीदतमंदों ने फूलों और कपड़ों की चादर चढ़ाई, पंखे चढ़ाए.

सद्भावना की चादर

खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के प्रेसिडेंट ताहिरउद्दीन ताहिर का कहना कि 1331 मीटर की सतरंगी चादरपोशी के साथ ही कोरोना संक्रमण नेस्तोनाबूद हो जाए. इस चादर के जरिए दुनिया को ये बताने का भी प्रयास किया गया है कि ये सद्भावना की चादर है. हिंदू मुस्लिम एकता की चादर है. सभी धर्म की आस्था की चादर है. ये चादर किसी एक जाति, किसी एक नेता या ये किसी समाज की नहीं है, ये सर्व समाज की चादर है.

पढ़ें :- ताजमहल में आज से तीन दिन शाहजहां-मुमताज की कब्र का कर सकेंगे दीदार, नहीं देने पडे़ंगे पैसे

हर भारतीय के लिए दुआ की

चीफ इमाम आफ इंडिया डॉ. इमाम उमेर अहमद इलियाशी का कहना है कि दुनिया की सबसे लंबी सतरंगी चादर यहां पेश की जाती है. इस चादर में सभी धर्मों के रंग शामिल हैं. यही हमारे भारत की पहचान है. अनेकता में एकता की और आज हम यहां ताजमहल से उर्स में दुआ करते हैं कि भारत ही नहीं पूरे विश्व से कोरोना की बीमारी खत्म हो. जो लोग परेशान हैं, उनकी परेशानी खत्म हो. हमारा देश, जो विश्व गुरु था हमेशा रहेगा. ये भी दुआ की गई है.

पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की सफलता को लेकर भी दुआ की गई है. आत्मनिर्भर भारत विश्व गुरु बनेगा. इसकी भी दुआ की गई है. हमारे वजीरे आजम मोदी के लिए भी दुआ की है. इसके साथ ही में भारत और हर भारतीय के लिए भी दुआ की गई.

Last Updated : Mar 13, 2021, 5:49 PM IST
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