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हिमाचल प्रदेश: कमरा नं. 202 में बैठने वाला मंत्री हारता है चुनाव, बड़े-बड़े दिग्गजों के हारने के बाद किसे मिलेगा ?

हिमाचल प्रदेश सचिवालय में एक ऐसा कमरा है जहां बैठने वाला मंत्री अगला चुनाव हार जाता है. पिछले 24 साल से एक अपशगुन इस कमरे के साथ जुड़ा है. सुक्खू मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले एक बार फिर ये कमरा सुर्खियों में है. आखिर क्या है पूरा माजरा, जानने के लिए पढ़े पूरी ख़बर (room number 202 in himachal pradesh secretariat) (Story of Room 202 of HP Secretariat) (Curse of room number 202 in Himachal Pradesh)

Curse of room number 202 in HP Secretariat
Curse of room number 202 in HP Secretariat
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Published : Dec 13, 2022, 2:44 PM IST

शिमला: हिमाचल में कांग्रेस की नई सरकार बन गई है. भले मंत्रिमंडल का विस्तार होना बाकी हो लेकिन शिमला में राज्य सचिवालय में मंत्रियों के लिए कमरे तैयार किए जा रहे हैं. इस बीच हिमाचल सचिवालय का एक कमरा सुर्खियों में हैं. जहां मंत्री के लिए हार का अपशगुन बना हुआ है, यानी जिस मंत्री को ये कमरा अलॉट होता है वहां बैठने वाले मंत्री का अगला चुनाव हारना तय है. और ऐसा पिछले 24 साल से होता आ रहा है. (Curse of room number 202 in Himachal Pradesh)

कमरा नंबर 202 का अपशगुन- शिमला में हिमाचल प्रदेश सचिवालय का कमरा नंबर 202 फिर सुर्खियों में है. सचिवालय की दूसरी मंजिल का ये कमरा मंत्रियों के लिए अभिशाप साबित होता है. फिर चाहे मंत्री कितना भी कद्दावर क्यों न हो. साल 1998 से जिस भी मंत्री को ये कमरा मिला वो अगली बार चुनाव भी नहीं जीत पाया है. जैसे 1985 के बाद से हिमाचल में कोई सरकार रिपीट नहीं हो पाई है वैसे ही पिछले 24 साल में इस कमरे में बैठने वाला मंत्री अपनी विधायकी भी रिपीट नहीं कर पाता. (Room number 202 in himachal pradesh secretariat) (Curse of room number 202 in HP Secretariat)

room number 202 in himachal pradesh secretariat
हिमाचल प्रदेश सचिवालय का कमरा नंबर 202.

इस बार रामलाल मारकंडा हारे चुनाव- जयराम सरकार में लाहौल-स्पीति से विधायक रामलाल मारकंडा को जनजातीय विकास मंत्री बनाया गया था. कैबिनेट मंत्री के नाते उन्हें भी कमरा नंबर 202 अलॉट हुआ था. उस वक्त भी इस कमरे के अभिशाप की बातें खूब हुई थी. तब उन्होंने कहा था कि वो इस तरह के अभिशाप या इतिहास में भरोसा नहीं रखते. लेकिन मौजूदा चुनाव में उन्हें लाहौल स्पीति सीट से कांग्रेस के रवि ठाकुर ने 1616 वोट से हराया है और कमरा नंबर 202 का अभिशाप इस बार भी जारी है. (Story of Room 202 of HP Secretariat)

जेपी नड्डा जैसे दिग्गज भी हार चुके हैं- रामलाल मारकंडा इस कमरे में बैठकर अगला चुनाव हारने वाले इकलौते मंत्री नहीं है. साल 1998 के बाद से ये सिलसिला शुरू हुआ था. जब साल 1998 में बिलासपुर से दूसरी बार चुनाव जीतने वाले जेपी नड्डा को धूमल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था. जेपी नड्डा को भी कमरा नंबर 202 अलॉट हुआ और साल 2003 में वो चुनाव हार गए.

room number 202 in himachal pradesh secretariat
बीजेपी के रामलाल मारकंडा, जेपी नड्डा, नरेंद्र बरागटा हारे थे चुनाव

आशा कुमारी को लगा था डबल झटका- साल 2003 में हिमाचल का रिवाज जारी रहा और बीजेपी की हार के बाद कांग्रेस सत्ता में आ गई. इसी तरह नड्डा की हार के बाद कमरा नंबर 202 कांग्रेस सरकार की शिक्षा मंत्री आशा कुमारी को अलॉट हुआ. लेकिन एक जमीन से जुड़े केस के कारण साल 2005 में पहले उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़ा और फिर साल 2007 में वो बीजेपी की रेनू चड्ढा से चुनाव हार गईं. (room number 202 in HP secretariat)

धूमल सरकार के मंत्री को भी मिली हार- 2007 में हिमाचल में बीजेपी की सरकार बनी और प्रेम कुमार धूमल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. इस बार कमरा नंबर 202 बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा को मिला. जो उनके लिए भी श्राप साबित हुआ. 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में वो कांग्रेस के रोहित ठाकुर से चुनाव हार गए.

room number 202 in himachal pradesh secretariat
कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे सुधीर शर्मा, आशा कुमारी भी हारे चुनाव

सुधीर शर्मा के लिए भी जारी रहा अपशगुन- साल 2012 में सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई और इस बार ये कमरा ये कमरा कांग्रेस के युवा नेता सुधीर शर्मा को मिला. जिन्हें वीरभद्र सिंह की सरकार में शहरी विकास मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी. लेकिन कमरा नंबर 202 के इतिहास ने उन्हें भी नहीं छोड़ा और वो साल 2017 में धर्मशाला से चुनाव हार गए.

अब किसे मिलेगा कमरा नंबर 202 ?- राज्य सचिवालय का कमरा नंबर 202 इस बार भी किसी मंत्री को मिलना लगभग तय है. सचिवालय में मंत्रियों के लिए कमरे तैयार किए जा रहे हैं लेकिन ये कमरा नंबर 202 किसे अलॉट होगा ये कुछ दिन में तय हो जाएगा. देखने वाली बात ये भी होगी की इस कमरे के इतिहास को देखते हुए ये कमरा किसी मंत्री को अलॉट भी किया जाता है या नहीं ?

ये भी पढ़ें : दिल्ली में जुटे प्रतिभा, विक्रमादित्य, राठौर और शांडिल, एक और डिप्टी CM को लेकर शांडिल की चर्चा

शिमला: हिमाचल में कांग्रेस की नई सरकार बन गई है. भले मंत्रिमंडल का विस्तार होना बाकी हो लेकिन शिमला में राज्य सचिवालय में मंत्रियों के लिए कमरे तैयार किए जा रहे हैं. इस बीच हिमाचल सचिवालय का एक कमरा सुर्खियों में हैं. जहां मंत्री के लिए हार का अपशगुन बना हुआ है, यानी जिस मंत्री को ये कमरा अलॉट होता है वहां बैठने वाले मंत्री का अगला चुनाव हारना तय है. और ऐसा पिछले 24 साल से होता आ रहा है. (Curse of room number 202 in Himachal Pradesh)

कमरा नंबर 202 का अपशगुन- शिमला में हिमाचल प्रदेश सचिवालय का कमरा नंबर 202 फिर सुर्खियों में है. सचिवालय की दूसरी मंजिल का ये कमरा मंत्रियों के लिए अभिशाप साबित होता है. फिर चाहे मंत्री कितना भी कद्दावर क्यों न हो. साल 1998 से जिस भी मंत्री को ये कमरा मिला वो अगली बार चुनाव भी नहीं जीत पाया है. जैसे 1985 के बाद से हिमाचल में कोई सरकार रिपीट नहीं हो पाई है वैसे ही पिछले 24 साल में इस कमरे में बैठने वाला मंत्री अपनी विधायकी भी रिपीट नहीं कर पाता. (Room number 202 in himachal pradesh secretariat) (Curse of room number 202 in HP Secretariat)

room number 202 in himachal pradesh secretariat
हिमाचल प्रदेश सचिवालय का कमरा नंबर 202.

इस बार रामलाल मारकंडा हारे चुनाव- जयराम सरकार में लाहौल-स्पीति से विधायक रामलाल मारकंडा को जनजातीय विकास मंत्री बनाया गया था. कैबिनेट मंत्री के नाते उन्हें भी कमरा नंबर 202 अलॉट हुआ था. उस वक्त भी इस कमरे के अभिशाप की बातें खूब हुई थी. तब उन्होंने कहा था कि वो इस तरह के अभिशाप या इतिहास में भरोसा नहीं रखते. लेकिन मौजूदा चुनाव में उन्हें लाहौल स्पीति सीट से कांग्रेस के रवि ठाकुर ने 1616 वोट से हराया है और कमरा नंबर 202 का अभिशाप इस बार भी जारी है. (Story of Room 202 of HP Secretariat)

जेपी नड्डा जैसे दिग्गज भी हार चुके हैं- रामलाल मारकंडा इस कमरे में बैठकर अगला चुनाव हारने वाले इकलौते मंत्री नहीं है. साल 1998 के बाद से ये सिलसिला शुरू हुआ था. जब साल 1998 में बिलासपुर से दूसरी बार चुनाव जीतने वाले जेपी नड्डा को धूमल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था. जेपी नड्डा को भी कमरा नंबर 202 अलॉट हुआ और साल 2003 में वो चुनाव हार गए.

room number 202 in himachal pradesh secretariat
बीजेपी के रामलाल मारकंडा, जेपी नड्डा, नरेंद्र बरागटा हारे थे चुनाव

आशा कुमारी को लगा था डबल झटका- साल 2003 में हिमाचल का रिवाज जारी रहा और बीजेपी की हार के बाद कांग्रेस सत्ता में आ गई. इसी तरह नड्डा की हार के बाद कमरा नंबर 202 कांग्रेस सरकार की शिक्षा मंत्री आशा कुमारी को अलॉट हुआ. लेकिन एक जमीन से जुड़े केस के कारण साल 2005 में पहले उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़ा और फिर साल 2007 में वो बीजेपी की रेनू चड्ढा से चुनाव हार गईं. (room number 202 in HP secretariat)

धूमल सरकार के मंत्री को भी मिली हार- 2007 में हिमाचल में बीजेपी की सरकार बनी और प्रेम कुमार धूमल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. इस बार कमरा नंबर 202 बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा को मिला. जो उनके लिए भी श्राप साबित हुआ. 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में वो कांग्रेस के रोहित ठाकुर से चुनाव हार गए.

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कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे सुधीर शर्मा, आशा कुमारी भी हारे चुनाव

सुधीर शर्मा के लिए भी जारी रहा अपशगुन- साल 2012 में सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई और इस बार ये कमरा ये कमरा कांग्रेस के युवा नेता सुधीर शर्मा को मिला. जिन्हें वीरभद्र सिंह की सरकार में शहरी विकास मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी. लेकिन कमरा नंबर 202 के इतिहास ने उन्हें भी नहीं छोड़ा और वो साल 2017 में धर्मशाला से चुनाव हार गए.

अब किसे मिलेगा कमरा नंबर 202 ?- राज्य सचिवालय का कमरा नंबर 202 इस बार भी किसी मंत्री को मिलना लगभग तय है. सचिवालय में मंत्रियों के लिए कमरे तैयार किए जा रहे हैं लेकिन ये कमरा नंबर 202 किसे अलॉट होगा ये कुछ दिन में तय हो जाएगा. देखने वाली बात ये भी होगी की इस कमरे के इतिहास को देखते हुए ये कमरा किसी मंत्री को अलॉट भी किया जाता है या नहीं ?

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