जयपुर. राजधानी के सांगानेर थाना इलाके में 4 लोगों को रिटायरमेंट पर मिली उनकी जिंदगी भर की जमा पूंजी को एक संगठित गिरोह के ठगों के हड़पने का सनसनीखेज मामला सामने आया (Retirement money fraud by thugs in Jaipur) है. इस संबंध में टोंक रोड निवासी वेद प्रकाश जाट और भगवान सिंह ने सज्जन सिंह, दुर्गा सिंह, छोटीलाल माली, प्रेमप्रकाश जोशी, सोनू कंवर सहित 70 लोगों के खिलाफ मंगलवार को नामजद मुकदमा दर्ज करवाया है.
प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि वेद प्रकाश जाट, भगवान सिंह और उनके 2 परिचितों ने वर्ष 2020 में बॉश कंपनी से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया. इस पर प्रत्येक व्यक्ति को 50 लाख रुपए की जमा पूंजी कंपनी की ओर से दी गई. परिवादी सन 2009 से सज्जन सिंह नाम के एक व्यक्ति से परिचित थे, जिसमें वेद प्रकाश और भगवान सिंह को विश्वास में लेकर सरकारी कर्मचारियों को निजी आवश्यकता पर रकम देने और ब्याज के रूप में लाभ कमाने का झांसा दिया.
मुनाफे के चक्कर में दिया 70 लोगों को ऋण: सज्जन सिंह के झांसे में आकर दोनों परिवादी सरकारी कर्मचारियों को ब्याज पर ऋण देने के लिए तैयार हो गए. जिसके बाद दिसंबर 2020 में सज्जन सिंह ने शासन सचिवालय के बाहर कैंटीन में परिवादियों की मुलाकात दुर्गा सिंह नाम के व्यक्ति से करवाई. जिसने निरंजन सिंह और गिरजा शंकर चतुर्वेदी नाम के दो व्यक्तियों से मिलवाया. निरंजन और गिरजा शंकर को सरकारी कर्मचारी बताकर निजी आवश्यकता के लिए 3-3 लाख रुपए का ऋण ब्याज पर देने के लिए कहा और उनके दस्तावेज परिवादियों को दे दिए. इसके बाद सज्जन सिंह ने परिवादियों की मुलाकात छोटीलाल माली, प्रेमप्रकाश जोशी और सोनू कंवर से करवाई. सभी ने सरकारी कर्मचारियों को ब्याज पर ऋण दिलाने की बात कही और तकरीबन 70 लोगों के दस्तावेज लाकर परिवादियों को जमा करवा दिए. साथ ही 2 करोड़ 10 लाख रुपए की राशि बतौर ऋण प्राप्त कर ली. साथ ही नवंबर 2021 में उधार ली गई राशि ब्याज सहित चुकाने का आश्वासन दिया.
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मांगी राशि तो मिली सीएम के नाम की धमकी: नवंबर 2021 बीत जाने के बाद भी जब परिवादियों को उनकी मूल राशि प्राप्त नहीं हुई तो उन्होंने उन लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया जिन्हें ब्याज पर ऋण दिया गया था. जब उन लोगों से मोबाइल के जरिए संपर्क करने का प्रयास किया गया तो सभी के नंबर बंद आए. परिवादियों के पास उन सभी 70 लोगों के दस्तावेज मौजूद थे जिन्हें ऋण दिया गया था और दस्तावेजों के आधार पर जब परिवादी उन विभागों में पड़ताल करने गए जिन विभागों के दस्तावेज ऋण प्राप्त करने वाले लोगों ने दिए थे, तो पता चला कि उस नाम का कोई भी व्यक्ति उस विभाग में कार्यरत नहीं है. जिस पर परिवादियों ने जब सज्जन सिंह और उसके अन्य साथियों से संपर्क किया तो पहले तो उन्होंने बतौर गारंटर मूल राशि वापस लौटाने का आश्वासन दिया.
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सज्जन सिंह और उसके साथियों ने राशि वापस लौटाने के लिए कुछ महीनों की मोहलत मांगी. जब मई 2022 आ गया और राशि वापस नहीं मिली तो परिवादियों ने सज्जन सिंह व अन्य लोगों से संपर्क किया तो उन्होंने राशि लौटाने से साफ इनकार कर दिया. साथ ही धमकी देते हुए कहा कि हमारी जान पहचान मुख्यमंत्री तक है. तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते. इसके साथ ही सोनू कंवर नाम की महिला ने परिवादियों को किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई करने पर छेड़छाड़ और दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाने की धमकी भी दी. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित व्यक्तियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट की दखलंदाजी के बाद सांगानेर थाने में मंगलवार को ठगी का मामला दर्ज किया गया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है और फरार चल रहे आरोपियों की तलाश की जा रही है.