जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से धर्म विशेष को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में बाड़मेर के चौहटन थाने में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए 20 मई तक अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की बेंच में बाबा रामदेव की ओर से पेश विविध आपराधिक याचिका पर सुनवाई के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है.
याचिकाकर्ता बाबा रामदेव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक राज बाजवा व उनके सहयोगी निशांक मदान ने पैरवी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा बेबुनियादी है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से मूल सिंह भाटी ने पक्ष रखते हुए पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे की जानकारी पेश की. कोर्ट ने राज्य सरकार व शिकायतकर्ता पठाई खान को नोटिस जारी करते हुए जुलाई 2023 तक जवाब तलब किया है. इसके साथ ही याचिकाकर्ता को एफआईआर संख्या 0030/2023 के सम्बंध में गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 20 मई 2023 तक या उससे पहले अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए हैं.
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गौरतलब है कि योग गुरू बाबा रामदेव की ओर से धर्म विशेष को लेकर की गई विवादित टिप्पणी करने के मामले में बाड़मेर जिले के चौहाटन थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. चौहटन निवासी पठाई खान ने चौहटन पुलिस थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. बाबा रामदेव के खिलाफ चौहटन थाने में धारा 153-ए, 295-ए और 298 के तहत मामला दर्ज किया गया था. 02 फरवरी 2023 को बाबा रामदेव एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बाड़मेर पहुंचे थे. इस दौरान जिले में आयोजित एक धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए बाबा रामदेव ने एक धर्म विशेष को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से विवाद खड़ा हो गया था.