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यूरोपीय संसद में मणिपुर पर चर्चा को लेकर भारत ने कहा- आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं

यूरोपीय संसद में मणिपुर के हालात पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा है कि यह हमारा अंदरुनी मामला है और भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं है.

Ministry of Defense spokesperson Arindam Bagchi
श मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची
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Published : Jul 13, 2023, 10:59 PM IST

नई दिल्ली: यूरोपीय संसद (EU) में मणिपुर के हालात पर हुए चर्चा पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. भारत ने कहा है कि ये पूरी तरह से हमारा अंदरुनी मामला है. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार (13 जुलाई) को ट्वीट किया कि हमने देखा है कि यूरोपीय संसद ने मणिपुर पर चर्चा की और एक तथाकथित अत्यावश्यक प्रस्ताव अपनाया.

  • We have seen that the European Parliament held a discussion on developments in Manipur and adopted a so-called urgency resolution. Such interference in India's internal affairs is unacceptable and reflects a colonial mindset: MEA spokesperson Arindam Bagchi pic.twitter.com/uCFSmPUMCx

    — ANI (@ANI) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अरिंदम बागची ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं है और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है. न्यायपालिका समेत सभी स्तरों पर भारतीय अधिकारी मणिपुर के हालात से परिचित हैं और अमन और सद्भाव व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यूरोपीय संसद को सलाह दी जाएगी कि वह अपने वक्त का इस्तेमाल अपने आंतरिक मुद्दों पर ध्यान देने के लिए करें. मणिपुर में करीब दो महीनों से हिंसक संघर्ष की घटनाएं सामने आई हैं. विपक्षी दलों ने सरकार के इसमें विफल बताया है.

इसी बीच यूरोपीय संसद ने मणिपुर पर एक प्रस्ताव पारित किया और भारत सरकार से हिंसा को रोकने और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई करने की बात कही है. बुधवार शाम को इस मुद्दे पर गुरुवार को इस प्रस्ताव पारित किया गया.

यूरोपीय संसद ने कहा

यूरोपीय संसद ने अपने प्रस्ताव में भारत सरकार को आगे किसी भी तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए कहा है. इसमें अधिकारियों से पत्रकारों और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को क्षेत्र में जाने और इंटरनेट बैन को खत्म करने की भी बात की है. भारत ने इसपर साफ कहा है कि ये पूरी तरह से भारत का अंदरुनी मामला है.

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  • We have seen that the European Parliament held a discussion on developments in Manipur and adopted a so-called urgency resolution. Such interference in India's internal affairs is unacceptable and reflects a colonial mindset: MEA spokesperson Arindam Bagchi pic.twitter.com/uCFSmPUMCx

    — ANI (@ANI) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अरिंदम बागची ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं है और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है. न्यायपालिका समेत सभी स्तरों पर भारतीय अधिकारी मणिपुर के हालात से परिचित हैं और अमन और सद्भाव व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यूरोपीय संसद को सलाह दी जाएगी कि वह अपने वक्त का इस्तेमाल अपने आंतरिक मुद्दों पर ध्यान देने के लिए करें. मणिपुर में करीब दो महीनों से हिंसक संघर्ष की घटनाएं सामने आई हैं. विपक्षी दलों ने सरकार के इसमें विफल बताया है.

इसी बीच यूरोपीय संसद ने मणिपुर पर एक प्रस्ताव पारित किया और भारत सरकार से हिंसा को रोकने और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई करने की बात कही है. बुधवार शाम को इस मुद्दे पर गुरुवार को इस प्रस्ताव पारित किया गया.

यूरोपीय संसद ने कहा

यूरोपीय संसद ने अपने प्रस्ताव में भारत सरकार को आगे किसी भी तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए कहा है. इसमें अधिकारियों से पत्रकारों और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को क्षेत्र में जाने और इंटरनेट बैन को खत्म करने की भी बात की है. भारत ने इसपर साफ कहा है कि ये पूरी तरह से भारत का अंदरुनी मामला है.

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