नलगोंडा (तेलंगाना) : तेलंगाना के नलगोंडा जिले के तहत आनी वाली मुनुगोडे विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव के चलते क्षेत्र में बड़ी पार्टियों की नियमित दावतों का दौर चल रहा है. वहीं आबकारी विभाग के मुताबिक निर्वाचन क्षेत्र के सात मंडलों में अक्टूबर के 22 दिनों में 160.8 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई. वहीं इस महीने के अंत तक इसके 230 करोड़ रुपये को पार कर जाने की उम्मीद है.
बताया जाता है कि पूर्व में नलगोंडा जिले में औसत शराब की बिक्री 132 करोड़ रुपये प्रतिमाह थी, लेकिन चुनाव की वजह से शराब की बिक्री में भारी इजाफा हुआ है. आबकारी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा बिक्री मुनुगोडे में और सबसे कम गट्टुप्पली में हुई. वहीं दूसरी ओर आरोप है कि बाहरी इलाकों से भी शराब की आपूर्ति की जा रही है. पुलिस सूत्रों को संदेह है कि हैदराबाद, इब्राहिमपट्टनम और देवरकोंडा के आसपास से क्षेत्र की दुकानों में भी शराब की आपूर्ति की जा रही है. उच्चाधिकारियों से भी शिकायतें मिल रही हैं. इसी क्रम में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर विनय कृष्ण रेड्डी ने मंगलवार को चुनाव पर्यवेक्षकों के आदेश पर शराब की दुकानों का निरीक्षण किया.
वहीं क्षेत्र में अभियान के दौरान पार्टियों के द्वारा 500 रुपये का नोट भुगतान के रूप में दिए जाने से व्यापारियों को छोटे नोटों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, इस वजह से छोटे नोटों की कमी हो गई है. इस संबंध में नामपल्ली के एक किराना व्यापारी ने बताया कि अगर वे डिजिटल रूप में भुगतान करने के लिए कहते हैं तो इस पर पार्टियां सहमत नहीं होंगी. मालूम हो कि एक बड़ी पार्टी के द्वारा 20 से 30 साल की उम्र के युवा आंध्रप्रदेश और रायलसीमा से हैदराबाद आने वाली ट्रेनों में प्रतिदिन 200 युवक नलगोंडा स्टेशन पर उतरते हैं जिन्हें प्रतिदिन 500 रुपये और दो वक्त का खाना दिया जाता है.
वहीं दूसरी ओर निर्वाचन क्षेत्र के सभी गांवों में तैनात नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए दिन में दो बार भोजन करने से मांस की बिक्री में काफी इजाफा हुआ है. इस सिलसिले में अब तक प्रमुख दलों के द्वारा 50 करोड़ रुपये तक खर्च किए जाने का अनुमान है. यही वजह है कि खुदरा और थोक दुकानों के कारोबार में चार से पांच गुना की वृद्धि हुई है. इस संबंध में मुनुगोडे के एक दुकानदार ने बताया कि पहले वह 50 किलो चिकन बेच लेता था, लेकिन वर्तमान में इसकी रोज की मांग 200 किलो पहुंच गई है. इसी क्रम में मंडल के 1600 मतदाता वाले एक गांव में पिछले 20 दिनों में करीब 80 बकरियों के मटन का इस्तेमाल किया गया. वहीं चौतुप्पल मंडल के एक गांव में 20 दिन में करीब बकरियों के मटन का उपयोग किया गया. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि नलगोंडा, देररकोंडा, नकीरेकल, नागार्जुनसागर और नागरकुरनूल जिलों से यहां पर नियमित रूप से बकरियों के लगभग 30-40 वाहन आ रहे हैं.
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