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ब्याज दरों में 0.5 फीसदी बढ़ोतरी की गुंजाइश: सुनील सिन्हा - ब्याज दर में बढ़ोतरी की गुंजाइश

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने चालू वित्त वर्ष के लिए पहली मौद्रिक नीति घोषणा (monetary policy announcement) में ब्याज दर में वृद्धि न करके, उदार रुख बनाए रखते हुए सही काम किया है. एक शीर्ष अर्थशास्त्री ने यह कहा कि हालांकि इस वर्ष कमोडिटी के रूप में ब्याज में आधा प्रतिशत की वृद्धि की गुंजाइश है.

Reserve Bank of India
भारतीय रिजर्व बैंक
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Published : Apr 8, 2022, 9:01 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) जो कि देश की मौद्रिक नीति का प्रबंधन करता है, रेपो और रिवर्स रेपो दरों के लिए ब्याज दरों को भी तय करता है. जिस दर पर बैंक, आरबीआई से पैसा उधार लेते हैं या पार्क करते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए पहली मौद्रिक नीति घोषणा (monetary policy announcement) में ब्याज दर में वृद्धि न करके, उदार रुख बनाए रखते हुए सही काम किया है.

फिच ग्रुप रेटिंग के इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि RBI ने 8 अप्रैल 2022 को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में न केवल रेपो दर को 4.0% पर रखा बल्कि यह भी कहा कि यह समायोज्य रहेगा. ये इंडिया रेटिंग्स और रिसर्च की उम्मीदों के अनुरूप है. हालांकि, मुद्रास्फीति की वृद्धि की गतिशीलता को संतुलित करने के लिए आरबीआई ने यह भी कहा कि वह इस पर भी ध्यान केंद्रित करेगा.

यह भी पढ़ें- रेपो रेट में लगातार 11वीं बार बदलाव नहीं, रेपो दर 4% पर बरकरार, महंगाई बढ़ी

सुनील सिन्हा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि बेंचमार्क ब्याज दरों को बनाए रखने के अलावा रिजर्व बैंक ने नीतिगत रुख को भी बनाए रखा है. इसका मतलब है कि आरबीआई आर्थिक सुधार का समर्थन करने के लिए वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त तरलता बनाए रखेगा. सिन्हा का कहना है कि यह इस बात का संकेत है कि स्थिति के अनुकूल होने पर आरबीआई के नीतिगत रुख में निकट भविष्य में बदलाव हो सकता है.

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) जो कि देश की मौद्रिक नीति का प्रबंधन करता है, रेपो और रिवर्स रेपो दरों के लिए ब्याज दरों को भी तय करता है. जिस दर पर बैंक, आरबीआई से पैसा उधार लेते हैं या पार्क करते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए पहली मौद्रिक नीति घोषणा (monetary policy announcement) में ब्याज दर में वृद्धि न करके, उदार रुख बनाए रखते हुए सही काम किया है.

फिच ग्रुप रेटिंग के इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि RBI ने 8 अप्रैल 2022 को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में न केवल रेपो दर को 4.0% पर रखा बल्कि यह भी कहा कि यह समायोज्य रहेगा. ये इंडिया रेटिंग्स और रिसर्च की उम्मीदों के अनुरूप है. हालांकि, मुद्रास्फीति की वृद्धि की गतिशीलता को संतुलित करने के लिए आरबीआई ने यह भी कहा कि वह इस पर भी ध्यान केंद्रित करेगा.

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सुनील सिन्हा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि बेंचमार्क ब्याज दरों को बनाए रखने के अलावा रिजर्व बैंक ने नीतिगत रुख को भी बनाए रखा है. इसका मतलब है कि आरबीआई आर्थिक सुधार का समर्थन करने के लिए वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त तरलता बनाए रखेगा. सिन्हा का कहना है कि यह इस बात का संकेत है कि स्थिति के अनुकूल होने पर आरबीआई के नीतिगत रुख में निकट भविष्य में बदलाव हो सकता है.

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