नई दिल्ली : मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को आगाह किया कि अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट की वजह से पूंजी जुटाने की समूह की क्षमता प्रभावित हो सकती है. हालांकि, एक अन्य रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि समूह की कंपनियों को लेकर अभी उसकी रेटिंग प्रभावित नहीं होगी.
अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. कंपनी के इस आरोप के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है.
हालांकि, अडाणी समूह ने ऐसे सभी आरोपों से इनकार किया है. लेकिन लगभग एक सप्ताह में अडाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का मूल्य 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा घट गया है. मूडीज ने बयान में कहा, 'शॉर्ट सेलर कंपनी की रिपोर्ट जारी होने के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर मूल्य में आई बड़ी और तेज गिरावट के मद्देनजर, तात्कालिक रूप से हमारा ध्यान रेटिंग में शामिल समूह की कंपनियों के पास नकदी की स्थिति समेत उनकी कुल वित्तीय मजबूती या जुझारू क्षमता का आकलन करने पर है. इसके अलावा हम यह भी देख रहे हैं कि अगले एक-दो साल में परिपक्व हो रहे ऋण के पुनर्वित्त तथा वृद्धि को समर्थन के लिए उनकी कर्ज जुटाने की क्षमता कितनी है.
मूडीज ने कहा कि अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन लिमिटेड, अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड के लिए उसकी रेटिंग का आधार उनके दीर्घावधि के बिक्री अनुबंध वाले विनियमित अवसंरचना कारोबार या उनके मजबूत परिचालन के साथ नकदी प्रवाह और बाजार में दबदबे की स्थिति है.
उसने कहा, 'इन प्रतिकूल घटनाक्रमों की वजह से समूह की निवेश या अगले एक-दो साल में परिपक्व हो रहे ऋण के पुनर्वित्त के लिए पूंजी जुटाने की क्षमता घटेगी.' दूसरी ओर फिच रेटिंग्स ने कहा कि ‘शॉर्ट सेलर’ की रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में अडाणी समूह की कंपनियों और उनकी प्रतिभूतियों की रेटिंग पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
उसने कहा, 'अडाणी समूह पर कदाचार का आरोप लगाने वाली शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में अडाणी समूह की कंपनियों और उनकी प्रतिभूतियों की रेटिंग पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.' रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अभी समूह के नकदी प्रवाह के अनुमान में भी किसी तरह के बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है. फिच ने आगे कहा, 'हमारी निगरानी जारी है और हम कंपनियों की वित्त तक पहुंच या दीर्घावधि के कर्ज की लागत संबंधी किसी भी बड़े बदलाव पर करीब से नजर रख रहे हैं.'
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(भाषा)