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राकेश टिकैत का आह्वान, 'जिंदा है तो दिल्ली आ जा' - भारतीय किसान यूनियन

पिछले करीब 6 महीने से केंद्र सरकार के जरिए लाए गए तीनों कृषि बिल के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हैं. इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा जिंदा रहना है और जमीन बचानी है, तो दिल्ली आकर आंदोलन किया जाए. जिसको लेकर उन्होंने एक नया नारा भी कहा कि 'जिंदा है, तो दिल्ली आ जा'.

राकेश टिकैत
राकेश टिकैत
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Published : May 23, 2021, 1:58 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि 6 महीने पूरे होने पर आंदोलन को नई धार दिए जाने की तैयारी कर ली गई है. इसके लिए नया नारा तैयार किया गया है. नए नारे में ये कहा जाएगा कि 'जिंदा है, तो दिल्ली आ जा'. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद गांव-गांव जाकर इस बात को पहुंचाया जाएगा कि जिंदा रहना है और जमीन बचानी है, तो दिल्ली आकर आंदोलन किया जाए.

किसान आंदोलन का नया नारा जिंदा है तो दिल्ली आजा

अभी तक नहीं मिला फोन नंबर

उन्होंने आगे कहा कि सरकार की तरफ से अभी कोई बातचीत नहीं की गई है. हमने सरकार को चिट्ठी लिख दी थी, लेकिन अब तक वो फोन नंबर भी हमें उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री से हम फोन कॉल पर बात कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम बात करने के लिए तैयार हैं. सरकार जब चाहे तब बात कर ले. उन्होंने एक बार फिर से चेतावनी दी है कि आंदोलन खत्म नहीं होगा. चेतावनी भरे अंदाज में राकेश टिकैत बोले कि इसे शाहीन बाग का आंदोलन न समझा जाए.
26 मई को काला दिवस

बता दें कि 26 मई को किसान काला दिवस मनाने जा रहे हैं. आंदोलन को 6 महीने पूरे होने पर काला दिवस मनाया जा रहा है. जिसके चलते आंदोलन स्थल से लेकर किसान अपने घरों और ट्रैक्टर पर काला झंडा फहराएंगे. कृषि कानून को वापस किए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाए जाने की मांग करते हुए सरकार का पुतला दहन करेंगे. कार्यक्रम का सभी लोग अपनी फेसबुक पर लाइव करेंगे. फोटो लेंगे और दो-दो मिनट के वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर भेजे जाएंगे. सभी जिला अध्यक्षों को निर्देशित कर दिया गया है.

पढ़ें - ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रही कोरोना महामारी, खेतों की ओर पलायन कर रहे ग्रामीण

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि 6 महीने पूरे होने पर आंदोलन को नई धार दिए जाने की तैयारी कर ली गई है. इसके लिए नया नारा तैयार किया गया है. नए नारे में ये कहा जाएगा कि 'जिंदा है, तो दिल्ली आ जा'. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद गांव-गांव जाकर इस बात को पहुंचाया जाएगा कि जिंदा रहना है और जमीन बचानी है, तो दिल्ली आकर आंदोलन किया जाए.

किसान आंदोलन का नया नारा जिंदा है तो दिल्ली आजा

अभी तक नहीं मिला फोन नंबर

उन्होंने आगे कहा कि सरकार की तरफ से अभी कोई बातचीत नहीं की गई है. हमने सरकार को चिट्ठी लिख दी थी, लेकिन अब तक वो फोन नंबर भी हमें उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री से हम फोन कॉल पर बात कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम बात करने के लिए तैयार हैं. सरकार जब चाहे तब बात कर ले. उन्होंने एक बार फिर से चेतावनी दी है कि आंदोलन खत्म नहीं होगा. चेतावनी भरे अंदाज में राकेश टिकैत बोले कि इसे शाहीन बाग का आंदोलन न समझा जाए.
26 मई को काला दिवस

बता दें कि 26 मई को किसान काला दिवस मनाने जा रहे हैं. आंदोलन को 6 महीने पूरे होने पर काला दिवस मनाया जा रहा है. जिसके चलते आंदोलन स्थल से लेकर किसान अपने घरों और ट्रैक्टर पर काला झंडा फहराएंगे. कृषि कानून को वापस किए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाए जाने की मांग करते हुए सरकार का पुतला दहन करेंगे. कार्यक्रम का सभी लोग अपनी फेसबुक पर लाइव करेंगे. फोटो लेंगे और दो-दो मिनट के वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर भेजे जाएंगे. सभी जिला अध्यक्षों को निर्देशित कर दिया गया है.

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