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Congress Slams Centre : 'राजीव गांधी, नरसिम्हा राव पंचायती राज लाए, केंद्र संस्थाओं को कमजोर कर रहा'

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि ग्राम सभा को संवैधानिक दर्जा देने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और नरसिम्हा राव को जाता है लेकिन केंद्र सरकार संस्थाओं को कमजोर कर रही है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Jairam Ramesh
कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश
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Published : Apr 24, 2023, 5:02 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने ग्राम सभा को संवैधानिक दर्जा देने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव ( Rajiv Gandhi and PV Narasimha Rao) को दिया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है.

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ग्राम सभा को संवैधानिक दर्जा देते हुए 1989 में लोक सभा में 73वां संविधान संशोधन विधेयक पारित किया. हालांकि, बिल राज्यसभा में पारित नहीं हो सका क्योंकि तत्कालीन सरकार के पास ऊपरी सदन में बहुमत नहीं था तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने 1993 में राज्यसभा में बिल पारित करवाया.

जयराम रमेश ने कहा कि 2010 में, पहली बार तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फैसला किया कि 24 अप्रैल को हर साल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाएगा. संशोधन ने देश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव लाया और इसका श्रेय राजीव गांधी को जाना चाहिए जिन्होंने इस विचार की कल्पना की.

उन्होंने कहा कि 'लेकिन मोदी सरकार अनुदान रोककर और हर पांच साल में चुनाव नहीं कराकर पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. हम मांग करते हैं कि सरकार को ग्राम सभा को अनुदान से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों को लागू करना चाहिए और हर पांच साल में चुनाव कराना चाहिए.'

कांग्रेस नेता ने विभिन्न उदाहरणों का हवाला दिया जब भाजपा की राज्य सरकारों ने पंचायती राज संस्थानों में चुनावों में देरी की और विभिन्न अदालतों ने उनकी खिंचाई की.

जयराम रमेश ने कहा कि '29 दिसंबर, 2022 को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ग्राम सभा चुनावों में देरी के लिए राज्य सरकार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. 18 मई, 2022 को सर्वोच्च न्यायालय ने चिंता व्यक्त की कि मध्य प्रदेश में ग्राम सभा चुनावों में देरी से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो रही है. फरवरी 2021 में ग्राम सभा चुनावों में 18 महीने की देरी हुई.'

राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार योजना MGNREGS को भी कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जिसका उद्देश्य पंचायती राज संस्थानों को धन के सीधे हस्तांतरण के माध्यम से मजबूत करना है और उन्हें राज्य सरकारों के माध्यम से नहीं भेजना है.

नतीजतन, देश भर में 2.5 लाख ग्राम सभाओं को पर्याप्त धन नहीं मिल रहा है और कई जगहों पर हर पांच साल में ग्राम सभा के चुनाव नहीं हो रहे हैं. 73वें संविधान संशोधन विधेयक का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना था.

कांग्रेस के दिग्गज के अनुसार, जबकि पीएम मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर अपनी सरकार की उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया, 'उन्होंने लोगों को यह नहीं बताया कि भाजपा ने 1989 में राज्यसभा में 73वें संविधान संशोधन विधेयक का विरोध क्यों किया था.'

रमेश ने कहा कि '1989 में राज्यसभा में बिल को हार मिली थी जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे. बिल का विरोध करने वालों में भाजपा सदस्य भी शामिल थे.'

रमेश ने कहा कि उन्हें पीएम के इस दावे पर विश्वास नहीं है कि सरकार ने देश भर में 30,000 पंचायत भवन बनाए हैं. रमेश ने कहा कि 'पंचायत भवन बनाना पर्याप्त नहीं है. मैं संख्या पर पीएम के दावों को गंभीरता से नहीं लेता. वह नंबरों के खेल में माहिर हैं. पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका पर पीएम चुप क्यों हैं?'

पढ़ें- कांग्रेस ने तोड़ा बापू का सपना, PM मोदी का दावा उनकी सरकार ने महिलाओं को लखपति बनाया

नई दिल्ली : कांग्रेस ने ग्राम सभा को संवैधानिक दर्जा देने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव ( Rajiv Gandhi and PV Narasimha Rao) को दिया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है.

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ग्राम सभा को संवैधानिक दर्जा देते हुए 1989 में लोक सभा में 73वां संविधान संशोधन विधेयक पारित किया. हालांकि, बिल राज्यसभा में पारित नहीं हो सका क्योंकि तत्कालीन सरकार के पास ऊपरी सदन में बहुमत नहीं था तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने 1993 में राज्यसभा में बिल पारित करवाया.

जयराम रमेश ने कहा कि 2010 में, पहली बार तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फैसला किया कि 24 अप्रैल को हर साल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाएगा. संशोधन ने देश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव लाया और इसका श्रेय राजीव गांधी को जाना चाहिए जिन्होंने इस विचार की कल्पना की.

उन्होंने कहा कि 'लेकिन मोदी सरकार अनुदान रोककर और हर पांच साल में चुनाव नहीं कराकर पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. हम मांग करते हैं कि सरकार को ग्राम सभा को अनुदान से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों को लागू करना चाहिए और हर पांच साल में चुनाव कराना चाहिए.'

कांग्रेस नेता ने विभिन्न उदाहरणों का हवाला दिया जब भाजपा की राज्य सरकारों ने पंचायती राज संस्थानों में चुनावों में देरी की और विभिन्न अदालतों ने उनकी खिंचाई की.

जयराम रमेश ने कहा कि '29 दिसंबर, 2022 को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ग्राम सभा चुनावों में देरी के लिए राज्य सरकार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. 18 मई, 2022 को सर्वोच्च न्यायालय ने चिंता व्यक्त की कि मध्य प्रदेश में ग्राम सभा चुनावों में देरी से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो रही है. फरवरी 2021 में ग्राम सभा चुनावों में 18 महीने की देरी हुई.'

राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार योजना MGNREGS को भी कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जिसका उद्देश्य पंचायती राज संस्थानों को धन के सीधे हस्तांतरण के माध्यम से मजबूत करना है और उन्हें राज्य सरकारों के माध्यम से नहीं भेजना है.

नतीजतन, देश भर में 2.5 लाख ग्राम सभाओं को पर्याप्त धन नहीं मिल रहा है और कई जगहों पर हर पांच साल में ग्राम सभा के चुनाव नहीं हो रहे हैं. 73वें संविधान संशोधन विधेयक का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना था.

कांग्रेस के दिग्गज के अनुसार, जबकि पीएम मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर अपनी सरकार की उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया, 'उन्होंने लोगों को यह नहीं बताया कि भाजपा ने 1989 में राज्यसभा में 73वें संविधान संशोधन विधेयक का विरोध क्यों किया था.'

रमेश ने कहा कि '1989 में राज्यसभा में बिल को हार मिली थी जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे. बिल का विरोध करने वालों में भाजपा सदस्य भी शामिल थे.'

रमेश ने कहा कि उन्हें पीएम के इस दावे पर विश्वास नहीं है कि सरकार ने देश भर में 30,000 पंचायत भवन बनाए हैं. रमेश ने कहा कि 'पंचायत भवन बनाना पर्याप्त नहीं है. मैं संख्या पर पीएम के दावों को गंभीरता से नहीं लेता. वह नंबरों के खेल में माहिर हैं. पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका पर पीएम चुप क्यों हैं?'

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