नई दिल्ली/अहमदाबाद : राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कई राज्यों में सोमवार को तेज बारिश हुई. गुजरात के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति है. गुजरात में भारी बारिश के बाद विभिन्न क्षेत्रों में बचाव कार्य युद्धस्तर पर बचाव कार्य चलाया जा रहा है. वहीं राज्य में बारिश के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 61 हो गई है. महाराष्ट्र के नासिक जिले में बारिश जारी रहने से कई नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद गढ़चिरौली जिले में तीन व्यक्ति लापता हैं तथा मुंबई एवं उसके आसपास भी मध्यम वर्षा हुई है. असम के दस जिलों में 3.79 लाख से अधिक लोग अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं. तेलंगाना में गोदावरी नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है.
गुजरात के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति : मोदी ने सीएम से बात कर मदद का भरोसा दिलाया : अहमदाबाद समेत गुजरात के दक्षिण एवं मध्य भागों में स्थित विभिन्न जिलों के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश होने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है और वहां से करीब 6000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बातचीत की तथा उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया.
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार व्यापक वर्षा के कारण राज्य राजकीय मार्गों एवं पंचायत सड़कों समेत 388 रास्ते बंद हो गए थे जिन्हें यातायात के लिए खोलने का प्रयास किया जा रहा है. इसमें कहा गया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 13 टीम और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 16 टीम बचाव अभियान कार्य में जुटी हुई हैं. बयान के अनुसार 13 बांधों को 'हाई अलर्ट' पर तथा आठ को अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि भारी बारिश के कारण उनका जलस्तर बढ़ गया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग(आईएमडी) ने अगले पांच दिनों के दौरान दक्षिण गुजरात में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश तथा मध्य गुजरात एवं सौराष्ट्र में भी मूसलाधार बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है.
अहमदाबाद में रविवार रात को 219 मिलीमीटर वर्षा हुई जिससे कई आवासीय क्षेत्रों तथा अंडरपास एवं सड़कों पर पानी जमा हो गया. शहर के कई क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं जिससे यात्रियों को कठिनाई हुईं. सोमवार को शहर में विद्यालय एवं महाविद्यालय बंद रहे. मध्य गुजरात के नर्मदा एवं छोटा उदयपुर जिलों में तथा दक्षिण गुजरात के सूरत, तापी एवं वलसाड में भारी बारिश का बुरा असर पड़ा है. वलसाड जिले में एक गांव से करीब 10 लोगों को निकाला गया जो औरंगा नदी में बाढ़ आ जाने के कारण फंस गये थे. राजस्व अधिकारी माधवी मिस्री ने यह जानकारी दी.
मिस्री के अनुसार वलसाड में वर्षा प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों से करीब 1000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और 15 को बचाया गया, जिनमें पांच एक शहरी क्षेत्र के हैं. सुबह छह बजे तक पिछले 24 घंटे में छोटा उदयपुर जिले में बोडेली तालुका में 549 मिलीमीटर तथा क्वांत तालुका में 432 मिलीमीटर वर्षा हुई जिससे कई क्षेत्रों में पानी घुस गया. जिले में उच्च और हेरान नदियां उफान पर हैं जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ आ गई एक अधिकारी के अनुसार 5245 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाला गया एवं 350 से अधिक को बचाया गया.
महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी वर्षा : महाराष्ट्र के नासिक जिले में सोमवार को भारी बारिश जारी रहने से कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. अधिकारियों ने बताया कि नासिक जिले में भारी बारिश जारी है जिससे कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है एवं गोदावरी में नदीतल पर स्थित मंदिर डूब गए हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 14 जुलाई तक नासिक के लिए रेडअलर्ट जारी किया है और अगले 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है. पुणे जिले में भी पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है. पूर्वी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पिछले तीन दिनों में तीन व्यक्ति उफनते नाले के तेज प्रवाह में बह गये और बाद में उनके शव मिले. जिला सूचना कार्यालय ने यह जानकारी दी.
कार्यालय की विज्ञप्ति के अनुसार बह गए तीन अन्य लोग अब भी लापता हैं. जिले में भारी वर्षा से प्रभावित 129 स्थानों से 353 लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है. एक अधिकारी के अनुसार नासिक जिले में सुरगना में सबसे अधिक वर्षा 238.8 मिलीमीटर, पेठ में 187.6 मिलीमीटर और त्रयम्बेकश्वर में 168 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई. उन्होंने कहा त्रयम्बकेश्वर और इगतपुरी जैसे घाट क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से अधिक वर्षा तो होती ही है लेकिन इस बार सुरगना एवं पेठ में भी अच्छी -खासी बारिश हुई है. उन्होंने बताया कि सोमवार को तीन बजे गंगापुर बांध से 10,035 क्यूसेक, डरना से 15,088 क्यूसेक, कडवा से 6,712 और नंदूर-मध्यमेश्वर से 49,480 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
अधिकारी ने बताया कि शहर में जलापूर्ति करने वाले गंगापुर बांध से पानी छोड़े जाने से गोदावरी नदी में जलस्तर बढ़ गया तथा दशक्रिया विधि समेत रामखुंड क्षेत्र में कई छोटे मंदिर पानी में डूब गए. जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार सभी बांधों में कुल 29,9730 लाख घन फुट पानी है जो उनकी कुल भंडारण क्षमता का 46 फीसद है. गोदावरी एवं अन्य नदियों के तटों के आसपास बसे गांवों के लोगों को स्थिति को लेकर सतर्क कर दिया गया है। वैसे फिलहाल जलस्तर खतरे के निशान के नीचे है.
उन्होंने कहा,'डिंडोरी, त्रयम्बकेश्वर, डेलावारे, निपहद और घोटी जैसे क्षेत्रों में कई छोटी नदियां एवं नहरें भारी बारिश के बाद उफान पर हैं. इन जलाशयों के आसपास की कई सड़कें एहतियात के तौर पर बंद कर दी गई हैं.' उन्होंने कहा कि उत्तरी महाराष्ट्र के वास्ते तीन दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किए जाने के मद्देनजर वहां के लिए राज्य आपदा प्रबंधन मोचन बल की टीम मंगायी गयी है. आईएमडी ने 13 जुलाई तक के लिए गढ़चिरौली के लिए 'रेड' अलर्ट जारी किया है तथा जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी विद्यालय एवं महाविद्यालय बंद कर दिए हैं. गढ़चिरौली के पूर्वी एवं दक्षिणी हिस्सों में पिछले तीन दिनों से भारी वर्षा हो रही है. अधिकारियों के अनुसार पुणे जिले में भारी वर्षा के बाद भीमशंकर मंदिर को जाने वाली एक सड़क पर भूस्खलन हुआ. भीमशंकर 12 ज्योतर्लिंगों में एक है और मुंबई से 200 किलोमीटर दूर है.
असम में तीन लाख से ज्यादा लोग अब भी प्रभावित, 416 गांव जलमग्न : असम के दस जिलों में 3.79 लाख से अधिक लोग अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं. सोमवार को जारी एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है. राज्य में पिछले महीने हुई भारी बारिश ने वहां जबरदस्त तबाही मचाई है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक, राज्य में सोमवार को डूबने से किसी की मौत की सूचना नहीं मिली है, जिससे इस साल बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 192 पर स्थिर है. एएसडीएमए के अनुसार, बजली, विश्वनाथ, कछार, चिरांग, हैलाकांडी, कामरूप, मोरीगांव, नगांव, शिवसागर और तामुलपुर जिलों में बाढ़ से अब भी 3,79,200 लोग प्रभावित हैं. कुल मिलाकर इन 10 जिलों में लगभग 5.39 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं.
एएसडीएमए के मुताबिक, कछार राज्य में बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित जिला है, जहां 2.08 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में आए हैं. इसके बाद मोरीगांव का स्थान आता है, जहां लगभग 1.42 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि मौजूदा समय में असम में 416 गांव पानी में डूबे हुए हैं, जिससे 5,431.20 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है. बुलेटिन के अनुसार, असम में फिलहाल कोई भी नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है.
तेलंगाना में गोदावरी नदी ने दूसरे खतरनाक स्तर के निशान को किया पार : तेलंगाना में गोदावरी नदी ने सोमवार को दूसरे खतरनाक स्तर के निशान को पार कर लिया. जिससे भद्राचलम में बाढ़ आने की आशंका जताई जा रही है. अधिकारियों ने अलर्ट जारी कर दिया है. भारी बारिश के कारण भद्राचलम में जल स्तर तेजी से बढ़कर 50.4 फीट तक पहुंच गया है, जो 48 फीट के दूसरे खतरनाक स्तर को पार कर गया है. भद्राद्री कोठागुडेम जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है. भद्राचलम में जल प्रवाह 12,79,307 क्यूसेक था. अगर जल स्तर 53 फीट को पार करता है, तो बाढ़ आने की आशंका और बढ़ जाएगी. जिलाधिकारी ने निचले इलाकों के लोगों को राहत शिविरों में जाने के लिए कहा है.
प्रशासन ने लोगों के लिए अब तक पांच राहत शिविर की व्यवस्था की हैं. तेलंगाना के आदिलाबाद, करीमनगर और निजामाबाद में पिछले 3-4 दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण नदी श्री राम सागर से भद्राचलम तक उफान पर बनी हुई है. श्रीराम सागर परियोजना के नौ गेट पानी छोड़ने के लिए खोले गए हैं. मौसम विज्ञान ने अगले दो दिन भारी बारिश की भविष्यवाणी की है.
हैदराबाद में भारी बारिश की चेतावनी, एमएमटीएस ने ट्रेनें की रद्द : दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने मौसम विभाग द्वारा की गई भारी बारिश की भविष्यवाणी के मद्देनजर सोमवार से ग्रेटर हैदराबाद में 34 एमएमटीएस ट्रेन सेवाओं को तीन दिनों के लिए रद्द कर दिया है. दरअसल, मौसम विभाग ने भारी बारिश की भविष्यवाणी की और रेड अलर्ट भी जारी किया. इसके चलते एससीआर ने 11 जुलाई से 13 जुलाई तक मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सर्विस (एमएमटीएस) ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की. लिंगमपल्ली और हैदराबाद के बीच सभी नौ सेवाओं को रद्द कर दिया गया है.
अधिकारियों ने फलकनुमा और लिंगमपल्ली के बीच सात सेवाओं को भी रद्द कर दिया है. इसके अलावा, सिकंदराबाद और लिंगमपल्ली के बीच एक सेवा को भी रद्द किया गया है. बता दें कि एमएमटीएस हैदराबाद और सिकंदराबाद समेत बाहरी इलाकों के जुड़वां शहरों को जोड़ता है. उपनगरीय ट्रेनें इंट्रा-सिटी और उपनगरीय यात्रियों की जरूरतों को पूरा करती हैं. हैदराबाद के कुछ हिस्सों में पिछले 2-3 दिनों से भारी बारिश हो रही है. हैदराबाद मौसम विज्ञान केंद्र ने तेलंगाना के कुछ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है.
मध्य प्रदेश में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया था कि 24 घंटे में कई जिलों में भारी बारिश होगी.राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में रविवार रात से ही बारिश का दौर जारी है.
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