हैदराबाद : जिस रक्षा सौदे को लेकर सबसे अधिक विवाद हुआ, आखिरकार 29 जुलाई को उसकी पहली खेप फ्रांस से पहुंच गई. राफेल विमान अब भारतीय एयर फोर्स का हिस्सा बन चुका है. उसकी तैनाती भी कर दी गई है. इसे स्क्वाड्रन नंबर 17 'गोल्डरन एरो' में शामिल किया गया है.
क्या है इस विमान की खासियत
यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है. राफेल लड़ाकू जेट SNECMA के दो M88-2 इंजन द्वारा संचालित होता है. प्रत्येक इंजन 75kN का थ्रस्ट प्रदान करता है. राफेल फाइटर जेट एक-दूसरे की उड़ान के दौरान मदद कर सकते हैं.
राफेल फाइटर जेट एक विमान से दूसरे विमान को ईंधन देने में भी सक्षम होते हैं. यह विजिटर रेंज को बाहर करने के लिए METEOR मिसाइलों को फायर कर सकता है.
METEOR - विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल होता है, जो दुश्मन के विमानों को 100 किलोमीटर से अधिक की रेंज में देख सकता है. SCALP मिसाइल 300 किलोमीटर की दूरी पर ऑन-ग्राउंड टारगेट को निकाल सकती हैं.
राफेल SCALP मिसाइल है, जो एक सटीक लॉन्ग रेंज ग्राउंड से मिसाइल से लैस अटैक करने में सक्षम होती है. यह 300 किलोमीटर के दायरे में टारगेट करने में सक्षम होती है.
राफेल एक समय में कई मिसाइलों को साथ ले जा सकता है. प्रत्येक एएएसएम मिसाइल में जीपीएस और इमेजिंग इन्फ्रारेड टर्मिनल मार्गदर्शन होता है. यह सटीक रूप से 10 मीटर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकता है. इसके अलावा इसमें एक होलोग्राफिक कॉकपिट डिस्प्ले होता है. यह एक बार में आठ लक्ष्यों को निशाना बना सकता है.
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आधुनिक फाइटर जेट, घातक हैमर मिसाइल से लैस होगा. (HAMMER मिसाइलों के लिए आदेश पर कार्रवाई की जा रही है और फ्रांसीसी अधिकारियों ने हमारे राफेल लड़ाकू विमान के लिए हमें एक छोटे नोटिस में उन्हें आपूर्ति करने पर सहमति व्यक्त की है)