अहमदाबाद : केंद्र में पुरुषोत्तम रूपाला फिलहाल पंचायती राज, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री हैं. उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है. पाटीदार नेता होने के कारण भी उन्हें अधिक महत्व दिया गया है, साथ ही वे मोदी की गुड बुक में वह स्थान रखते है.
मोदी सरकार ने हाल ही में सहकारिता और समृद्धि की दृष्टि से सहकार मंत्रालय की रचना की है. इस मंत्रालय का उद्देश्य देश में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देना है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सुझाव के आधार पर सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की है कि सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल वर्तमान में देश के लिए लाभदायक है.
ऐसे में उनके विश्वासपात्र पुरुषोत्तम रूपाला को सहकार मंत्री बनाए जाने की संभावना अधिक देखी जा रही है. गुजरात ने को ओपरेटिव क्षेत्र में अपना नाम बनाया है. अमूल से शुरू होकर गुजरात में कई डेयरियां और बैंकिंग क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में कई उद्योग भी सहकारी क्षेत्र के आधार पर चलते हैं. इससे प्रदेशों का विकास हुआ है.
सहकारी क्षेत्र न तो लाभ और न ही हानि की भावना से संचालित होता है, जो कई लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है. इस अभियान को पूरे देश में लागू करने की भावना के साथ, पीएम मोदी ने एक अलग सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की और रूपाला इसे बेहतर तरीके से जानते है, इसलिए संभावना है कि सहकारिता मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार रूपाला को सौंपा जा सकता है.
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दूसरी ओर, रूपाला पाटीदार नेता हैं, गुजरात में पाटीदारों के साथ अन्याय हो रहा है और उनके महत्व को भी कम आंका जा रहा है, ऐसी धारणा बनाई गई है. जिससे रूपाला को केंद्रीय स्तर पर पाटीदार नेता के रूप में प्रमोशन दिया जा सकता है. 2022 में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ, एक पाटीदार अग्रणी नेता और एक स्वतंत्र कारभार संभालने वाले रूपाला का कद भी बढ़ सकता है.