चंडीगढ़: जालंधर उपचुनाव का बिगुल बज चुका है और चुनाव मैदान में उतरने वाली चारों पार्टियों के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिया है. जालंधर में 10 मई को होने वाला स्थानीय चुनाव सभी पार्टियों के लिए आन का सवाल बन गया है. इस चुनाव को जीतने के लिए सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इन सबके बीच प्रचार के लिए चुनाव मैदान में लाए गए स्टार प्रचारकों की अहम जिम्मेदारी है. चुनाव प्रचारकों ने कमर कस ली है और जालंधर के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर अपनी पार्टी की उपलब्धियां गिनाना शुरू कर दिया है.
सत्ता से बेदखल हुई आम आदमी पार्टी: सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी के लिए जालंधर उपचुनाव गुणवत्ता का सवाल बन गया है. सीएम भगवंत मान से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक जालंधर में कैंप लगा चुके हैं. वित्त मंत्री हरपाल चीमा को जालंधर का प्रभारी बनाया गया है. आम आदमी पार्टी दलित वोट बैंक पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है. आप नेता देवी तालाब मंदिर, डेरा सचखंड बल्लान जैसे धार्मिक स्थलों पर घंटी बजा रहे हैं.
सांसद राघव चड्ढा, पंजाब के सभी कैबिनेट मंत्री और आप का स्थानीय नेतृत्व चुनाव प्रचार में लगा हुआ है. हालांकि आप के स्टार प्रचारकों की सूची की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन दिल्ली सहित पंजाब के वरिष्ठ आप नेता जालंधर में घर-घर प्रचार कर रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को जालंधर में मौजूद रहेंगे.
कांग्रेस ने उतारे 40 स्टार प्रचारक: जालंधर उपचुनाव को कांग्रेस पार्टी के अस्तित्व की लड़ाई माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी के निधन के बाद जालंधर लोकसभा क्षेत्र खाली हो गया था और अब उपचुनाव हो रहा है. कांग्रेस का पूरा नेतृत्व जालंधर में डेरा डाले हुए है. वहीं, जालंधर में ई40 स्टार प्रचारकों को कमान सौंपी गई है. कांग्रेस की ओर से जारी स्टार प्रचारकों की सूची में पार्टी के दिग्गज नेताओं के नाम भी शामिल हैं. इनमें पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग समेत कई अन्य नेता शामिल हैं.
भाजपा ने किया है सिर से सिर का प्रयास: पंजाब में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए भाजपा ने सिर-से-सिर की कोशिश की है और लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है. जालंधर में भी बीजेपी सक्रिय रूप से अपना चुनावी अभियान चला रही है. बीजेपी ने जालंधर की पूरी कमान वरिष्ठ नेता विजय सांपला को सौंप दी है. पार्टी ने कुछ तेजतर्रार नेताओं को जालंधर से दूर रखा है और विजय सांपला के नेतृत्व में जालंधर की पूरी रणनीति बनाई है. जालंधर लोकसभा क्षेत्र में 5-20 सीटें गांवों से आती हैं, जहां सिख और दलित समुदायों का बहुमत है.