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Panjab Assembly Election 2022 : पंजाब चुनाव में राजनीतिक दोवों के साथ चल रहा व्यक्तिगत चुनौतियों की बाजीगरी

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Published : Feb 2, 2022, 4:16 PM IST

पजाब चुनाव में स्थानीय (Panjab Assembly Election 2022) मुद्दों का शोर तो है ही. लेकिन सभी दलों के नेता एक-दूसरे को व्यक्तिगत चुनौती (Throwing Various Challenges At Rivals) भी दे रहे हैं. पढ़ें किसने, किसको कब क्या कहा...

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चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव (Panjab Assembly Election 2022) में राजनीतिक मुद्दों और वादों का जोर तो है ही कई पार्टियों के नेता प्रतिद्वंद्वियों को व्यक्तिगत चुनौती (Throwing Various Challenges At Rivals) भी दे रहे हैं. कोई किसी को एक ही सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दे रहा है तो कोई 30 मिनट का बैडमिंटन मैच खेलने के लिए कह रहा है.

व्यक्तिगत चुनौती देने वालों में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Panjab CM Charanjeet Singh Channi) व कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) प्रमुख हैं. पंजाब लोक कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह और आप (Aam Aadmi Party) नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) भी पीछे नहीं हैं. कांग्रेस द्वारा दूसरी सीट से चन्नी को मैदान में उतारने के व्यक्तिगत चुनौतियों का सिलसिला और तेज हो गया. चन्नी, चमकौर साहिब (एससी) और भदौर (एससी) सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. चन्नी फिलहाल भदौर से विधायक हैं.

पढ़ेंः punjab congress rift : जाखड़ का दावा- अमरिंदर के बाद मिला 42 कांग्रेस विधायकों का समर्थन, ठुकराया डिप्टी सीएम पोस्ट

अमृतसर पूर्व (Amritsar East) सीट से शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू आमने-सामने हैं. चन्नी को दो सीटों से मैदान में उतारने पर आप नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने कहा था कि हमारे सर्वे के मुताबिक चमकौर साहिब से चन्नी हार रहे हैं. चन्नी ने तब केजरीवाल को पंजाब के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी.

सिद्धू ने अमृतसर पूर्व सीट से नामांकन दाखिल करते समय अपने प्रतिद्वंद्वी अमरिंदर सिंह को पटियाला छोड़कर उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी. सिद्धू ने शिरोमणि अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया को भी चुनौती दी थी, जो अमृतसर पूर्व से भी मैदान में हैं.

ऐसा लग रहा था कि मजीठिया ने चुनौती स्वीकार कर ली है. वह अब केवल एक सीट से चुनाव लड़ेंगे. शिअद नेता की पत्नी गनीवे कौर उनकी जगह मजीठिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी. सिद्धू ने कुछ दिन पहले ही मजीठिया को चुनौती दी थी कि क्या आपमें दम है? अकाली नेता ने मंगलवार को केवल अमृतसर पूर्व से लड़ने के अपने फैसले की घोषणा की। सिद्धू ने हाल ही में कहा था इन दिनों अपने सपनों में भी वे मुझे देख रहे हैं और डर रहे हैं. गीदड़ों का झुंड शेर का शिकार करना चाहता है. वहीं अमृतसर पूर्व से अपनी जीत के प्रति आश्वस्त सिद्धू ने कहा कि जहां 'धर्म' है, वहां जीत होगी.

पढ़ेंः KCR Budget remark PM Modi : टीआरएस सांसद ने पल्ला झाड़ा, अठावले बोले- कन्याकुमारी में डुबो देंगे

हालांकि, मजीठिया ने दावा किया कि सिद्धू हारेंगे. उन्होंने सिद्धू पर आरोप लगाया कि सिद्धू ने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए कुछ नहीं किया. अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए, सिद्धू ने उन्हें खर्च किया हुआ कारतूस करार दिया और पटियाला छोड़ने और अमृतसर पूर्व से चुनाव लड़ने की चुनौती दी. जवाब में अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह क्रिकेटर से राजनेता बने को जीतने नहीं देंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने अमृतसर पूर्व सीट से सिद्धू के लिए 'अपमानजनक' हार की भविष्यवाणी की है.

दूसरी ओर शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने चन्नी सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उसके साले और मजीठिया के खिलाफ कोई भी सबूत मिला तो वह राजनीति छोड़ देंगे. दोनों पर एनडीपीएस मामले में केस दर्ज किया गया है. इधर, आप नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिद्धू और मजीठिया पर मुद्दों की अनदेखी करने और सिर्फ बात बनाने का आरोप लगाते हुए उन्हें 'राजनीतिक हाथी' कहा था. सिद्धू ने भी अमरिंदर सिंह और उनकी पार्टी पीएलसी की भाजपा के साथ गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए अमृतसर में कहा कि अमरिंदर सिंह अब डबल इंजन सरकार की बात कर रहे हैं. उनका अपना इंजन लंबे समय से है सिज्ड है, उससे काला धुंआ निकल रहा है..आप ठीक से चल भी नहीं सकते.

सिद्धू यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सिंह को उनके साथ 30 मिनट तक बैडमिंटन खेलने की चुनौती दे दी. इस बीच कोई भी नेता कटाक्ष करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. जब एक रिपोर्टर ने हाल ही में केजरीवाल की ओर इशारा किया कि उनके विरोधी उन्हें आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान को 'बेहद ईमानदार' व्यक्ति कहना पसंद नहीं करते हैं, तो दिल्ली के सीएम ने चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि विरोधियों को लगता है कि वे पूरी तरह से भ्रष्ट हैं.

कॉमेडियन से राजनेता बने मान ने भी पंजाब के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस के लोग प्रचार कर रहे हैं कि चन्नी समस्याओं का समाधान करते हैं, लेकिन उन्होंने किन समस्याओं का समाधान किया है. पंजाब कांग्रेस की अंदरूनी कलह का जिक्र करते हुए वे कहते हैं कि चन्नी की सरकार कब चली. उनकी अपनी समस्याएं अनसुलझी रह गईं.

चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव (Panjab Assembly Election 2022) में राजनीतिक मुद्दों और वादों का जोर तो है ही कई पार्टियों के नेता प्रतिद्वंद्वियों को व्यक्तिगत चुनौती (Throwing Various Challenges At Rivals) भी दे रहे हैं. कोई किसी को एक ही सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दे रहा है तो कोई 30 मिनट का बैडमिंटन मैच खेलने के लिए कह रहा है.

व्यक्तिगत चुनौती देने वालों में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Panjab CM Charanjeet Singh Channi) व कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) प्रमुख हैं. पंजाब लोक कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह और आप (Aam Aadmi Party) नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) भी पीछे नहीं हैं. कांग्रेस द्वारा दूसरी सीट से चन्नी को मैदान में उतारने के व्यक्तिगत चुनौतियों का सिलसिला और तेज हो गया. चन्नी, चमकौर साहिब (एससी) और भदौर (एससी) सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. चन्नी फिलहाल भदौर से विधायक हैं.

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अमृतसर पूर्व (Amritsar East) सीट से शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू आमने-सामने हैं. चन्नी को दो सीटों से मैदान में उतारने पर आप नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने कहा था कि हमारे सर्वे के मुताबिक चमकौर साहिब से चन्नी हार रहे हैं. चन्नी ने तब केजरीवाल को पंजाब के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी.

सिद्धू ने अमृतसर पूर्व सीट से नामांकन दाखिल करते समय अपने प्रतिद्वंद्वी अमरिंदर सिंह को पटियाला छोड़कर उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी. सिद्धू ने शिरोमणि अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया को भी चुनौती दी थी, जो अमृतसर पूर्व से भी मैदान में हैं.

ऐसा लग रहा था कि मजीठिया ने चुनौती स्वीकार कर ली है. वह अब केवल एक सीट से चुनाव लड़ेंगे. शिअद नेता की पत्नी गनीवे कौर उनकी जगह मजीठिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी. सिद्धू ने कुछ दिन पहले ही मजीठिया को चुनौती दी थी कि क्या आपमें दम है? अकाली नेता ने मंगलवार को केवल अमृतसर पूर्व से लड़ने के अपने फैसले की घोषणा की। सिद्धू ने हाल ही में कहा था इन दिनों अपने सपनों में भी वे मुझे देख रहे हैं और डर रहे हैं. गीदड़ों का झुंड शेर का शिकार करना चाहता है. वहीं अमृतसर पूर्व से अपनी जीत के प्रति आश्वस्त सिद्धू ने कहा कि जहां 'धर्म' है, वहां जीत होगी.

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हालांकि, मजीठिया ने दावा किया कि सिद्धू हारेंगे. उन्होंने सिद्धू पर आरोप लगाया कि सिद्धू ने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए कुछ नहीं किया. अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए, सिद्धू ने उन्हें खर्च किया हुआ कारतूस करार दिया और पटियाला छोड़ने और अमृतसर पूर्व से चुनाव लड़ने की चुनौती दी. जवाब में अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह क्रिकेटर से राजनेता बने को जीतने नहीं देंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने अमृतसर पूर्व सीट से सिद्धू के लिए 'अपमानजनक' हार की भविष्यवाणी की है.

दूसरी ओर शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने चन्नी सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उसके साले और मजीठिया के खिलाफ कोई भी सबूत मिला तो वह राजनीति छोड़ देंगे. दोनों पर एनडीपीएस मामले में केस दर्ज किया गया है. इधर, आप नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिद्धू और मजीठिया पर मुद्दों की अनदेखी करने और सिर्फ बात बनाने का आरोप लगाते हुए उन्हें 'राजनीतिक हाथी' कहा था. सिद्धू ने भी अमरिंदर सिंह और उनकी पार्टी पीएलसी की भाजपा के साथ गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए अमृतसर में कहा कि अमरिंदर सिंह अब डबल इंजन सरकार की बात कर रहे हैं. उनका अपना इंजन लंबे समय से है सिज्ड है, उससे काला धुंआ निकल रहा है..आप ठीक से चल भी नहीं सकते.

सिद्धू यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सिंह को उनके साथ 30 मिनट तक बैडमिंटन खेलने की चुनौती दे दी. इस बीच कोई भी नेता कटाक्ष करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. जब एक रिपोर्टर ने हाल ही में केजरीवाल की ओर इशारा किया कि उनके विरोधी उन्हें आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान को 'बेहद ईमानदार' व्यक्ति कहना पसंद नहीं करते हैं, तो दिल्ली के सीएम ने चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि विरोधियों को लगता है कि वे पूरी तरह से भ्रष्ट हैं.

कॉमेडियन से राजनेता बने मान ने भी पंजाब के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस के लोग प्रचार कर रहे हैं कि चन्नी समस्याओं का समाधान करते हैं, लेकिन उन्होंने किन समस्याओं का समाधान किया है. पंजाब कांग्रेस की अंदरूनी कलह का जिक्र करते हुए वे कहते हैं कि चन्नी की सरकार कब चली. उनकी अपनी समस्याएं अनसुलझी रह गईं.

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