चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान को लेकर सस्पेंस पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच बृहस्पतिवार की शाम को दो घंटे तक चली बैठक के बाद भी जारी है. इसी बीच सूत्रों का कहना है कि सीएम चरणजीत चन्नी ने सुझाव दिया है कि गतिरोध को खत्म करने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत हस्तक्षेप करें. जानकारी के मुताबिक एक समिति बनाकर इस उथल-पुथल को खत्म करने की पहल की जा सकती है. रावत ने कहा है कि इस मामले को सुलझाने में लगभग 5-7 दिनों का समय लग सकता है.
पंजाब भवन में बैठक को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है. गौरतलब है कि 'दागदार' अधिकारियों और मंत्रियों की नियुक्ति पर मतभेद को लेकर दो दिन पहले ही सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है. पंजाब भवन से चन्नी पहले, शाम करीब छह बजे जबकि सिद्धू उसके आधे घंटे बाद बाहर निकले.
पार्टी के किसी भी नेता ने बैठक में क्या हुआ इसपर मीडिया से बात नहीं की. आज दिन में सिद्धू मुख्यमंत्री चन्नी से मिलने के लिए पटियाला से चंडीगढ़ आए.गौरतलब है कि चन्नी ने कल सिद्धू से बात करके समस्याओं को बातचीत के जरिए सुलझाने की पेशकश की थी.
चन्नी के साथ बैठक से ठीक पहले सिद्धू ने राज्य के नवनियुक्त पुलिस प्रमुख (पुलिस महानिदेशक, डीजीपी) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान मामले में दो युवकों को गलत तरीके से फंसाया और बादल परिवार को क्लीन चिट दे दिया.
सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख पद से मंगलवार को इस्तीफा दिया था.
गौरतलब है कि सिद्धू और अमरिंदर के बीच हुई तकरार और इसके फलस्वरूप कैप्टन अमरिंदर सिंह का सीएम पद गंवाना पंजाब में कांग्रेस के आंतरिक कलह का प्रमुख कारण है. कांग्रेस अन्य वरिष्ठ नेताओं के बयान से भी जूझ रही है. कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद समेत कई अन्य नेताओं ने भी कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर बयान दिए हैं.
राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक जल्द बुलाने का आग्रह किया है. बता दें कि सीडब्ल्यूसी पार्टी के निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है. आजाद ने अपने पत्र में स्थायी अध्यक्ष की जरूरत और वर्तमान परिदृश्य में पार्टी मामलों पर चर्चा करने की ओर इशारा किया और पार्टी में संगठनात्मक चुनावों की अपनी मांग दोहराई.
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इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू के प्रकरण में कांग्रेस नेता अलका लांबा ने तो यहां तक कह दिया कि सिद्धू का राजनीतिक समय पूरा हो चुका है, उन्हें वापस कपिल शर्मा शो (The Kapil Sharma Show) में जाना चाहिए. राजनीति उनके बस की नहीं है.
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अलका लांबा ने कहा कि राजनीति अति गंभीर विषय है, लेकिन सिद्धू इसको पकड़ नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे किसी पार्टी को भी नहीं पकड़ पा रहे हैं. उनको मुंबई में कपिल शर्मा मिस कर रहे हैं, उन्हें वापस चले जाना चाहिए, कांग्रेस ने तो उन पर भरोसा किया था, लेकिन उस पर वे खरे नहीं उतरे.