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Parliament News : सरकार ने लोकसभा में कहा- इस साल देश में मुसलमानों की आबादी 19.75 करोड़ रहने का अनुमान

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बताया कि 2023 में मुसलमानों की आबादी 19.75 करोड़ होगी. बता दें कि जनसंख्या पूर्वानुमान के तकनीकी समूह के मुताबिक 2023 में देश की आबादी 138.82 करोड़ होने की संभावना है.

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संसद
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Published : Jul 21, 2023, 9:35 PM IST

नई दिल्ली : देश में 2023 में मुसलमानों की संभावित जनसंख्या 19.75 करोड़ होगी. सरकार ने लोकसभा को यह जानकारी दी. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस सदस्य माला रॉय के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि जनगणना 2011 के अनुसार देश में मुसलमानों की जनसंख्या 17.22 करोड़ है जो देश की कुल आबादी का 14.2 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग के तहत जनसंख्या पूर्वानुमान के लिए गठित तकनीकी समूह की जुलाई 2020 की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में देश की संभावित आबादी 138.82 करोड़ है. जनगणना 2011 की तरह 14.2 प्रतिशत के उक्त अनुपात को लागू करते हुए 2023 में मुसलमानों की संभावित आबादी 19.75 करोड़ रहने का अनुमान है.'

डब्ल्यूएचओ चिन्हित रोगाणुओं के खिलाफ टीकों पर दो वैश्विक संस्थाओं के साथ मिलकर हो रहा है काम

सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने विश्व स्वस्थ्य संगठन द्वारा चिन्हित किए गए रोगाणुओं के खिलाफ संभावित टीकों की उपलब्धता को लेकर दो वैश्विक संस्थानों के साथ हाथ मिलाया है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने संभावित टीकों की खोज और भारत में उपलब्ध प्रौद्योगिकी को व्यवहार में लाने के लिए 'कोएलिशन फॉर एपेडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन्स' और इंटरनेशनल वैक्सीन इंस्टीट्यूट (कोरिया) के साथ समन्वय किया है. बघेल के मुताबिक, आईसीएमआर ने पोलियो के टीके के विकास के लिए तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी है.

राज्यसभा में सरकार ने कहा- आधार कार्ड धारकों के डेटा का कोई उल्लंघन नहीं

सरकार ने राज्यसभा में कहा कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा बनाए गए केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी (सीआईडीआर) से आधार कार्ड धारकों के डेटा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है, जिसमें आधार की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी का डेटाबेस बनाए रखा जाता है. इसमें यह भी कहा गया है कि सीआईडीआर बैंक डेटाबेस जैसे किसी बाहरी डेटाबेस से जुड़ा नहीं है.

यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लिखित रूप में डीएमके सांसद पी विल्सन के एक सवाल का जवाब में दी. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में कितने आधार कार्ड धारकों का डेटा लीक हुआ है. बता दें कि पिछले महीने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, एक बड़े डेटा उल्लंघन की सूचना मिली थी जिसमें कहा गया था किकोविड टीकाकरण का लाभ उठाने के लिए CoWIN ऐप पर पंजीकृत लाखों भारतीयों की निजी जानकारी कथित तौर पर लीक कर दी गई थी.

साथ ही मीडिया में रिपोर्ट में कहा गया था कि आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट विवरण जैसी व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई थी जिसमें कई बड़े राजनेताओं के नाम भी शामिल थे. कई रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि जिन व्यक्तियों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए अपने CoWIN पोर्टल को अपडेट किया था, उनके पासपोर्ट विवरण भी लीक हो गए थे.

ये भी पढ़ें- Action Taken Against Pharma Cos : घटिया दवाओं से मौत की खबरों के बाद फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी: सरकार

(एक्सट्रा इनपुट-एजेंसी)

नई दिल्ली : देश में 2023 में मुसलमानों की संभावित जनसंख्या 19.75 करोड़ होगी. सरकार ने लोकसभा को यह जानकारी दी. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस सदस्य माला रॉय के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि जनगणना 2011 के अनुसार देश में मुसलमानों की जनसंख्या 17.22 करोड़ है जो देश की कुल आबादी का 14.2 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग के तहत जनसंख्या पूर्वानुमान के लिए गठित तकनीकी समूह की जुलाई 2020 की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में देश की संभावित आबादी 138.82 करोड़ है. जनगणना 2011 की तरह 14.2 प्रतिशत के उक्त अनुपात को लागू करते हुए 2023 में मुसलमानों की संभावित आबादी 19.75 करोड़ रहने का अनुमान है.'

डब्ल्यूएचओ चिन्हित रोगाणुओं के खिलाफ टीकों पर दो वैश्विक संस्थाओं के साथ मिलकर हो रहा है काम

सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने विश्व स्वस्थ्य संगठन द्वारा चिन्हित किए गए रोगाणुओं के खिलाफ संभावित टीकों की उपलब्धता को लेकर दो वैश्विक संस्थानों के साथ हाथ मिलाया है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने संभावित टीकों की खोज और भारत में उपलब्ध प्रौद्योगिकी को व्यवहार में लाने के लिए 'कोएलिशन फॉर एपेडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन्स' और इंटरनेशनल वैक्सीन इंस्टीट्यूट (कोरिया) के साथ समन्वय किया है. बघेल के मुताबिक, आईसीएमआर ने पोलियो के टीके के विकास के लिए तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी है.

राज्यसभा में सरकार ने कहा- आधार कार्ड धारकों के डेटा का कोई उल्लंघन नहीं

सरकार ने राज्यसभा में कहा कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा बनाए गए केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी (सीआईडीआर) से आधार कार्ड धारकों के डेटा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है, जिसमें आधार की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी का डेटाबेस बनाए रखा जाता है. इसमें यह भी कहा गया है कि सीआईडीआर बैंक डेटाबेस जैसे किसी बाहरी डेटाबेस से जुड़ा नहीं है.

यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लिखित रूप में डीएमके सांसद पी विल्सन के एक सवाल का जवाब में दी. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में कितने आधार कार्ड धारकों का डेटा लीक हुआ है. बता दें कि पिछले महीने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, एक बड़े डेटा उल्लंघन की सूचना मिली थी जिसमें कहा गया था किकोविड टीकाकरण का लाभ उठाने के लिए CoWIN ऐप पर पंजीकृत लाखों भारतीयों की निजी जानकारी कथित तौर पर लीक कर दी गई थी.

साथ ही मीडिया में रिपोर्ट में कहा गया था कि आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट विवरण जैसी व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई थी जिसमें कई बड़े राजनेताओं के नाम भी शामिल थे. कई रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि जिन व्यक्तियों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए अपने CoWIN पोर्टल को अपडेट किया था, उनके पासपोर्ट विवरण भी लीक हो गए थे.

ये भी पढ़ें- Action Taken Against Pharma Cos : घटिया दवाओं से मौत की खबरों के बाद फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी: सरकार

(एक्सट्रा इनपुट-एजेंसी)

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