लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस इन दिनों राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक अंतर्कलह से जूझ रही है. राष्ट्रीय स्तर पर जहां असंतुष्ट नेताओं का जी-23 ग्रुप सक्रिय है, वहीं उत्तर प्रदेश की राजनीति में जिन लोगों को कांग्रेस ने दरकिनार किया.
उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप हाईकमान के लिए संकट का सबब बना हुआ है. आलम यह है कि इस ग्रुप में जुड़े उत्तर प्रदेश कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं को राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को फोन कर इस ग्रुप को छोड़ने के लिए कहना पड़ रहा है.
शोषित कांग्रेसी सवर्ण ग्रुप से नेता हो रहे लेफ्ट
इस ग्रुप का नाम है शोषित कांग्रेसी सवर्ण ग्रुप. इस ग्रुप में यूपी कांग्रेस से असंतुष्ट नेता और कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं. पार्टी के ऐसे नेता और कार्यकर्ता भी शामिल हैं जो इस ग्रुप की पॉलिसी से संतुष्ट हैं.
इस ग्रुप में पार्टी को लेकर जितनी भी बातें होती हैं यह बड़े नेता उन पर कोई कमेंट तो नहीं करते लेकिन वेट एंड वॉच की मुद्रा में ग्रुप में उपस्थिति दर्ज कराए रहते हैं. अब प्रियंका गांधी और उनके दफ्तर से फोन आने पर इस ग्रुप से बड़े नेता लेफ्ट हो रहे हैं.
यूपी से लेकर दिल्ली तक के बड़े नेता ग्रुप में शामिल
उत्तर प्रदेश कांग्रेस में जबसे लेफ्ट का दबदबा कायम होना शुरू हुआ है, तबसे कांग्रेस के लिए राइट माने जाने वाले नेता हाशिए पर चले गए हैं. कुछ नेताओं और पदाधिकारियों को पार्टी ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया.
इससे नाराज होकर उन्होंने व्हाट्सएप पर शोषित कांग्रेसी सवर्ण ग्रुप तैयार कर लिया और इस ग्रुप में सदस्यों की संख्या 230 से ज्यादा रखी गई है. इसमें यूपी की राजनीति में कांग्रेस पार्टी के लिए सक्रिय भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ नेता शामिल हैं. इतना ही नहीं दिल्ली तक के नेता इस ग्रुप की गतिविधियों पर नजर रखते हैं. हालांकि यह ग्रुप कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए ही बात करता है.
यूपी के नेताओं ने प्रियंका के कहने पर छोड़ा ग्रुप
शोषित कांग्रेसी सवर्ण ग्रुप से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता बताते हैं कि प्रियंका गांधी ने बड़े नेताओं को फोन करके ग्रुप छोड़ने को कहा तो अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रियंका गांधी के दफ्तर से फोन किया गया.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया डिपार्टमेंट से फोन करके तत्काल ग्रुप लेफ्ट करने के लिए कहा गया. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, प्रियंका गांधी के सलाहकार और लखनऊ लोकसभा सीट से 2019 में कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके आचार्य प्रमोद कृष्णम और हाल ही में ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की कोऑर्डिनेटर और असम की प्रभारी बनाई गईं सदफ जफर ने ग्रुप छोड़ दिया.
इसके साथ ही कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक प्रमोद पांडेय ने भी ग्रुप लेफ्ट किया. इसके अलावा भी तमाम कांग्रेसी जिला अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को भी मजबूरन ग्रुप छोड़ना पड़ा.
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प्रियंका गांधी के निजी सचिव पर भड़काने का आरोप
इस ग्रुप से जुड़े लोग बताते हैं कि कांग्रेसी विचारधारा वाले इस ग्रुप को लेकर पार्टी में आए वामपंथियों को आपत्ति है. उनका यहां तक आरोप है कि प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह वामपंथी हैं और उन्होंने नेताओं के बारे में प्रियंका गांधी को गलत तरीके से फीड किया है. किसी को सपा का करीबी बताते हुए तो किसी को भाजपा का करीबी बताया गया है. यही वजह है कि प्रियंका ने इस ग्रुप से कांग्रेस से जुड़े नेताओं को लेफ्ट करने के लिए कहा.
कांग्रेस प्रवक्ता ने दी सफाई
'ईटीवी भारत' ने इस ग्रुप में मची हलचल के बाद कांग्रेस प्रवक्ता से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बातें संज्ञान में आई है. उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया से जुड़े एक कार्यकर्ता ने पार्टी से निष्कासित होने के बाद एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है. लगातार पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व प्रियंका गांधी और प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ अभियान चलाए हुए है. उसमें हमारी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम जुड़े हुए थे. कांग्रेस में आज कोई असंतुष्ट नहीं है और सभी प्रियंका गांधी और अजय कुमार लल्लू के साथ आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में जरूरी था कि उसके ग्रुप से सबको लेफ्ट हो जाना चाहिए. इसमें कुछ भी अनुचित नहीं है.