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CAG रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने की मांग पर हाईकोर्ट ने CAG का पक्ष पूछा - CAG REPORT ISSUE

AAP और भाजपा के बीच CAG रिपोर्ट को लेकर विवाद जारी है. इस मामले के खिलाफ भाजपा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

AAP और भाजपा के बीच CAG रिपोर्ट को लेकर विवाद
AAP और भाजपा के बीच CAG रिपोर्ट को लेकर विवाद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 14, 2025, 8:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की बीजेपी विधायकों की मांग पर सीएजी से अपना पक्ष रखने को कहा है. हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट किसी वजह से पेश नहीं कर पा रही है तो उसको सार्वजनिक किया जाए. उसके बाद हाईकोर्ट ने बिना कोई नोटिस जारी किए सीएजी से उसका पक्ष पूछा.

बतादें कि इससे पहले सुनवाई के दौरान सीएजी रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने में देरी करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि कोर्ट स्पीकर को विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है. तब कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में सवाल यह है कि क्या कोर्ट अपनी ओर से स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है.

भाजपा के आप पर आरोप: सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद एक राष्ट्रीय पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस किया. क्या कोर्ट इस केस में राजनीतिक हथियार के रुप में इस्तेमाल नहीं हो रहा है. तब कोर्ट ने कहा था कि वो राजनीति में नहीं पड़ना चाहता है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने में देरी कर रहे हैं. आपको सीएजी रिपोर्ट तुरंत विधानसभा के स्पीकर को भेजना चाहिए था ताकि इस पर विधानसभा में चर्चा हो सके.

14 रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने की मांग: हाईकोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था. याचिका में दिल्ली सरकार को सीएजी की 14 रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने का आदेश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट में आश्वासन देने के बावजूद एक सप्ताह बाद भी दिल्ली सरकार ने विधानसभा के पटल पर सीएजी की रिपोर्ट सदन में नहीं रखी है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने दो से तीन दिन में सीएजी की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को भेजने का आश्वासन दिया था. इस आश्वासन के एक हफ्ते बाद तक भी आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने न तो ये रिपोर्ट्स स्पीकर को भेजी हैं और ना ही इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह दिल्ली सरकार को निर्देश जारी कर सीएजी की 14 रिपोर्ट्स को तुरंत ही स्पीकर को भेजने और इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आदेश दे.

आतिशी के निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन: याचिका में कहा गया था कि सीएजी की ये रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित हैं. और उनसे बार-बार के अनुरोध के बावजूद उन्हें उप-राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश करने के लिए नहीं भेजा गया है. याचिका में कहा गया था कि इस मामले पर याचिका दायर करने से पहले बीजेपी विधायक इस मामले पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसे लेकर बीजेपी विधायकों ने आतिशी मार्लेना के निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था.

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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की बीजेपी विधायकों की मांग पर सीएजी से अपना पक्ष रखने को कहा है. हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट किसी वजह से पेश नहीं कर पा रही है तो उसको सार्वजनिक किया जाए. उसके बाद हाईकोर्ट ने बिना कोई नोटिस जारी किए सीएजी से उसका पक्ष पूछा.

बतादें कि इससे पहले सुनवाई के दौरान सीएजी रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने में देरी करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि कोर्ट स्पीकर को विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है. तब कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में सवाल यह है कि क्या कोर्ट अपनी ओर से स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है.

भाजपा के आप पर आरोप: सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद एक राष्ट्रीय पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस किया. क्या कोर्ट इस केस में राजनीतिक हथियार के रुप में इस्तेमाल नहीं हो रहा है. तब कोर्ट ने कहा था कि वो राजनीति में नहीं पड़ना चाहता है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने में देरी कर रहे हैं. आपको सीएजी रिपोर्ट तुरंत विधानसभा के स्पीकर को भेजना चाहिए था ताकि इस पर विधानसभा में चर्चा हो सके.

14 रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने की मांग: हाईकोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था. याचिका में दिल्ली सरकार को सीएजी की 14 रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने का आदेश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट में आश्वासन देने के बावजूद एक सप्ताह बाद भी दिल्ली सरकार ने विधानसभा के पटल पर सीएजी की रिपोर्ट सदन में नहीं रखी है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने दो से तीन दिन में सीएजी की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को भेजने का आश्वासन दिया था. इस आश्वासन के एक हफ्ते बाद तक भी आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने न तो ये रिपोर्ट्स स्पीकर को भेजी हैं और ना ही इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह दिल्ली सरकार को निर्देश जारी कर सीएजी की 14 रिपोर्ट्स को तुरंत ही स्पीकर को भेजने और इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आदेश दे.

आतिशी के निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन: याचिका में कहा गया था कि सीएजी की ये रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित हैं. और उनसे बार-बार के अनुरोध के बावजूद उन्हें उप-राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश करने के लिए नहीं भेजा गया है. याचिका में कहा गया था कि इस मामले पर याचिका दायर करने से पहले बीजेपी विधायक इस मामले पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसे लेकर बीजेपी विधायकों ने आतिशी मार्लेना के निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था.

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