ETV Bharat / bharat

राष्ट्रपति ने चार वर्षीय बच्ची का बलात्कार और उसकी हत्या करने के दोषी व्यक्ति की दया याचिका खारिज की - rejects mercy petition of man convicted for raping

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने महाराष्ट्र में चार साल की बच्ची से रेप करने और उसकी हत्या करने के दोषी करार दिए गए एक व्यक्ति की दया याचिका खारिज कर दी है.

President Droupadi Murmu
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
author img

By

Published : May 4, 2023, 10:33 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने महाराष्ट्र में वर्ष 2008 में एक चार साल की बच्ची से बलात्कार करने और पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या करने के मामले में दोषी करार दिये गए एक व्यक्ति की दया याचिका खारिज कर दी है. राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी. उच्चतम न्यायालय ने तीन मई 2017 में वसंत संपत दुपारे (तब 55 वर्ष) की दया याचिका को खारिज कर दिया था और उसकी फांसी बरबरार रखी थी.

राष्ट्रपति सचिवालय को इस वर्ष 28 मार्च को इस मामले में गृह मंत्रालय की सिफारिश प्राप्त हुई थी. राष्ट्रपति सचिवालय ने 28 अप्रैल 2023 को दया याचिका की स्थिति से संबंधित अद्यतन बयान में कहा, 'राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी (10 अप्रैल को).' उच्चतम न्यायालय ने 26 नवंबर 2014 में निचली अदालत और बम्बई उच्च न्यायालय के वर्ष 2008 में चार वर्षीय लड़की से बलात्कार एवं हत्या के मामले में महाराष्ट्र के निवासी दुपारे की मौत की सजा सुनाने के फैसले को बरकरार रखा था.

शीर्ष अदालत ने 14 जुलाई 2016 में दुपारे की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जतायी थी जिसमें उसने दावा किया था कि निचली अदालत ने उसे अपनी बात रखने का उचित मौका नहीं दिया. दोषी की मौत की सजा को बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि नाबालिग लड़की से बलात्कार उसके सम्मान को राक्षसी तरीके से गर्त में दफनाना है. अदालत ने इस मामले के घटनाक्रम का हवाला देते हुए कहा कि दोषी उसका पड़ोसी था और उसने लड़की को बहलाया फुसलाया, उसका बलात्कार किया और दो बड़े पत्थरों से कुचल कर उसकी हत्या कर दी.

नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने महाराष्ट्र में वर्ष 2008 में एक चार साल की बच्ची से बलात्कार करने और पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या करने के मामले में दोषी करार दिये गए एक व्यक्ति की दया याचिका खारिज कर दी है. राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी. उच्चतम न्यायालय ने तीन मई 2017 में वसंत संपत दुपारे (तब 55 वर्ष) की दया याचिका को खारिज कर दिया था और उसकी फांसी बरबरार रखी थी.

राष्ट्रपति सचिवालय को इस वर्ष 28 मार्च को इस मामले में गृह मंत्रालय की सिफारिश प्राप्त हुई थी. राष्ट्रपति सचिवालय ने 28 अप्रैल 2023 को दया याचिका की स्थिति से संबंधित अद्यतन बयान में कहा, 'राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी (10 अप्रैल को).' उच्चतम न्यायालय ने 26 नवंबर 2014 में निचली अदालत और बम्बई उच्च न्यायालय के वर्ष 2008 में चार वर्षीय लड़की से बलात्कार एवं हत्या के मामले में महाराष्ट्र के निवासी दुपारे की मौत की सजा सुनाने के फैसले को बरकरार रखा था.

शीर्ष अदालत ने 14 जुलाई 2016 में दुपारे की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जतायी थी जिसमें उसने दावा किया था कि निचली अदालत ने उसे अपनी बात रखने का उचित मौका नहीं दिया. दोषी की मौत की सजा को बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि नाबालिग लड़की से बलात्कार उसके सम्मान को राक्षसी तरीके से गर्त में दफनाना है. अदालत ने इस मामले के घटनाक्रम का हवाला देते हुए कहा कि दोषी उसका पड़ोसी था और उसने लड़की को बहलाया फुसलाया, उसका बलात्कार किया और दो बड़े पत्थरों से कुचल कर उसकी हत्या कर दी.

ये भी पढ़ें - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- भारतीय लोक लेखा सेवा के अधिकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुकरणीय प्रणाली विकसित करें

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.