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राष्ट्रपति कोविंद रेल यात्रा कर पहुंचे अपने जन्मस्थान, जानिए स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं - राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज ट्रेन से उत्तर प्रदेश

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद अपनी पत्नी के साथ सफदरजंग रेलवे स्टेशन से यूपी के कानपुर जाने के लिए एक विशेष ट्रेन में सवार हुए. वह उत्तर प्रदेश में अपने जन्म स्थान की यात्रा कर रहे हैं. कानपुर देहात जिले के डेरापुर स्थित परौख गांव देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पैतृक गांव है, जहां पर राष्ट्रपति ने कक्षा पांच तक कि शिक्षा ग्रहण की. यहां राष्ट्रपति ने भैंस के तबेले में चलने वाले प्राथमिक विद्यालय में पांचवीं तक की शिक्षा ग्रहण की थी.

राष्ट्रपति कोविंद रेल यात्रा
राष्ट्रपति कोविंद रेल यात्रा
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Published : Jun 25, 2021, 9:03 AM IST

Updated : Jun 25, 2021, 8:05 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश में अपने जन्म स्थान की यात्रा के लिये अपनी पत्नी के साथ ट्रेन में सवार हो गए है. इस दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ सुनीत शर्मा मौजूद रहे. वह स्कूल के दिनों और समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों के साथ मुलाकात करेंगे.

परौख गांव की, जो कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पैतृक गांव है, जहां पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कक्षा पांच तक कि शिक्षा ग्रहण की. उस दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का बड़ा अभाव था और स्कूल भी बहुत कम हुआ करते थे, जिसके चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्राथमिक शिक्षा अपने बचपन के दोस्तों के साथ एक छोटे से बने तबेले में ग्रहण की, जो आज उनके दोस्तों के लिए यादों में बसा है.

राष्ट्रपति कोविंद की रेल यात्रा को लेकर उनके गांव में उत्साह

कानपुर देहात जनपद के डेरापुर स्थित परौख गांव की बात करें तो आज यहां हर प्रकार की सारी सुविधाएं हैं, जो बीते दौर में नहीं हुआ करती थीं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बचपन के मित्र ने बताया कि पहले के दौर में स्कूल बहुत कम हुआ करते थे व गांव में यही एक ऐसी जगह थी, जहां पर छोटी सी पाठशाला लगती थी. गांव के जानवर जब बाहर से चर कर आते थे तो उन्हें यहीं बांध दिया जाता था. यहीं पर हम ओर हमारे सारे दोस्त व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पढ़ा करते थे. वो बचपन से ही पढ़ने-लिखने में बहुत तेज थे.

29 जून को लौटेंगे दिल्ली
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) दिल्ली से प्रेसिडेंशियल ट्रेन से अपने गृह जनपद कानपुर के लिए रवाना हो गए हैं. इसके बाद वह 28 जून को प्रेसीडेंशियल ट्रेन (Presidential Train) से कानपुर से लखनऊ आएंगे. 72 किलोमीटर की यह यात्रा एक घंटा 20 मिनट में तय होगी. यात्रा समाप्ति के बाद 29 जून को राष्ट्रपति कोविंद विशेष उड़ान से नई दिल्ली लौटेंगे.

दो जगहों पर रूकेगी ट्रेन
इससे पहले राष्ट्रपति भवन की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद की अपने जन्मस्थान की यह पहली यात्रा होगी. हालांकि वह पहले भी यात्रा करना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका. बयान में कहा गया, ट्रेन कानपुर देहात के झिंझक और रुरा दो जगह रुकेगी, जहां राष्ट्रपति स्कूल के दिनों और समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों से मुखातिब होंगे.

पढ़ें- जानिए, राष्ट्रपति कोविंद के कानपुर आगमन पर उनके परिवार ने क्या की हैं तैयारियां

डॉ कलाम ने भी की थी रेल यात्रा
बयान के अनुसार ये दोनों जगह कानपुर देहात में राष्ट्रपति के जन्मस्थान परौंख गांव के निकट हैं. यहां 27 जून को उनके सम्मान में दो समारोहों का आयोजन किया जाएगा. इससे पहले साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने ट्रेन में सफर किया था. वह भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कैडेट की पासिंग आउट परेड में शरीक होने के लिये विशेष ट्रेन से दिल्ली से देहरादून गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश में अपने जन्म स्थान की यात्रा के लिये अपनी पत्नी के साथ ट्रेन में सवार हो गए है. इस दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ सुनीत शर्मा मौजूद रहे. वह स्कूल के दिनों और समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों के साथ मुलाकात करेंगे.

परौख गांव की, जो कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पैतृक गांव है, जहां पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कक्षा पांच तक कि शिक्षा ग्रहण की. उस दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का बड़ा अभाव था और स्कूल भी बहुत कम हुआ करते थे, जिसके चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्राथमिक शिक्षा अपने बचपन के दोस्तों के साथ एक छोटे से बने तबेले में ग्रहण की, जो आज उनके दोस्तों के लिए यादों में बसा है.

राष्ट्रपति कोविंद की रेल यात्रा को लेकर उनके गांव में उत्साह

कानपुर देहात जनपद के डेरापुर स्थित परौख गांव की बात करें तो आज यहां हर प्रकार की सारी सुविधाएं हैं, जो बीते दौर में नहीं हुआ करती थीं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बचपन के मित्र ने बताया कि पहले के दौर में स्कूल बहुत कम हुआ करते थे व गांव में यही एक ऐसी जगह थी, जहां पर छोटी सी पाठशाला लगती थी. गांव के जानवर जब बाहर से चर कर आते थे तो उन्हें यहीं बांध दिया जाता था. यहीं पर हम ओर हमारे सारे दोस्त व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पढ़ा करते थे. वो बचपन से ही पढ़ने-लिखने में बहुत तेज थे.

29 जून को लौटेंगे दिल्ली
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) दिल्ली से प्रेसिडेंशियल ट्रेन से अपने गृह जनपद कानपुर के लिए रवाना हो गए हैं. इसके बाद वह 28 जून को प्रेसीडेंशियल ट्रेन (Presidential Train) से कानपुर से लखनऊ आएंगे. 72 किलोमीटर की यह यात्रा एक घंटा 20 मिनट में तय होगी. यात्रा समाप्ति के बाद 29 जून को राष्ट्रपति कोविंद विशेष उड़ान से नई दिल्ली लौटेंगे.

दो जगहों पर रूकेगी ट्रेन
इससे पहले राष्ट्रपति भवन की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद की अपने जन्मस्थान की यह पहली यात्रा होगी. हालांकि वह पहले भी यात्रा करना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका. बयान में कहा गया, ट्रेन कानपुर देहात के झिंझक और रुरा दो जगह रुकेगी, जहां राष्ट्रपति स्कूल के दिनों और समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों से मुखातिब होंगे.

पढ़ें- जानिए, राष्ट्रपति कोविंद के कानपुर आगमन पर उनके परिवार ने क्या की हैं तैयारियां

डॉ कलाम ने भी की थी रेल यात्रा
बयान के अनुसार ये दोनों जगह कानपुर देहात में राष्ट्रपति के जन्मस्थान परौंख गांव के निकट हैं. यहां 27 जून को उनके सम्मान में दो समारोहों का आयोजन किया जाएगा. इससे पहले साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने ट्रेन में सफर किया था. वह भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कैडेट की पासिंग आउट परेड में शरीक होने के लिये विशेष ट्रेन से दिल्ली से देहरादून गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 25, 2021, 8:05 PM IST
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