ETV Bharat / bharat

MP में नाम बदलने की राजनीति जारी, जानिए अब किसकी बारी

उमा भारती के बाद सांसद साध्वी ने हलाली डैम का नाम बदलने की बात कही है. सासंद ने कहा कि भोपाल के इस्लामनगर, लालघाटी, हलाली डैम और हलालपुरा बस स्टैंड का नाम बदला जाए.

pragya thakur demand
नाम बदलने की राजनीति जारी
author img

By

Published : Jan 26, 2021, 1:24 PM IST

भोपाल : मध्यप्रदेश में नाम बदलने की सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. पिछले दिनों प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरूनानक टेकर रखने की मांग की थी. वहीं रामेश्वर शर्मा के बाद, पूर्व सीएम उमा भारती ने हलाली डैम का नाम बदलने की मांग की है. इसी तरह उमा भारती के बयान का समर्थन करते हुए भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा भी नाम बदलने की सियासत में शामिल हो गई हैं.

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि भोपाल के इस्लामनगर, लालघाटी, हलाली डैम और हलालपुरा बस स्टैंड यह सभी नाम मुस्लिम शासकों के वक्त रखे गए थे. उन्होंने कहा कि कालांतर में मुस्लिम शासकों ने लालघाटी को रक्त से लाल किया था, इसी तरह इस्लामनगर पूर्व में ईश्वर नगर हुआ करता था. उन्होंने कहा कि इन सभी स्थानों के नाम बदल कर क्रांतिकारी वीरों के नाम पर रखे जाएंगे.

सासंद ने की नाम बदलने की मांग

हलालपुरा डैम को लेकर हाल ही में उमा भारती ने भी पत्र लिखकर नाम बदलने की मांग की है. गौरतलब है कि राज्य शासन भोपाल के हलाली डैम को कोर्ट टूरिस्ट स्पॉट के रूप में डेवलप कर रही है. इसको लेकर पिछले दिनों बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को पत्र लिखकर इस स्थान का नाम बदलने का अनुरोध किया है.

किसान आंदोलन में कुछ देशद्रोही शामिल- साध्वी
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने किसान आंदोलन को लेकर कहा, इसमें कई वामपंथी और देश विरोधी लोग शामिल हो गए हैं. ऐसी विकृत मानसिकता के लोग देश को हानि पहुंचाना चाहते हैं. देश में किसानों को अपनी मांग उठाने का पूरा हक है, लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार से बात करनी चाहिए.

pragya thakur demand
सांसद ने फहराया तिरंगा

उमा भारती ने विधायक विष्णु खत्री को लिखा पत्र
उमा भारती ने विधायक विष्णु खत्री को लिखे पत्र में कहा, आपके विधानसभा क्षेत्र बैरसिया में एक चर्चित स्थल हलाली डैम का नाम बार-बार आता है जबकि मेरी जानकारी के अनुसार उसका नाम बदल चुका है. भोपाल शहर के बाहर प्रचलित हलाली नाम का स्थान एवं नदी विश्वासघात की उस कहानी की याद दिलाती है, जिसमें दोस्त मोहम्मद खां ने भोपाल के आसपास के अपने मित्र राजाओं को बुलाकर उन्हें धोखा देकर उनका सामूहिक कत्ल किया और उनके कत्ल से नदी लाल हो गई थी, हलाली स्थान उसी प्रसंग का स्मरण कराता है. विश्वासघात, धोखाधड़ी, अमानवीयता यह सब एक साथ हलाली शब्द के साथ आते हैं. तो हलाली का इतिहास जानने वालों के अंदर घृणा का संचार होता है.

'विधायक को संस्कृति मंत्री से मिलना चाहिए'
उमा भारती ने विधायक के लिए आगे लिखा कि आपको इस संबंध में पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर से मिलकर बात करनी चाहिए, मैं भी इस पत्र की एक कॉपी उनको भेज दूंगी. मैंने सुना है कि उसको एक पर्यटन केंद्र बनाया जा रहा है. क्योंकि वहां डैम है, नदी है, यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन आप तुरंत संस्कृति एवं पर्यटन विभाग से संपर्क कर घृणा पैदा करने वाले इस नाम का उल्लेख बंद करवा दीजिए.

पढ़ें: हरियाणा के बहुचर्चित महम कांड में 30 साल बाद फैसला, अभय चौटाला को राहत

भोपाल और इंदौर का नाम बदलने की हो चुकी है मांग
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का कालांतर में भोजपाल और भूपाल हुआ करता था. भोपाल का नाम फिर से भोजपाल किए जाने को लेकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा नगर निगम में प्रस्ताव लेकर आए थे, लेकिन बाद में इसे अनुमति नहीं मिली. भोपाल के उपनगर बैरागढ़ का नाम बदलकर संतहिरदाराम नगर कर दिया गया है. हालांकि, बैरागढ़ का नाम संत हरदा राम सर्वसम्मति से रखा गया है, लेकिन भोपाल की तरह इंदौर शहर का नाम बदलने पर सर्वसम्मति नहीं बनी है. इंदौर शहर का नाम इंदूर किए जाने का नगर निगम परिषद में प्रस्ताव आया था, लेकिन विरोध के बाद में मामला ठंडा हो गया. देखा जाए तो 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ब्रिटिशों ने इंदूर का नाम अंग्रेजी में INDOR था, जिसे बाद में बदल कर INDORE कर दिया गया.

इन जगहों के बदले जा चुके हैं नाम
वैसे देखा जाए तो समय-समय पर शहरों और जगहों के नाम बदले जाते रहे हैं. पिछले सालों के दौरान प्रदेश सरकार ने महू का नाम बदलकर अंबेडकर नगर कर दिया गया. इसी तरह होशंगाबाद संभाग बनने पर इसका नाम नर्मदापुरम किया गया.

भोपाल : मध्यप्रदेश में नाम बदलने की सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. पिछले दिनों प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरूनानक टेकर रखने की मांग की थी. वहीं रामेश्वर शर्मा के बाद, पूर्व सीएम उमा भारती ने हलाली डैम का नाम बदलने की मांग की है. इसी तरह उमा भारती के बयान का समर्थन करते हुए भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा भी नाम बदलने की सियासत में शामिल हो गई हैं.

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि भोपाल के इस्लामनगर, लालघाटी, हलाली डैम और हलालपुरा बस स्टैंड यह सभी नाम मुस्लिम शासकों के वक्त रखे गए थे. उन्होंने कहा कि कालांतर में मुस्लिम शासकों ने लालघाटी को रक्त से लाल किया था, इसी तरह इस्लामनगर पूर्व में ईश्वर नगर हुआ करता था. उन्होंने कहा कि इन सभी स्थानों के नाम बदल कर क्रांतिकारी वीरों के नाम पर रखे जाएंगे.

सासंद ने की नाम बदलने की मांग

हलालपुरा डैम को लेकर हाल ही में उमा भारती ने भी पत्र लिखकर नाम बदलने की मांग की है. गौरतलब है कि राज्य शासन भोपाल के हलाली डैम को कोर्ट टूरिस्ट स्पॉट के रूप में डेवलप कर रही है. इसको लेकर पिछले दिनों बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को पत्र लिखकर इस स्थान का नाम बदलने का अनुरोध किया है.

किसान आंदोलन में कुछ देशद्रोही शामिल- साध्वी
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने किसान आंदोलन को लेकर कहा, इसमें कई वामपंथी और देश विरोधी लोग शामिल हो गए हैं. ऐसी विकृत मानसिकता के लोग देश को हानि पहुंचाना चाहते हैं. देश में किसानों को अपनी मांग उठाने का पूरा हक है, लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार से बात करनी चाहिए.

pragya thakur demand
सांसद ने फहराया तिरंगा

उमा भारती ने विधायक विष्णु खत्री को लिखा पत्र
उमा भारती ने विधायक विष्णु खत्री को लिखे पत्र में कहा, आपके विधानसभा क्षेत्र बैरसिया में एक चर्चित स्थल हलाली डैम का नाम बार-बार आता है जबकि मेरी जानकारी के अनुसार उसका नाम बदल चुका है. भोपाल शहर के बाहर प्रचलित हलाली नाम का स्थान एवं नदी विश्वासघात की उस कहानी की याद दिलाती है, जिसमें दोस्त मोहम्मद खां ने भोपाल के आसपास के अपने मित्र राजाओं को बुलाकर उन्हें धोखा देकर उनका सामूहिक कत्ल किया और उनके कत्ल से नदी लाल हो गई थी, हलाली स्थान उसी प्रसंग का स्मरण कराता है. विश्वासघात, धोखाधड़ी, अमानवीयता यह सब एक साथ हलाली शब्द के साथ आते हैं. तो हलाली का इतिहास जानने वालों के अंदर घृणा का संचार होता है.

'विधायक को संस्कृति मंत्री से मिलना चाहिए'
उमा भारती ने विधायक के लिए आगे लिखा कि आपको इस संबंध में पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर से मिलकर बात करनी चाहिए, मैं भी इस पत्र की एक कॉपी उनको भेज दूंगी. मैंने सुना है कि उसको एक पर्यटन केंद्र बनाया जा रहा है. क्योंकि वहां डैम है, नदी है, यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन आप तुरंत संस्कृति एवं पर्यटन विभाग से संपर्क कर घृणा पैदा करने वाले इस नाम का उल्लेख बंद करवा दीजिए.

पढ़ें: हरियाणा के बहुचर्चित महम कांड में 30 साल बाद फैसला, अभय चौटाला को राहत

भोपाल और इंदौर का नाम बदलने की हो चुकी है मांग
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का कालांतर में भोजपाल और भूपाल हुआ करता था. भोपाल का नाम फिर से भोजपाल किए जाने को लेकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा नगर निगम में प्रस्ताव लेकर आए थे, लेकिन बाद में इसे अनुमति नहीं मिली. भोपाल के उपनगर बैरागढ़ का नाम बदलकर संतहिरदाराम नगर कर दिया गया है. हालांकि, बैरागढ़ का नाम संत हरदा राम सर्वसम्मति से रखा गया है, लेकिन भोपाल की तरह इंदौर शहर का नाम बदलने पर सर्वसम्मति नहीं बनी है. इंदौर शहर का नाम इंदूर किए जाने का नगर निगम परिषद में प्रस्ताव आया था, लेकिन विरोध के बाद में मामला ठंडा हो गया. देखा जाए तो 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ब्रिटिशों ने इंदूर का नाम अंग्रेजी में INDOR था, जिसे बाद में बदल कर INDORE कर दिया गया.

इन जगहों के बदले जा चुके हैं नाम
वैसे देखा जाए तो समय-समय पर शहरों और जगहों के नाम बदले जाते रहे हैं. पिछले सालों के दौरान प्रदेश सरकार ने महू का नाम बदलकर अंबेडकर नगर कर दिया गया. इसी तरह होशंगाबाद संभाग बनने पर इसका नाम नर्मदापुरम किया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.