वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में भगवान राम की तस्वीर की जगह अपनी फोटो लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विवादित पोस्टर के विरोध में सावरकर विद्यार्थी मंच (Savarkar Vidyarthi Manch) ने कैंपस के प्रमुख चौराहों और डिपार्टमेंट के बाहर एक दूसरा पोस्टर लगाया है. आरोप है कि 14 फरवरी को प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के एक असिस्टेंट प्रोफेसर (Accused of Assistant Professor) ने भगवान राम की तस्वीर में अपनी फोटो लगा दी.
बताया जा रहा है कि दृश्य कला संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर अमरेश कुमार ने भगवान राम की तस्वीर की जगह अपना फोटो लगाकर विवादित पोस्टर बनाकर प्रदर्शित किया था. छात्रों ने इसकी शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन से की थी. लेकिन, कोई कार्यवाही न होने के चलते सावरकर विद्यार्थी मंच ने उस तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए शनिवार को एक और पोस्टर लगाया है, जिसमें लिखा है- 'अब हिंदुओं के आराध्य प्रभु श्रीराम का अपमान कार्यवाही कब? हिंदू कब तक अपमान सहोगे?'
बता दें कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने इस मामले में दृश्य कला संकाय प्रमुख का घेराव किया. उनसे संबंधित प्रोफेसर को निलंबित करने और संकाय प्रमुख के इस्तीफे की मांग की. छात्रों ने लंका थाने में संबंधित प्रोफेसर के खिलाफ लिखित शिकायत भी की थी. लेकिन, अभी उस पर कोई कार्रवाई न होने पर छात्रों में आक्रोश देखने को मिला. छात्रों का कहना है पूरा घटनाक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से सुनियोजित है. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में लगातार कुछ समय से सनातन धर्म के आराध्य, मूल प्रतीकों और मान्यताओं के खिलाफ कुठाराघात किया जा रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन मूकदर्शक बना देख रहा है.
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छात्र आशीर्वाद दुबे ने बताया कि मामला लगभग 4 दिन पुराना है. असिस्टेंट प्रोफेसर अमरेश कुमार ने भगवान राम के स्थान पर अपना और मां सीता के स्थान पर अपनी पत्नी का फोटो लगाया है. जो करोड़ों हिंदुओं की आस्था के खिलाफ है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चरित्र के खिलाफ है. छात्रों ने घेराव किया था, लंका थाने में लिखित शिकायत भी की थी, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद यह पोस्टर सावरकर विद्यार्थी मंच की तरफ से लगाया गया है. वहीं, मामले में आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर अमरेश कुमार कुछ भी बोलने और सामने आने से बच रहे हैं. जबकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी मामले पर चुप्पी साध ली है.