हैदराबाद: तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं वोटों की गिनती 3 दिसंबर को जाएगी. लेकिन विधानसभा चुनावों में लोगों के द्वारा मतदान केंद्र पर वोट डालते समय किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाती है. इससे इतर डाक मतपत्रों का उपयोग करके कर्मचारियों द्वारा डाले गए वोट बड़ी संख्या में अमान्य हो जाते हैं. इससे जिन सीटों पर हार-जीत का अंतर बहुत कम होता है वहां पर ये निर्णायक साबित हो सकते हैं. इसलिए डाक मतपत्र के जरिए मतदान करते समय सावधानी बरती जानी चाहिए जिससे वे अमान्य नहीं हो सकें.
बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में कलवाकुर्ती में जीत का अंतर महज 78 वोटों का था. उस चुनाव में 1148 डाक डाले गए थे जिनमें से 519 अवैध हो गए थे. इसी चुनाव में आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी में जीतने वाले उम्मीदवार को 12 वोटों की बढ़त मिली थी. इसमें 1051 पोस्टल वोट थे, इनमें से 59 अवैध थे.
इसी तरह आंध्र प्रदेश के 2019 विधानसभा चुनाव में विजयवाड़ा सेंट्रल में जीत का अंतर 25 था. इसमें गिने गए 627 डाक मतों में से 319 अवैध हो गए थे. इसी तरह 2009 में मुथोल में जीतने वाले उम्मीदवार को 183 वोटों की बढ़त मिली थी. यहां 554 पोस्टल वोट गिने गए थे लेकिन इनमें से 454 खारिज कर दिए गए. वहीं 2018 के चुनावों में दोर्नाकल, खैरताबाद, जुबली हिल्स, सनतनगर, निर्मल और अन्य सहित 20 निर्वाचन क्षेत्रों में 10 प्रतिशत से अधिक पोस्टल वोट अवैध दर्ज किए गए थे.
बता दें कि चुनाव कर्तव्यों के प्रशिक्षण के साथ-साथ कर्मचारियों को डाक मतपत्रों के उपयोग के बारे में भी जागरूक किया जाता है. हालांकि, कई वोट गलतियों और अलग होने के कारण अमान्य हो जाते हैं. मतदाता सूची के अनुसार घोषणा पत्र और मतपत्र पर कर्मचारी का पूरा नाम, पता और क्रमांक अंकित होना चाहिए. इनमें से किसी में भी गलती होने पर वोट पर विचार नहीं किया जाएगा. साथ ही घोषणा पत्र पर राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर होने चाहिए. कई लोग बिना हस्ताक्षर के ही डाक मतपत्र में मतदान कर रहे हैं.
कर्मचारियों के घोषणा पत्र गुलाबी कवर पर और मतपत्र नीले कवर पर दिए जाएंगे. मतदान के बाद संबंधित दस्तावेजों को उसी लिफाफे में रखा जाना चाहिए और सील किया जाना चाहिए. कुछ लोग घोषणा पत्र को नीले लिफाफे में और मतपत्र को गुलाबी लिफाफे में रखकर सील कर देते हैं. अन्य पर सीलिंग भी नहीं हो रही है. इस तरह के वोट अमान्य हो जाते हैं. साथ ही पसंद के उम्मीदवार के लिए मतपत्र में निर्दिष्ट बॉक्स में टिक या क्रॉस का निशान लगाया जाना चाहिए. सेल से आगे जाने वाला निशान वोट के रूप में नहीं गिना जाता है. अन्य लोग जिस उम्मीदवार को पसंद करते हैं उसके बॉक्स में टिक का निशान लगाते हैं और जिस उम्मीदवार को वे पसंद नहीं करते उसके बॉक्स में निशान लगाया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि होने जा रहे तेलंगाना विधानसभा चुनाव में करीब 4.50 लाख मतदान अधिकारी और कर्मचारी पोस्टल बैलेट सुविधा का प्रयोग कर रहे हैं. इससे पहले डाक मतपत्र की सुविधा केवल सैन्य कर्मचारियों और चुनाव कर्तव्यों में भाग लेने वाले कर्मियों के लिए उपलब्ध थी. इस बार चुनाव आयोग ने हवाई अड्डे, रेलवे, ऑल इंडिया रेडियो, प्रेस सूचना ब्यूरो, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क और भवन, नागरिक आपूर्ति, अग्निशमन विभाग, मीडिया, बीएसएनएल और एफसीआई विभागों के कर्मचारियों को डाक मतपत्र की सुविधा भी प्रदान की है.
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