नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बात की. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन संकट को बातचीत और कूटनीति के जरिए सुलझाने के भारत के पुराने रुख को दोहराया. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान में कहा गया कि टेलीफोन पर बातचीत के दौरान, दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा और खाद्य बाजारों की स्थिति सहित वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की.
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Prime Minister Narendra Modi speaks to Russian President Vladimir Putin on telephone
— ANI (@ANI) July 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Both the leaders reviewed the implementation of the decisions taken during Putin's visit to India along with discussing bilateral trade & various other global issues
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— ANI (@ANI) July 1, 2022
Both the leaders reviewed the implementation of the decisions taken during Putin's visit to India along with discussing bilateral trade & various other global issues
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Both the leaders reviewed the implementation of the decisions taken during Putin's visit to India along with discussing bilateral trade & various other global issues
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इसके मुताबिक, दोनों नेताओं ने दिसंबर 2021 में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की समीक्षा की. बयान के मुताबिक, उन्होंने विशेष रूप से कृषि वस्तुओं, उर्वरकों और फार्मा उत्पादों में द्विपक्षीय व्यापार को कैसे और प्रोत्साहित किया जा सकता है, इस पर विचारों का आदान-प्रदान किया. पीएमओ ने कहा, 'यूक्रेन में मौजूदा स्थिति के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने वार्ता और कूटनीति के समर्थन में भारत के पुराने रुख को दोहराया.'
इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों पर नियमित परामर्श जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की. पुतिन के साथ बातचीत के कुछ दिनों पहले मोदी ने यूक्रेन संकट के एक स्पष्ट संदर्भ में उल्लेख किया था कि जी -7 और जर्मनी में इसके शिखर सम्मेलन में आमंत्रित देश वैश्विक तनाव के माहौल के बीच मिल रहे हैं और जोर देकर कहा था कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है.
उन्होंने जी-7 शिखर सम्मेलन में अपनी टिप्पणी में कहा था, 'मौजूदा हालात में भी हमने लगातार बातचीत और कूटनीति के रास्ते का आग्रह किया है. इस भू-राजनीतिक तनाव का असर सिर्फ यूरोप तक ही सीमित नहीं है. ऊर्जा और खाद्यान्न की बढ़ती कीमतें सभी देशों को प्रभावित कर रही हैं.' उन्होंने यह भी कहा था कि विकासशील देशों की ऊर्जा और सुरक्षा विशेष रूप से जोखिम में है. यूक्रेन में संघर्ष के बीच मोदी ने खाद्य सुरक्षा पर भी चिंता जताई थी. गौरतलब है कि 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेनी पर हमला किया था.
पढ़ें- पुतिन ने मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति पर की चर्चा